भिवानी: पूर्व कैबिनेट मंत्री किरण चौधरी ने ग्राम सचिव की भर्ती परीक्षा रद्द करने के फैसले की आलोचना की है. किरण चौधरी ने कहा कि पेपर लीक होना और भर्ती रद्द होना युवाओं के साथ मजाक है. उन्होंने सरकार से सवाल किया कि भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शिता के साथ नौकरियां देने का दावा करने वाली बीजेपी सरकार को बार-बार पेपर क्यों रद्द करना पड़ा रहा है.
किरण चौधरी ने कहा कि साल 2016 से प्रदेश में पेपर लीक का सिलसिला जारी है. कई भर्ती रद्द हो चुकी हैं. बार-बार ऐसा होने से साफ जाहिर है कि सरकार की कार्यशैली में कहीं न कहीं खोट है. पेपर लीक से जुड़े लोगों पर सरकार ठोस कार्रवाई करती तो बार-बार पेपर लीक नहीं होते. दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई न करने की वजह से सरकार की कार्यशैली भी संदेह के दायरे में है.
पेपर लीक और भर्ती रद्द होना युवाओं के जले पर नमक छिड़कने जैसा: किरण चौधरी
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने कहा कि हरियाणा के युवाओं पर पहले ही बेरोजगारी की मार सबसे ज्यादा है. बेरोजगारी के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा बेरोजगारी में अव्वल नंबर पर है. बार-बार पेपर लीक और भर्ती रद्द होना युवाओं के जले पर नमक छिड़कने जैसा है. उन्होंने ग्राम सचिव परीक्षा लीक होने के मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ जल्द कठोर कार्रवाई करने की मांग की.
'प्रदेश सरकार को युवाओं के बर्बाद हुए पैसे की करनी चाहिए भरपाई'
किरण चौधरी ने बताया कि प्रदेश के छह लाख से ज्यादा युवाओं ने 9 और 10 जनवरी को ग्राम सचिव की लिखित परीक्षा दी थी. भर्ती रद्द होने के कारण लाखों युवाओं की मेहनत, पैसा और समय बर्बाद हुआ है. राज्य सरकार को इसकी भरपाई करनी चाहिए.