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'बीजेपी-जेजेपी सरकार ने हरियाणा की अर्थव्यवस्था को निम्न स्तर पर पहुंचा दिया है'

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हरियाणा को मिली रैंकिंग पर राजनीति का विषय बन गई है. विपक्ष लगातार हरियाणा सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा कर रहा है. अब कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया है.

kiran chaudhary
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Published : Sep 7, 2020, 6:15 PM IST

भिवानी: तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने कहा कि हरियाणा पहले व्यापार और व्यापारियों के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने वाला राज्य था. हरियाणा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में पहले तीसरे नंबर पर था, जो अब 16वें नंबर पर चला गया है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में इस समय भाजपा-जेजेपी के अकुशल शासन में राज्य की अर्थव्यवस्था, जोकि निम्न स्तर पर चली गई है, वो बहुत ही हानिकारक है.

किरण चौधरी ने कहा कि रूढ़िवादी अनुमान के अनुसार देश में लगभब 122 मिलियन लोग आर्थिक संकट से प्रभावित या सामना कर रहे हैं. कोरोना महामारी और कठोर तालाबंदी के कारण लगभग 18.6 मिलियन वेतनभोगी व्यक्तियों ने अपना रोजगार खो दिया है.

ये भी पढ़ें- सीएम मनोहर लाल ने लॉन्च किया ऑनलाइन एडमिशन प्लेटफॉर्म, घर बैठे मिलेगा दाखिला

उन्होंने कहा कि इस मंदी के कारण हरियाणा में सीएमआईई द्वारा अगस्त 2020 के सर्वेक्षण में राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 8.35 प्रतिशत के मुकाबले 33.5 प्रतिशत की बेरोजगारी दर में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है, जो कि अत्यंत निराशाजनक है. 5.85 लाख करोड़ रुपये के निवेश के दावों को भी झुठलाता है.

उन्होंने कहा कि वास्तविक निवेश जो वादे के अनुसार 5 प्रतिशत से कम था, इस प्रकार आकर्षक पैकेजिंग के नीचे छिपी वास्तविकता को उजागर करता है. हरियाणा सरकार द्वारा स्थानीय राज्य अध्यादेश के 2020 राज्य रोजगार का उल्लेख करते हुए बताया कि ये अध्यादेश नई इकाइयों पर लागू होता है और पुरानी इकाइयों पर नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि ये अध्यादेश, जिसमें 75 प्रतिशत आरक्षण हरियाणा के युवाओं को मिलना था, एक जुमला ही प्रतीत होता है.

भिवानी: तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने कहा कि हरियाणा पहले व्यापार और व्यापारियों के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने वाला राज्य था. हरियाणा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में पहले तीसरे नंबर पर था, जो अब 16वें नंबर पर चला गया है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में इस समय भाजपा-जेजेपी के अकुशल शासन में राज्य की अर्थव्यवस्था, जोकि निम्न स्तर पर चली गई है, वो बहुत ही हानिकारक है.

किरण चौधरी ने कहा कि रूढ़िवादी अनुमान के अनुसार देश में लगभब 122 मिलियन लोग आर्थिक संकट से प्रभावित या सामना कर रहे हैं. कोरोना महामारी और कठोर तालाबंदी के कारण लगभग 18.6 मिलियन वेतनभोगी व्यक्तियों ने अपना रोजगार खो दिया है.

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उन्होंने कहा कि इस मंदी के कारण हरियाणा में सीएमआईई द्वारा अगस्त 2020 के सर्वेक्षण में राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 8.35 प्रतिशत के मुकाबले 33.5 प्रतिशत की बेरोजगारी दर में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है, जो कि अत्यंत निराशाजनक है. 5.85 लाख करोड़ रुपये के निवेश के दावों को भी झुठलाता है.

उन्होंने कहा कि वास्तविक निवेश जो वादे के अनुसार 5 प्रतिशत से कम था, इस प्रकार आकर्षक पैकेजिंग के नीचे छिपी वास्तविकता को उजागर करता है. हरियाणा सरकार द्वारा स्थानीय राज्य अध्यादेश के 2020 राज्य रोजगार का उल्लेख करते हुए बताया कि ये अध्यादेश नई इकाइयों पर लागू होता है और पुरानी इकाइयों पर नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि ये अध्यादेश, जिसमें 75 प्रतिशत आरक्षण हरियाणा के युवाओं को मिलना था, एक जुमला ही प्रतीत होता है.

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