भिवानी: कोविड-19 महामारी के चलते करीब 9 महीने से भारतीय रेल पहले की तरह रफ्तार नहीं पकड़ पाई है. आज भी बहुत से डैली पैसेंजर ट्रेनें नहीं चल रही हैं. ऐसे में दैनिक रेल यात्री संघ ने बंद पड़ी ट्रेनों को फिर से चलाने की भारतीय रेलवे से मांग की है. एक अनुमान के अनुसार भारतीय रेल प्रतिदिन एक करोड़ के लगभग यात्रियों को यात्रा करवाती रही है.
भारतीय आबादी के 25 प्रतिशत के लगभग लोग देर-सवेर भारतीय रेलवे की यात्रा का लुत्फ उठाते हैं. अब कोविड महामारी के चलते चुनिंदा ट्रेनें ही भारतीय रेलवे द्वारा चलाई जा रही हैं. भारतीय रेलवे संघ के प्रधान महाबीर ने कहा कि अब तो कोरोना का टीका विकसित हो चुका है. कोविड-19 के केसों में भी कमी दर्ज की जा रही है.
रेल सेवा को बहाल करने की मांग
ऐसे में ठप पड़ी भारतीय रेलसेवा को पुन: बहाल किए जाने की मांग उठने लगी हैं. दैनिक रेल यात्री संघ भिवानी के प्रधान महाबीर डालमिया से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि अकेले भिवानी जिला से तीन हजार के लगभग यात्री प्रतिदिन दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में रोजगार के लिए जाते रहे हैं, परन्तु कोविड महामारी के चलते पिछले 9 महीने के दौरान हजारों लोग बस या निजी टैक्सी का खर्च वहन न कर पाने के कारण दिल्ली नहीं जा सके तथा बेरोजगार हो रहे हैं.
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भारतीय जीवन की लाइफ लाइन कहलाने वाली भारतीय रेल सेवा कोविड महामारी के चलते व्याप्क स्तर पर प्रभावित हुई हैं. अब जीवन सामान्य की तरफ लौटता नजर आ रहा है. ऐसे में दैनिक रेल यात्री संघ ने भारतीय रेलवे व हरियाणा के मुख्यमंत्री से मांग की है कि वो इस मामले में हस्तक्षेप कर पहले की तर्ज पर विभिन्न यात्री गाडिय़ों को पुन: चालू करें, ताकि लोग अपने रोजगार पर वापिस लौट सकें. इसके साथ ही उनकी ये भी मांग है कि भारतीय रेल अपने बढ़े हुए किराये को वापस ले तथा सीनियर सिटीजन व अन्य वर्ग के जो डिस्काऊंट रेलवे द्वारा जो खत्म किए गए थे, उन्हे पुन: बहाल किए जाए.