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हरियाणा: सितंबर में हुई बारिश से धान की फसल को हुआ फायदा, बढ़ा भूमिगत जलस्तर - भारी बारिश कपास फसल बर्बाद

Haryana Rain effect on Crop: हरियाणा में सितंबर महीने में झमाझम बारिश हुई. इस बारिश का सीधा असर किसानों की फसलों पर हुआ है. कृषि विभाग के मुताबिक सितंबर में हुई बारिश ने धान और चारे की फसल को काफी फायदा पहुंचाया है.

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हरियाणा: सितंबर में हुई बारिश से धान की फसल को फायदा
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Published : Sep 17, 2021, 4:25 PM IST

भिवानी: हरियाणा प्रदेश में इस साल सितंबर महीने में बेहतरीन बारिश दर्ज की गई, जिसके चलते धान की बंपर फसल होने की उम्मीद है. भिवानी जिला में सितंबर महीने में अब तक 56mm बारिश दर्ज की गई है, जिससे ना केवल फसलों को पानी मिला है, बल्कि भूमिगत जलस्तर में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई हैं. इसके साथ ही गर्मी से भी राहत मिली है. बेहतरीन बारिश के चलते जहां धान बोने वाले किसानों ने खुशी जाहिर की है, वहीं कपास की फसल में हल्का नुकसान भी हुआ है.

भिवानी के जिला कृषि अधिकारी डॉ. बलबीर शर्मा ने बताया कि इस साल 1995 के बाद साल 2021 में अब तक की सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. जिले में कपास की दो लाख एकड़ में बुआई की गई है. वहीं मूंग की बुआई एक लाख 10 हजार एकड़ में, बाजरे की बुआई एक लाख 37 हजार एकड़ और ग्वार की बुआई 46 हजार एकड़ में की गई हैं. उन्होंने कहा कि सितंबर माह में हुई बारिश से धान और चारे वाली फसलों को अच्छा लाभ हुआ है.

कृषि अधिकारी डॉ. बलबीर शर्मा के मुताबिक अच्छी बारिश का प्रभाव भूमिगत जलस्तर पर भी पड़ा है. अच्छी बारिश के चलते सरसों की अगेती बिजाई भी किसान कर पाएंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि भिवानी जिला में कपास की लगभग 12 हजार एकड़ में सर्वे बोर्ड के अनुसार कुछ नुकसान हुआ है, इसकी रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है, ताकि किसानों के नुकसान की कुछ भरपाई की जा सकें.

Paddy crop benefits by heavy rain
बारिश से कपास की फसल को हुआ नुकसान

ये पढे़ें- जीरो बजट फॉर्मिंग : ऐसे करिये बिना लागत के खेती, होगी लाखों की कमाई

वहीं भिवानी जिला के किसान सतबीर, जयपाल व यशपाल ने बताया कि सितंबर माह में हुई बारिश के चलते उनकी धान की फसल को काफी फायदा हुआ है. गांव के जोहड़ और तालाबों में पानी पर्याप्त मात्रा में पहुंच गया हैं. उन्हे अब नहरी पानी व ट्यूव्बैल पर निर्भर रहने की जरूरत बरसात के चलते नहीं पड़ी. वहीं भूमिगत जलस्तर भी ऊंचा उठा हैं. किसानों ने बताया कि अच्छी बरसात के चलते घास के मैदानों में मवेशियों के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा भी उत्पन्न हो गया है. इससे उनके पशुओं के लिए चारे की चिंता खत्म हो गई है.

ये भी पढ़ें-हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : शादीशुदा होकर भी किसी अन्य के साथ संबंध में रहना अपराध नहीं

भिवानी: हरियाणा प्रदेश में इस साल सितंबर महीने में बेहतरीन बारिश दर्ज की गई, जिसके चलते धान की बंपर फसल होने की उम्मीद है. भिवानी जिला में सितंबर महीने में अब तक 56mm बारिश दर्ज की गई है, जिससे ना केवल फसलों को पानी मिला है, बल्कि भूमिगत जलस्तर में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई हैं. इसके साथ ही गर्मी से भी राहत मिली है. बेहतरीन बारिश के चलते जहां धान बोने वाले किसानों ने खुशी जाहिर की है, वहीं कपास की फसल में हल्का नुकसान भी हुआ है.

भिवानी के जिला कृषि अधिकारी डॉ. बलबीर शर्मा ने बताया कि इस साल 1995 के बाद साल 2021 में अब तक की सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. जिले में कपास की दो लाख एकड़ में बुआई की गई है. वहीं मूंग की बुआई एक लाख 10 हजार एकड़ में, बाजरे की बुआई एक लाख 37 हजार एकड़ और ग्वार की बुआई 46 हजार एकड़ में की गई हैं. उन्होंने कहा कि सितंबर माह में हुई बारिश से धान और चारे वाली फसलों को अच्छा लाभ हुआ है.

कृषि अधिकारी डॉ. बलबीर शर्मा के मुताबिक अच्छी बारिश का प्रभाव भूमिगत जलस्तर पर भी पड़ा है. अच्छी बारिश के चलते सरसों की अगेती बिजाई भी किसान कर पाएंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि भिवानी जिला में कपास की लगभग 12 हजार एकड़ में सर्वे बोर्ड के अनुसार कुछ नुकसान हुआ है, इसकी रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है, ताकि किसानों के नुकसान की कुछ भरपाई की जा सकें.

Paddy crop benefits by heavy rain
बारिश से कपास की फसल को हुआ नुकसान

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वहीं भिवानी जिला के किसान सतबीर, जयपाल व यशपाल ने बताया कि सितंबर माह में हुई बारिश के चलते उनकी धान की फसल को काफी फायदा हुआ है. गांव के जोहड़ और तालाबों में पानी पर्याप्त मात्रा में पहुंच गया हैं. उन्हे अब नहरी पानी व ट्यूव्बैल पर निर्भर रहने की जरूरत बरसात के चलते नहीं पड़ी. वहीं भूमिगत जलस्तर भी ऊंचा उठा हैं. किसानों ने बताया कि अच्छी बरसात के चलते घास के मैदानों में मवेशियों के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा भी उत्पन्न हो गया है. इससे उनके पशुओं के लिए चारे की चिंता खत्म हो गई है.

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