भिवानी: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पूरी दुनिया में अलग-अलग तरीके से इस दिन को मनाया गया. भारत में भी कई जगह पिंक मैराथन जैसी पहल की गई. लेकिन भिवानी में इस दिवस को सबसे अनुठे तरीके से मनाया गया. अलखपुरा गांव में एक फुटबॉल मैच का आयोजन किया और गांव की बुजुर्ग महिलाओं को मैच में खिलाया गया. महिलाओं को तैयार करने के लिए पहले रोमांचक खेल करवाए और बॉल का बेलेंस बनवाया गया, फिर थकान उतारने के लिए नाच-गाना करवाया गया.
बता दें कि 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस होता है और महिला दिवस को यादगार बनाने के लिए गांव अलखपुरा में इस दिवस को सबसे अनुठे रूप से मनाया गया. गौरतलब है कि इस गांव के हर घर की बेटी फुटबॉल खेलती है. ये बेटियां अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाकर कई बार देश का नाम रोशन कर चुकी हैं.
इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अनुठे रूप से मनाने का बीडा गांव की फुटबॉल कोच सोनिका बिजारणिया ने उठाया. अपनी बेटियों व पौतियों के मैदान में उतरी इन महिलाओं ने बताया कि आज उन्हे उनका बचपन याद आ गया. कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हे लगता था कि बेटियां बड़ी आसानी से खेलती है और मौज मारती है, लेकिन आज पता चला कि कितनी मेहनत करनी पड़ती है.कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हे उनके मां-बाप ने कभी खेलने का मौका नहीं दिया, लेकिन अब वो अपनी बेटियों व पौतियों को इससे वंचित नहीं रहने देंगी. वहीं कुछ महिलाओं ने हर मां-बाप से अपील की कि वो अपनी बेटियों को खिलाएं और आगे बढाएं.
वही कोच सोनिका बिजराणिया ने बताया कि अलखपुरा गांव के हर घर की बेटी यहां फुटबॉल खेलती है. बावजूद इसके अक्सर मां-बाप अपनी बेटियों की बजाय बेटों के खानपान, खेल व पढ़ाई पर ज्यादा ध्याद देते हैं. उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य उनकी बेटियों की हिम्मत और मेहनत को आगे बढाने का था.