भिवानी: किसानों के लिए खाद की आपूर्ति को लेकर एक बार फिर से चिंताजनक स्थिति बन गई है. किसान समय पर खाद नहीं मिलने से परेशान हो रहा है. किसानों का कहना है रबी की फसल की बुआई का वक्त आ गया है, ऐसे समय पर खाद नहीं मिलने से परेशानी दो गुनी हो गई है. डीएपी की कमी का हाल भिवानी में देखा जा सकता है. भिवानी में डीएपी को लेकर किसानों में मारामारी देखने को मिली. भिवानी के इफको किसान सेवा केंद्र पर डीएपी को लेकर किसानों का जमावड़ा लगा दिखा, जहां डीएपी ना मिलने से गुस्साएं किसानों ने हंगामा किया.
खाद लेने आए किसान विरेंद्र कुमार ने बताया कि 12 बजे ऑफिस खुलता है और चार बजे खाद देनी बंद कर देते है. पिछले दो-तीन दिनों से 45-50 कट्टे डीएपी के ही किसानों को दिए. आज खाद लेने आए तो बोले डीएपी नहीं है इसलिए दूसरी खाद देंगे. वहीं किसानों ने निजी दुकानदारों को खाद देने का आरोप लगाया. गांव देवसर निवासी बिजेंद्र ने बताया कि वह रात को तीन बजे आया था. सुबह तक इंतजार किया. उसके बाद डीएपी खाद के लिए नंबर लगवाया, लेकिन अभी तक उनका नंबर नहीं आया है, क्योंकि कर्मचारी ही नहीं पहुंचा है. दूसरी तरफ अब कर्मचारी कह रहे है कि डीएपी नहीं मिलेगी, एनपीके मिलेगी.
किसानों का कहना है कि हमने कभी एनपीके का प्रयोग नहीं किया, ऐसे में उसके रिजल्ट कैसे है. नहीं जानकारी. अगर डीएपी मिल जाए तो खेतों में सरसों की फसल हो जाएगी. एनपीके नहीं चाहिए. किसान मामनचंद ने बताया कि सरकार कहती है कि हम किसानों के साथ है, किसानों को डीएपी नहीं मिल रही. सरकार कह रही है कि उनके पास पर्याप्त डीएपी खाद है, लेकिन डीएपी गई कहां.
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किसानों ने बताया कि प्राइवेट वाले से डीएपी लेते हैं तो वो ब्लैकमेल करते हैं. प्राइवेट दूकानदार कहते हैं कि सरसों की थैली देंगे, सल्फर देंगे, जो कि उनको नहीं चाहिए. किसान सतबीर ने बताया कि पिछले तीन दिनों से लगातार भिवानी आ रहा है, लेकिन खाद नहीं मिल पा रही है. बुधवार को सुबह करीब चार बजे घर से चला था और पांच बजे पहुंच गया. उस वक्त भी लाइन लगी हुई थी. उन्होंने बताया कि अब आधार कार्ड पर दो डीएपी और बाकी एनपीके दी जाएगी. हम एनपीके खाद क्यों लें. जिसके बारे में हमें जानकारी ही नहीं है.
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