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Haryana E Tendering Controversy: सरपंच एसोसिएशन का ऐलान- भिवानी में 2 अप्रैल को सीएम के दौरे का करेंगे विरोध

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Published : Mar 23, 2023, 5:40 PM IST

हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के प्रधान रणवीर सैमण ने भिवानी में कहा कि अगर सरकार ने समय रहते ई टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल पॉलिसी (Haryana E Tendering Controversy) वापस नहीं ली तो वे आगामी चुनाव में भाजपा का बहिष्कार करेंगे. इसके साथ ही उन्हांने 2 अप्रैल को सीएम के भिवानी दौरे का भी विरोध करने की चेतावनी दी है.

Haryana E Tendering Controversy
भिवानी में 2 अप्रैल को सीएम के दौरे का सरपंच करेंगे विरोध

भिवानी: हरियाणा में गांवों की छोटी सरकारें लगातार ई टेंडरिंग व रिकॉल पॉलिसी को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. इसी कड़ी में भिवानी में गुरुवार को हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की बैठक हुई. इस बैठक में प्रधान रणबीर समैण ने कहा कि सरकार ग्रामीण व सरपंचों को गुमराह कर रही है, जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है, तब तक हरियाणा के सरपंच एकजुट होकर आंदोलन करते रहेंगे. इस दौरान उन्होंने भिवानी में सीएम मनोहर लाल के प्रस्तावित दौरे पर उनका विरोध करने की चेतावनी दी है.

इस मौके पर उन्होंने बताया कि गांव-गांव जाकर आंदोलन को लेकर जनसंपर्क किया जा रहा है. 3 अप्रैल को दिल्ली में जंतर मंतर पर भारी संख्या में पॉलिसी के विरोध में हरियाणा के सरपंच प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में लोगों का काफी सहयोग और समर्थन मिल रहा है. प्रधान ने कहा कि उनकी जायज मांगें हैं. इन पॉलिसियों से ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं होगा.

पढ़ें : यमुनानगर में अमृतपाल सिंह और खालिस्तान के विरोध में जोरदार प्रदर्शन, गोली मारने की उठाई मांग

वहीं सीएम के भिवानी दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं और सीएम को गांवों में नहीं घुसने दिया जाएगा और उनका जमकर विरोध किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में होने वाले चुनावों में मौजूदा सरकार का जमकर विरोध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरपंचों को पहले की तरह पूर्णतया अधिकार दिया जाना चाहिए. इस दौरान उन्होंने सरकार से समय रहते ई टेंडरिंग पॉलिसी को वापस लेने की मांग दोहराई.

पढ़ें : हरियाणा में कुट्टू का आटा खाने से बीमार हुए लोग, सोनीपत में हरकत में आया प्रशासन, जिले में छापेमारी जारी

गौरतलब है कि हरियाणा में लंबे समय से सरपंच ई टेंडरिंग पॉलिसी और राइट टू रिकॉल का विरोध कर रहे हैं जबकि सरकार ने इसको लेकर अपना रूख स्पष्ट कर दिया है कि यह पॉलिसी वापस नहीं ली जाएगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल और सरकार के मंत्री सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी इन पॉलिसी को जनता के हित में बताते हुए इन्हें वापस लेने से इनकार कर चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार को कम करने और विकास कार्यों के लिए भेजी गई राशि का समुचित उपयोग करने के लिए ई टेंडरिंग पॉलिसी लागू की गई है.

भिवानी: हरियाणा में गांवों की छोटी सरकारें लगातार ई टेंडरिंग व रिकॉल पॉलिसी को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. इसी कड़ी में भिवानी में गुरुवार को हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की बैठक हुई. इस बैठक में प्रधान रणबीर समैण ने कहा कि सरकार ग्रामीण व सरपंचों को गुमराह कर रही है, जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है, तब तक हरियाणा के सरपंच एकजुट होकर आंदोलन करते रहेंगे. इस दौरान उन्होंने भिवानी में सीएम मनोहर लाल के प्रस्तावित दौरे पर उनका विरोध करने की चेतावनी दी है.

इस मौके पर उन्होंने बताया कि गांव-गांव जाकर आंदोलन को लेकर जनसंपर्क किया जा रहा है. 3 अप्रैल को दिल्ली में जंतर मंतर पर भारी संख्या में पॉलिसी के विरोध में हरियाणा के सरपंच प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में लोगों का काफी सहयोग और समर्थन मिल रहा है. प्रधान ने कहा कि उनकी जायज मांगें हैं. इन पॉलिसियों से ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं होगा.

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वहीं सीएम के भिवानी दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं और सीएम को गांवों में नहीं घुसने दिया जाएगा और उनका जमकर विरोध किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में होने वाले चुनावों में मौजूदा सरकार का जमकर विरोध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरपंचों को पहले की तरह पूर्णतया अधिकार दिया जाना चाहिए. इस दौरान उन्होंने सरकार से समय रहते ई टेंडरिंग पॉलिसी को वापस लेने की मांग दोहराई.

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गौरतलब है कि हरियाणा में लंबे समय से सरपंच ई टेंडरिंग पॉलिसी और राइट टू रिकॉल का विरोध कर रहे हैं जबकि सरकार ने इसको लेकर अपना रूख स्पष्ट कर दिया है कि यह पॉलिसी वापस नहीं ली जाएगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल और सरकार के मंत्री सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी इन पॉलिसी को जनता के हित में बताते हुए इन्हें वापस लेने से इनकार कर चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार को कम करने और विकास कार्यों के लिए भेजी गई राशि का समुचित उपयोग करने के लिए ई टेंडरिंग पॉलिसी लागू की गई है.

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