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प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की सरकार को चेतावनी, 'बगैर SLC छात्रों का दाखिला करें बंद, नहीं तो कोर्ट जाएंगे स्कूल'

हरियाणा में एसएलसी (Haryana School Leaving Certificate) के मुद्दे को लेकर निजी स्कूलों और शिक्षा विभाग में गतिरोध लगातार जारी है. अब प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन (Haryana Private School Association) ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर बगैर एसएलसी के निजी स्कूलों के छात्रों को सरकारी स्कूलों में दाखिला देने का आरोप लगाया है.

Haryana School Leaving Certificate
haryana Private School Association PC
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Published : Aug 17, 2021, 5:42 PM IST

भिवानी: प्राइवेट स्कूलों के समक्ष आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन (Haryana Private School Association) एक बार फिर से सामने आई है. एसोसिएशन ने सरकार से प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं के समाधान की मांग की. मंगलवार को भिवानी में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान रामअवतार शर्मा ने सबसे पहले एसएलसी (Haryana School Leaving Certificate) के मुद्दे को लेकर आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी बगैर एसएलसी के छात्रों का दाखिला करना बंद करें, नहीं तो मजबूरन एसोसिएशन को कोर्ट में जाना पड़ेगा.

रामअवतार शर्मा ने कहा कि प्राइवेट स्कूल अपनी पूरी निष्ठा व मेहनत से कार्य कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी बगैर एसएलसी के छात्रों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कर रहे हैं, जो कि उचित नहीं है. अधिकारियों द्वारा निजी स्कूलों के छात्रों का डाटा चोरी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने निजी स्कूलों को नियमों को पूरा करने के लिए तीन साल का समय देना चाहिए ताकि निजी स्कूल सभी नियम पूर्ण कर सकें.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार के SLC को लेकर निजी स्कूलों को दिए गए आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

बता दें कि, हरियाणा सरकार द्वारा बीती 15 जून को एक आदेश जारी कर स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (School Leaving Certificate) की अनिवार्यता खत्म कर दी गई थी. वहीं हरियाणा सरकार के इस आदेश को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. 5 जुलाई को इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने ये आदेश सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल ट्रस्ट जिला हिसार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया था. इसके बाद भी हरियाणा के कई सरकारी स्कूलों से बगैर एसएलसी के छात्रों को दाखिला देने की खबरें सामने आई हैं.

एसएलसी के मुद्दे के अलावा एसोसिएशन के प्रधान रामअवतार शर्मा ने और भी कई मुद्दे उठाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के बिजली मंत्री ने कोरोना काल के दौरान निजी स्कूलों का बिजली का बिल माफ करने की घोषणा की थी, लेकिन इसका नोटिफिकेशन आज तक जारी नहीं किया गया है. इसे शीघ्र लागू किया जाना चाहिए. इसके अलावा प्राइवेट स्कूलों की बसों से जो पैसेंजर टैक्स हटाया गया है उसे भविष्य में भी लागू रखना चाहिए क्योंकि सरकार ने भी माना था कि स्कूल बस में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आने वाला छात्र यात्री नहीं है इसलिए उस पर कोई टैक्स लागू नहीं होना चाहिए.

ये भी पढ़ें- भिवानी: एसएलसी के लिए फीस मांग रहे हैं प्राइवेट स्कूल, अभिभावक परेशान

भिवानी: प्राइवेट स्कूलों के समक्ष आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन (Haryana Private School Association) एक बार फिर से सामने आई है. एसोसिएशन ने सरकार से प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं के समाधान की मांग की. मंगलवार को भिवानी में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान रामअवतार शर्मा ने सबसे पहले एसएलसी (Haryana School Leaving Certificate) के मुद्दे को लेकर आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी बगैर एसएलसी के छात्रों का दाखिला करना बंद करें, नहीं तो मजबूरन एसोसिएशन को कोर्ट में जाना पड़ेगा.

रामअवतार शर्मा ने कहा कि प्राइवेट स्कूल अपनी पूरी निष्ठा व मेहनत से कार्य कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी बगैर एसएलसी के छात्रों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कर रहे हैं, जो कि उचित नहीं है. अधिकारियों द्वारा निजी स्कूलों के छात्रों का डाटा चोरी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने निजी स्कूलों को नियमों को पूरा करने के लिए तीन साल का समय देना चाहिए ताकि निजी स्कूल सभी नियम पूर्ण कर सकें.

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बता दें कि, हरियाणा सरकार द्वारा बीती 15 जून को एक आदेश जारी कर स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (School Leaving Certificate) की अनिवार्यता खत्म कर दी गई थी. वहीं हरियाणा सरकार के इस आदेश को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. 5 जुलाई को इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने ये आदेश सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल ट्रस्ट जिला हिसार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया था. इसके बाद भी हरियाणा के कई सरकारी स्कूलों से बगैर एसएलसी के छात्रों को दाखिला देने की खबरें सामने आई हैं.

एसएलसी के मुद्दे के अलावा एसोसिएशन के प्रधान रामअवतार शर्मा ने और भी कई मुद्दे उठाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के बिजली मंत्री ने कोरोना काल के दौरान निजी स्कूलों का बिजली का बिल माफ करने की घोषणा की थी, लेकिन इसका नोटिफिकेशन आज तक जारी नहीं किया गया है. इसे शीघ्र लागू किया जाना चाहिए. इसके अलावा प्राइवेट स्कूलों की बसों से जो पैसेंजर टैक्स हटाया गया है उसे भविष्य में भी लागू रखना चाहिए क्योंकि सरकार ने भी माना था कि स्कूल बस में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आने वाला छात्र यात्री नहीं है इसलिए उस पर कोई टैक्स लागू नहीं होना चाहिए.

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