भिवानी: लो लाइन एरिया वाले किसानों के लिए राहत की खबर है. सिंचाई विभाग यमुना जल सेवाएं परिमंडल के तहत आने वाले दर्जनभर गांवों की करीब पांच हजार एकड़ भूमि से बरसाती पानी की निकासी का स्थायी प्रबंध करेगा. कृषि मंत्री जेपी दलाल ने खेतों में जलभराव की समस्या से निजात के लिए करीब 80 करोड़ रुपए की राशि मंजूर करवाई गई है, जिसमें भिवानी में यमुना जल सेवाएं परिमंडल के तहत आने वाले गांवों में लगभग 48 करोड़ रुपए स्वीकृत हैं. कृषि मंत्री के मुताबिक सिंचाई विभाग भिवानी द्वारा मार्च में टेंडर लगाया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि जिले के कुछ ऐसे लो लाइन एरिया के गांव हैं, जहां खेतों में बारिश के दिनों में भारी मात्रा में पानी जमा हो जाता है. इससे किसानों की फसल प्रभावित होती हैं. फसल पानी में डूबने से किसानों को हर साल आर्थिक नुकसान होता है. वहीं दूसरी ओर सिंचाई विभाग को पानी निकासी के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ती है. कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल के प्रयासों से खेतों में जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान किया जा रहा है. अभी हाल ही में विगत जनवरी माह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला में जलभराव की समस्या से निजात के लिए करीब 80 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है.
जिसमें करीब 48 करोड़ रुपए की राशि यमुना जल सेवा परिमंडल के तहत आने वाले गांवों के लिए स्वीकृत किए गए हैं. इसमें करीब साढ़े 15 करोड़ रुपए मशीनरी पर खर्च होंगे. यमुना जल सेवाएं परिमंडल के तहत गांव मुंढाल में करीब 1500 एकड़, मिताथल में करीब 400 एकड़, बडेसरा में करीब 400 एकड़, तिगड़ाना में करीब 300 एकड़, प्रेम नगर में करीब 200 एकड़, सिवाड़ा में करीब 300 एकड़, कुंगड़ में करीब 400 एकड़ तथा गांव तालू की करीब 400 एकड़ भूमि में बरसाती पानी की निकासी प्रबंध किया जाएगा.
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इस बारे में यमुना जल सेवाएं परिमंडल के अधीक्षक अभियंता प्रदीप यादव ने बताया कि सरकार द्वारा राशि मंजूर की जा चुकी है. मार्च में टेंडर लगाए जाएंगे और अप्रैल में टेंडर खुलेंगे. टेंडर खुलने के बाद काम शुरु कर दिया जाएगा। यह कार्य संपन्न होने पर खेतों में बरसात के दिनों में जमा होने वाले पानी की तत्परता से निकासी जाएगी, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। उपायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि खेतों में पानी जमा होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता था. सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिला में खेतों से जलभराव के स्थायी समाधान के लिए करीब 80 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं. पाइप लाइन डालने आदि कार्यों के टेंडर लगाने को लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए जा चुके हैं. पाइप लाइनों के माध्यम से खेतों का पानी नजदीक लगती ड्रेन में डाला जाएगा.