भिवानी: हरियाणा के सरकारी कर्मचारी अब पुरानी पेंशन बहाली को लेकर लामबंद होने (government employees protest in Bhiwani) लगे हैं. राजस्थान में पेंशन बहाली की घोषणा के बाद हरियाणा के कर्मचारियों के हौसले भी बुलंद हो गए है. इसी मुद्दे को लेकर कर्मचारियों ने 28 व 29 मार्च को राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर राष्ट्रीय स्तर पर विधायकों, सांसदों व संसद के घेराव की रणनीति बना ली हैं. कर्मचारी नेताओं का कहना है कि अब वे पुरानी पेंशन बहाली से कम में मानने वाले नहीं है. मंगलवार को भिवानी में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर अपनी रणनीति का खुलासा किया तथा आर-पार की लड़ाई का आह्वान किया.
जिसे लेकर मंगलवार को भिवानी के बड़ चौक कार्यालय पर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले जिले भर के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा नई पेंशन नीति सहित विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए रणनीति बनाई. इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि जब एक राष्ट्र-एक टैक्स देश भर मेंं है, तो विधायकों व सांसदों के लिए पुरानी पेंशन, जबकि सीमा पर खड़े अर्धसैनिक बलों पर भी नई पेंशन स्कीम लागू कर रखी है. ऐसे में उनकी मांग है कि पुरानी पेंशन लागू (restoration of old pension in Haryana) की जाए.
सुभाष लांबा ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर अब देश भर के कर्मचारी संघ 28 व 29 मार्च को राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे. इसके अलावा दो मार्च को हर जिला स्तर पर कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा. प्रदेशाध्यक्ष लांबा ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली के अलावा सरकारी संस्थाओं को बेचना बंद करने की मांग, छंटनीग्रस्त कर्मचारियों को वापस लेने, कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने, हरियाणा राज्य में कौशल रोजगार निगम को भंग करने, कोरोना काल के दौरान 18 माह के डीए की किश्त कर्मचारियों को देने तथा रिटायर्ड कर्मचारियों के 65 से 80 आयु वर्ग की प्रति पांच वर्ष में पेंंशन बढ़ोत्तरी करने की मांग को भी रखा जाएगा.
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उन्होंने विशेष तौर पर हरियाणा कौशल रोजगार निगम की आलोचना की तथा कहा कि कर्नाटक सरकार बनाम उमा देवी केस के विरूद्ध कौशल रोजगार निगम का निर्माण किया गया है. इसके बनने से स्थाई रोजगार का रास्ता बंद होगा, जो कर्मचारी विरोधी है. ऐसे में इसे भंग कर सीधे विभागों के माध्यम से रोजगार देने की मांग की है. इस मौके पर उन्होंने आंगनबाड़ी वर्कर्स के लिए बढ़े हुए मानदेय को लागू ना करने की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में इसकी घोषणा की थी तथा राज्य सरकार को बीते वर्ष अक्टूबर माह से केंद्र सरकार द्वारा आंगनबाड़ी वर्कर्स का बढ़ा हुआ मानदेय भी भेजा जा रहा है, परन्तु राज्य सरकार अब तक इसका भुगतान नहीं कर रही. इस मौके पर सैंकड़ों की संख्या में जुटे कर्मचारियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी की तथा अपनी मांगों को लेकर राज्य व केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति बनाई.
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