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तारीख पर तारीख का ढोंग करके सरकार किसानों को थकाना चाहती है- कुंडू

विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि तीनों काले कानून डेथ वारंट के समान हैं जो किसानों और हमारी आने वाली नस्लों को मार डालेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र को कॉरपोरेट सेक्टर के अपने मित्रों की चिंता है देश के गरीब किसान की नहीं.

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विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि तीनों काले कानून डेथ वारंट के समान हैं जो किसानों और हमारी आने वाली नस्लों को मार डालेंगे.
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Published : Jan 9, 2021, 6:43 PM IST

भिवानी: किसान आंदोलन को मजबूती देने के लिए महम विधायक बलराज कुंडू शनिवार को भिवानी के कितलाना टोल धरने पर पहुंचे. दीनबन्धु चौ. छोटूराम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किसानों को सम्बोधित करते हुए बलराज कुंडू ने कहा कि बातचीत के लिए तारीख पर तारीख का ढोंग करके केंद्र सरकार हम किसानों को थका देना चाहती है.

सरकार सोचती है कि किसानों को ऐसे ही बातचीत लंबी खींचकर थका देगी और किसान धीरे-धीरे वापस लौटने लगेंगे लेकिन सरकार को यह मुगालता त्याग देना चाहिए,क्योंकि यह लड़ाई कोई कुर्सी या सत्ता के लिए नहीं बल्कि किसान के पेट और बच्चों के भविष्य की लड़ाई है.

'बिना मांगे मनवाए नहीं मानेंगे'

उन्होंने कहा कि बिना तीनों कानून रद्द हुए और अपनी मांगें मनवाए हम एक इंच भी पीछे कदम नहीं हटेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा इस बात को पूरी तरह से साफ कर चुका है कि हम या तो मरेंगे या फिर जीतेंगे. उनका कहना है कि तीनों काले कानूनों को रद्द किए जाने से कम पर कोई समझौता नहीं चाहिए.

'सरकार की नीयत में खोट है'

कुंडू ने कहा कि दरअसल, सरकार की नीयत में ही खोट है और देश भर के किसान ये बात अच्छे से समझ चुके हैं कि ये तीनों काले कानून डेथ वारंट के समान हैं जो किसानों और हमारी आने वाली नस्लों को मार डालेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र को कॉरपोरेट सेक्टर के अपने मित्रों की चिंता है देश के गरीब किसान की नहीं.

'ट्रैक्टर मार्च तो बस ट्रेलर है'

कुंडू ने कहा कि सात जनवरी को केएमपी हाईवे का ट्रैक्टर मार्च तो सिर्फ एक ट्रेलर मात्र ही था, सरकार नहीं मानी तो 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ऐतिहासिक ट्रैक्टर परेड होगी, जिसे दुनियां देखेगी. अब भी वक्त है केंद्र सरकार किसानों से माफी मांगते हुए सभी मांगें स्वीकार कर एमएसपी की गारंटी का कानून लेकर आये. अपने सम्बोधन में कुंडू ने किसान एकता पर भी जोर दिया और कहा कि जो नेता किसानों के संघर्ष में साथ आकर खड़ा ना हो उन नेताओं को सबक सिखाने का वक्त भी आ गया है.

भिवानी: किसान आंदोलन को मजबूती देने के लिए महम विधायक बलराज कुंडू शनिवार को भिवानी के कितलाना टोल धरने पर पहुंचे. दीनबन्धु चौ. छोटूराम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किसानों को सम्बोधित करते हुए बलराज कुंडू ने कहा कि बातचीत के लिए तारीख पर तारीख का ढोंग करके केंद्र सरकार हम किसानों को थका देना चाहती है.

सरकार सोचती है कि किसानों को ऐसे ही बातचीत लंबी खींचकर थका देगी और किसान धीरे-धीरे वापस लौटने लगेंगे लेकिन सरकार को यह मुगालता त्याग देना चाहिए,क्योंकि यह लड़ाई कोई कुर्सी या सत्ता के लिए नहीं बल्कि किसान के पेट और बच्चों के भविष्य की लड़ाई है.

'बिना मांगे मनवाए नहीं मानेंगे'

उन्होंने कहा कि बिना तीनों कानून रद्द हुए और अपनी मांगें मनवाए हम एक इंच भी पीछे कदम नहीं हटेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा इस बात को पूरी तरह से साफ कर चुका है कि हम या तो मरेंगे या फिर जीतेंगे. उनका कहना है कि तीनों काले कानूनों को रद्द किए जाने से कम पर कोई समझौता नहीं चाहिए.

'सरकार की नीयत में खोट है'

कुंडू ने कहा कि दरअसल, सरकार की नीयत में ही खोट है और देश भर के किसान ये बात अच्छे से समझ चुके हैं कि ये तीनों काले कानून डेथ वारंट के समान हैं जो किसानों और हमारी आने वाली नस्लों को मार डालेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र को कॉरपोरेट सेक्टर के अपने मित्रों की चिंता है देश के गरीब किसान की नहीं.

'ट्रैक्टर मार्च तो बस ट्रेलर है'

कुंडू ने कहा कि सात जनवरी को केएमपी हाईवे का ट्रैक्टर मार्च तो सिर्फ एक ट्रेलर मात्र ही था, सरकार नहीं मानी तो 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ऐतिहासिक ट्रैक्टर परेड होगी, जिसे दुनियां देखेगी. अब भी वक्त है केंद्र सरकार किसानों से माफी मांगते हुए सभी मांगें स्वीकार कर एमएसपी की गारंटी का कानून लेकर आये. अपने सम्बोधन में कुंडू ने किसान एकता पर भी जोर दिया और कहा कि जो नेता किसानों के संघर्ष में साथ आकर खड़ा ना हो उन नेताओं को सबक सिखाने का वक्त भी आ गया है.

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