भिवानी: राजस्थान से सटे अर्ध मरुस्थलीय क्षेत्र भिवानी जिला में ठंड के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. लगातार तीसरे दिन सुबह में घना कोहरा छाया रहा. सड़कों पर कम ही लोग दिखे. वाहनों की रफ्तार धीमी ही रही. मजदूरों को काम मिलने में दिक्कत हो रही है. दुकानदारों के पास ग्राहक नहीं आ रहे हैं. लेकिन किसानों की फसल के लिए ऐसा माहौल बेहतर है.
कोहरे की चादर में लिपटा भिवानी: कमोबेश पूरा हरियाणा ही कोहरे की घने चादर में लिपटा हुआ है. भिवानी जिले में भी ऐसी ही स्थिति है. लगातार तीसरे दिन सुबह में घना कोहरा देखने को मिला. भिवानी वासी आज सुबह जब उठे तो उन्हें घने कोहरे से सामना हुआ. कोहरा ऐसा घना कि दस मीटर की दूरी तक भी देख पाना मुश्किल हो रहा था. लोगों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है.
ठंड से बढ़ी परेशानी: ठंड और कोहरे के कारण अधिकांश लोग घरों में ही रहना बेहतर समझ रहे हैं. जरूरत होने पर ही निकल रहे हैं. इसका असर बाजार से लेकर हर दिन कमाने और खाने वालों पर भी पड़ रहा है. बाजार में ग्राहक कम आ रहे हैं. लिहाजा दुकानदारों की सेल घट गयी है. पवन नाम के फल दुकानदार ने बताया कि पहले वह केले के चार कैरेट बेचता था लेकिन अब मात्र एक कैरेट ही बेच पा रहा है. वहीं रामचंद्र नाम के दैनिक मजदूर का कहना था कि काम ही नहीं मिल रहा है. घंटों खड़े रहते हैं लेकिन काम देने वाला कोई मिल ही नहीं रहा है.
गेहूं की फसल को फायदा: कृषि विशेषज्ञों के अनुसार कोहरा और बढ़ी हुई सर्दी गेहूं की बंपर पैदावार में लाभदायक होगी. इसके अलावा मौसमी सब्जियों की फसलों को भी फायदा होगा. कृषि विशेषज्ञों की किसानों को सलाह है कि 30 से 35 दिनों के अंतराल पर खरपतरवारनाशी का जरूर प्रयोग करें, ताकि खरपतवार नष्ट हो सके. वहीं उन्होंने किसानों को इस क्षेत्र में बोई जाने वाली दूसरी मुख्य फसल सरसों की फसल को बदलते मौसम से बचाए जाने की भी अपील की.
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