भिवानी: सरकार खेती-किसानों को लेकर काफी सजग दिखाई दे रही है. इसको लेकर प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि खेती-किसानी को लाभकारी बनाने के लिए जो भी कदम उठाने होंगे वे उठाए जाएंगे. इसके साथ ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग के तहत अलग विंग बनाई गई है.
जेपी दलाल हलका लोहारू में अपने धन्यवादी दौरे के दूसरे दिन ओबरा, सलेमपुर, सिधनवा, हरियावास, मंढोली कलां, कासनी आदि गावों में ग्रामीण जनसभाओं को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे जहरीले रसायनों और रासायनिक ऊर्वरकों के प्रयोग को धीरे-धीरे कम करें और प्राकृतिक खेती को अपनाएं.
हरियाणा मे ऑर्गेनिक खेती
हम किसानों को प्राकृतिक तरीके से कीट, रोग नियंत्रण और देशी खाद के संबंध में उचित प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करेंगे ताकि हरियाणा प्रदेश की आर्गेनिक खेती को देश-विदेश में अलग पहचान मिल सके. किसानों से अपील की कि वे कम से कम एक एकड़ में आर्गेनिक खेती की शुरूआत करें ताकि हमारा खान-पान स्वस्थ बन सके.
कृषि मंत्री का लोगों ने किया स्वागत
गावों में पहुंचने पर कृषि मंत्री जेपी दलाल का लोगों ने फूलमाला और पगड़ी पहना कर स्वागत किया. ग्रामीणों को संबोधित करते हुए जेपी दलाल ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हर गांव में किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रदेश के 7000 गावों से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे जो कि अन्य किसानों को प्रशिक्षित करेंगे. पदम श्री पालेकर जी और गुजरात के राज्यपाल देवव्रत जी को बुलाकर किसानों को प्रेरित करेंगे.
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हमने कृषि विभाग के तहत प्राकृतिक खेती की अलग विंग बनाई है. पदम श्री पालेकर जी की विधि के अनुसार गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत कुरूक्षेत्र में 200 एकड़ में खेती कर रहे हैं. इसी से प्रेरणा लेकर हम प्रदेश के हर गांव में किसानों को प्रशिक्षण देंगे. सभी मास्टर ट्रेनर अन्य किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण देंगे. प्राकृतिक खेती की मार्केटिंग और प्रामाणीकरण की भी व्यस्था की जाएगी ताकि हमारी खेती को देश-विदेश में अलग पहचान मिल सके.
ऐसे बढ़ेगा हरियाणा का जल स्तर
युवाओं को रोजगार देने के लिए हम मछली पालन, बागवानी, पशुपालन व डेयरी को प्रोत्साहन दे रहे हैं. भूमिगत जल के रिचार्जेशन के विशेष उपाय किए जा रहे हैं ताकि जल स्तर को पुन: ऊपर उठाया जा सके. मुख्यमंत्री ने पौंड अथॉरिटी बनाई है. इसके तहत गावों में परंपरागत तरीके से जोहड़-तालाब बनवाकर उनके पानी भरवाया जाएगा ताकि भूजल का रिचार्जेशन हा सके.