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हरियाणा शिक्षा विभाग की अनूठी पहल, अब अध्यापक बच्चों के बताएंगे मोबाइल में क्या देखना है! - हरियाणा शिक्षा बोर्ड

शिक्षा विभाग बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने के लिए अब बढ़ाई लिखाई के साथ-साथ अन्य कार्यक्रम भी शुरू कर रहा है. शिक्षा विभाग अध्यापकों को ट्रेनिंग दे रहा है ताकि शिक्षक बच्चों खासकर किशोरों को मार्ग दर्शन दे सकें, उन्हें मोबाइल इस्तेमाल करने और अच्छे कंटेंट देखने के लिए जोर देगा.

haryana school board will educate students about mobile content
अब अध्यापक बच्चों के बताएंगे मोबाइल में क्या देखना है!
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Published : Dec 24, 2019, 7:19 PM IST

भिवानी: कहते हैं कि बच्चें का मन और दिमाग कच्ची मिट्टी का होता है. किशोर अवस्था में अगर बच्चें पर सही तरीके से ध्यान ना दिया जाएं तो उसके कदम बहक भी सकते है. कई बार तो बच्चे अनजाने में ऐसा अपराध भी कर बैठते है जो कि उनकी जिंदगी के लिए काफी खतरनाक हो जाता है. इन्ही सभी बातों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने अनूठी पहल चलाई है.

इस पहल के तहत किशोर अवस्था में ही बच्चों को सही मार्गदर्शन अब माता-पिता के साथ साथ अध्यापक भी करेंगे. अध्यापकों को इस बारे ट्रेनिंग देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भिवानी के पंचायत भवन में आयोजित किया गया. जिसमें बताया गया कि बच्चों को किस प्रकार से जानकारी देनी है और किसी तरह उनका जीवन संवारना है.

अब अध्यापक बच्चों के बताएंगे मोबाइल में क्या देखना है! देखिए रिपोर्ट

शिक्षा विभाग ने शुरू की मुहिम
बच्चों पर बढ़ रहे अपराधों और बच्चों की तरफ से अपराधिक घटनाओं में भाग लेने की घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने अहम फैसला लिया है. इस फैसले के तहत बच्चों को किशोर अवस्था में सभी जानकारी देनी होगी. उन्हें मोबाइल के प्रयोग के बारे में जानकारी अध्यापक की तरफ से मुहैया करवाई जाएगी. उन्हें सोशल साइट के प्रयोग के अच्छे और बूरे अंजाम के बारे में भी अध्यापक जानकारी देगें. इसके लिए अध्यापकों को एक दिन की कार्यशाला पंचायत भवन में आयोजित करवाई गई.

'क्रिमिनल्स के बहकावे में आने लगे हैं बच्चे'
अध्यापकों को ट्रेनिंग दे रहे जिला शिक्षा अधिकारी अजीत श्योराण ने बताया ने कि शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर ट्रेनिंग अध्यापकों को दी जा रही है. अध्यापकों को यह बताया जा रहा है कि बच्चों को समाज का अच्छा नागरिक कैसे बनाना है. उन्होंने बताया कि आज के समय में साइबर क्राइम बढ़ रहा है, जिसमे अधिकतर हाथ ऐसे बच्चों के होते है जो अनजाने में बहकावे में आकर इस तरह का अपराध करते है.

'किशोरों का रखे विशेष ख्याल'
वहीं कार्यशाला में आए अध्यापकों का कहना है कि आज के समय में सभी के हाथों मे अपने मोबाइल है और किसी की नजर उन पर नहीं है, जिस वजह से वो अपनी मनमर्जी के पासवर्ड भी मोबाइल में लगाते है. बच्चें क्या देख रहे हैं क्या कर रहे है किसी भी माता पिता का ध्यान किशोर अवस्था में उन पर नहीं होता है. इसीलिए आज उन्हे जानकारी मुहैया करवाई गई है और बताया गया है कि कैसे उन्होंने बच्चों को किशोर अवस्था में जानकारियां देनी है.

ये भी जाने- यमुनानगर में मारुति एजेंसी पर पुरानी कार पेंट कर बेचने का आरोप, शादी के लिए सज रही थी गाड़ी

किशोर अवस्था की इस कार्यशाला का प्रभाव कितना सकारात्मक पड़ेगा यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा, लेकिन फिलहाल विभाग की यह पहल काफी सहरानीय है. अगर सही तरीके से इसके प्रभाव और रिजल्ट आएं तो आने वाले समय में देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चें वास्तव में ही भविष्य बन कर दिखाएंगे.

भिवानी: कहते हैं कि बच्चें का मन और दिमाग कच्ची मिट्टी का होता है. किशोर अवस्था में अगर बच्चें पर सही तरीके से ध्यान ना दिया जाएं तो उसके कदम बहक भी सकते है. कई बार तो बच्चे अनजाने में ऐसा अपराध भी कर बैठते है जो कि उनकी जिंदगी के लिए काफी खतरनाक हो जाता है. इन्ही सभी बातों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने अनूठी पहल चलाई है.

इस पहल के तहत किशोर अवस्था में ही बच्चों को सही मार्गदर्शन अब माता-पिता के साथ साथ अध्यापक भी करेंगे. अध्यापकों को इस बारे ट्रेनिंग देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भिवानी के पंचायत भवन में आयोजित किया गया. जिसमें बताया गया कि बच्चों को किस प्रकार से जानकारी देनी है और किसी तरह उनका जीवन संवारना है.

अब अध्यापक बच्चों के बताएंगे मोबाइल में क्या देखना है! देखिए रिपोर्ट

शिक्षा विभाग ने शुरू की मुहिम
बच्चों पर बढ़ रहे अपराधों और बच्चों की तरफ से अपराधिक घटनाओं में भाग लेने की घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने अहम फैसला लिया है. इस फैसले के तहत बच्चों को किशोर अवस्था में सभी जानकारी देनी होगी. उन्हें मोबाइल के प्रयोग के बारे में जानकारी अध्यापक की तरफ से मुहैया करवाई जाएगी. उन्हें सोशल साइट के प्रयोग के अच्छे और बूरे अंजाम के बारे में भी अध्यापक जानकारी देगें. इसके लिए अध्यापकों को एक दिन की कार्यशाला पंचायत भवन में आयोजित करवाई गई.

'क्रिमिनल्स के बहकावे में आने लगे हैं बच्चे'
अध्यापकों को ट्रेनिंग दे रहे जिला शिक्षा अधिकारी अजीत श्योराण ने बताया ने कि शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर ट्रेनिंग अध्यापकों को दी जा रही है. अध्यापकों को यह बताया जा रहा है कि बच्चों को समाज का अच्छा नागरिक कैसे बनाना है. उन्होंने बताया कि आज के समय में साइबर क्राइम बढ़ रहा है, जिसमे अधिकतर हाथ ऐसे बच्चों के होते है जो अनजाने में बहकावे में आकर इस तरह का अपराध करते है.

'किशोरों का रखे विशेष ख्याल'
वहीं कार्यशाला में आए अध्यापकों का कहना है कि आज के समय में सभी के हाथों मे अपने मोबाइल है और किसी की नजर उन पर नहीं है, जिस वजह से वो अपनी मनमर्जी के पासवर्ड भी मोबाइल में लगाते है. बच्चें क्या देख रहे हैं क्या कर रहे है किसी भी माता पिता का ध्यान किशोर अवस्था में उन पर नहीं होता है. इसीलिए आज उन्हे जानकारी मुहैया करवाई गई है और बताया गया है कि कैसे उन्होंने बच्चों को किशोर अवस्था में जानकारियां देनी है.

ये भी जाने- यमुनानगर में मारुति एजेंसी पर पुरानी कार पेंट कर बेचने का आरोप, शादी के लिए सज रही थी गाड़ी

किशोर अवस्था की इस कार्यशाला का प्रभाव कितना सकारात्मक पड़ेगा यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा, लेकिन फिलहाल विभाग की यह पहल काफी सहरानीय है. अगर सही तरीके से इसके प्रभाव और रिजल्ट आएं तो आने वाले समय में देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चें वास्तव में ही भविष्य बन कर दिखाएंगे.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश भिवानी
दिनांक 23 दिसंबर।
शिक्षा विभाग ने शुरू की अनूठी पहल
अब माता-पिता के साथ-साथ अध्यापक भी करेंगे बच्चों का मार्गदर्शन
एक दिवसीय कार्यशाला में दी अध्यापकों को ट्रेनिंग
साईट के प्रयोग के अच्छे व बूरे अंजाम के बारे में भी अध्यापक देंगे जानकारी
कहते है कि बच्चें का मन व दिमाग कच्ची मिट्टी का होता है। किशोर अवस्था में अगर बच्चें पर सही तरीके से ध्यान ना दिया जाएं तो उसके कदम बहक भी सकते है। कई बार तो बच्चे अनजाने में ऐसा अपराध भी कर बैठते है जो कि उनकी जिंदगी के लिए काफी खतरनाक हो जाता है। इन्ही सभी बातो को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने अनूठी पहल चलाई है। इस पहल के तहत किशोर अवस्था में ही बच्चों को सही मार्गदर्शन अब माता-पिता के साथ साथ अध्यापक भी करेंगे। अध्यापको को इस बारे टे्रनिंग देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भिवानी के पंचायत भवन में आयोजित किया गया। जिसमें बताया गया कि बच्चों को किस प्रकार से जानकारी देनी है और किसी तरह उनका जीवन संवारना है।
बच्चों पर बढ़ रहे अपराधो को रोकने व बच्चोंं द्वारा अपराधिक घटनाओं में भाग लेने की घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने अहम फैसला लिया है। इस फैसले के तहत बच्चों को किशोर अवस्था में सभी जानकारी देनी होगी तथा उन्हे मोबाईल के प्रयोग के बारे में जानकारी देनी अध्यापक के द्वारा मुहैया करवाई जाएगी। उन्हे सोशल साईट के प्रयोग के अच्छे व बूरे अंजाम के बारे में भी अध्यापक जानकारी देगें। इसके लिए अध्यापको को एक दिन की कार्यशाला आज पंचायत भवन में आयोजित करवाई गई है।
Body: अध्यापको को ट्रेनिंग दे रहे जिला शिक्षा अधिकारी अजीत श्योराण ने बताया ने कि शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर यह टे्रनिंग अध्यापको को दी जा रही है। अध्यापकों को यह बताया जा रहा है कि समाज का अच्छा नागरिक बच्चें को कैसे बनाना है। इसके लिए कार्यशाला आयोजित की गई है। उन्होंने बताया कि आज के समय में साईबर क्राईम बढ़ रहा है, जिसमे अधिकतर हाथ ऐसे बच्चों के होते है जो अनजाने में बहकावे में आकर इस तरह का अपराध करते है। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अध्यापको को दी गई जानकारी में उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि वे केवल बच्चों में पढ़ाई का कीड़ा पैदा ना करके उनमें समाजिक गुण भी पैदा करे ताकि बच्चा समाज का एक अच्छा नागरिक भी बन सके।
वही कार्यशाला में आए अध्यापकों का कहना है कि आज के समय मेंं सभी के हाथों मे अपने मोबाईल है तथा किसी की नजर उन पर नही है, जिस कारण वे अपनी मनमर्जी के पासवर्ड भी मोबाईल में लगाते है। बच्चें क्या देख रहे है क्या कर रहे है किसी भी माता पिता का ध्यान किशोर अवस्था में उन पर नही होता है। इसीलिए आज उन्हे जानकारी मुहैया करवाई गई है तथा बताया गया है कि कैसे उन्होंने बच्चों को किशोर अवस्था में जानकारियंा देनी है।
Conclusion: किशोर अवस्था की इस कार्यशाला का प्रभाव कितना सकारात्म पड़ेगा यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा, लेकिन फिलहाल विभाग की यह पहल काफी सहरानीय है। अगर सही तरीके से इसके प्रभाव और रिजल्ट आएं तो आने वाले समय में देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चें वास्तव में ही भविष्य बन कर दिखाएंगे।
बाईट : अजीत श्योराण जिला शिक्षा अधिकारी एवं आनंद प्रकाश व ज्योति अध्यापक।
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