भिवानी: कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई भले जेल में हो लेकिन गैंगवार और शूटआउट में उसका नाम आना बदस्तूर जारी है. गैंगवार की ज्यादातर घटानाओं में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की भूमिका सामने आती है. आलम ये है कि भिवानी जिला लॉरेंस बिश्नोई के शूटरों से भरा हुआ है. हरियाणा के हर जिलों में हाल के दिनों में गैंगवार की घटनाएं बढ़ गई हैं. 6 नवंबर को गांव घंघाला के पास दो दर्जन से ज्यादा मामलों में नामजद बदमाश जयकुमार उर्फ भादर की ऐसे ही गैंगवार में गोली से भूनकर हत्या कर दी गई.
भादर की हत्याकांड में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का कनेक्शन भी सामने आ रहा है. गांव बिधवान का रहने वाला जयकुमार उर्फ भादर अपनी पिकअप में सिवानी से अपने गांव जा रहा था. इसी दौरान जब उसकी गाड़ी गांव घंघाला के पास पहुंची तो पीछे से एक अन्य पिकअप में सवार कुछ युवकों ने उसकी गाड़ी के आगे अपनी गाड़ी लगा दी और नीचे उतरकर जयकुमार उर्फ भादर पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी. भादर की मौके पर ही मौत हो गई.
मृतक भादर के ताऊ अजीत सिंह ने कई लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई है. उनके मुताबिक मोहित, सुमित कालिया और नरेश रोडिया के साथ पिछले कुछ समय से भादर की रंजिश चल रही थी. इसी को लेकर उन्होंने उसकी हत्या की है. हलांकि चर्चा ये भी है कि इस गैंगवार में लॉरेंस बिश्नोई के शूटर भी शामिल हैं. सिवानी और बहल क्षेत्र के गांवों में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर भरे पड़े हैं.
ये भी पढ़ें- Lawrence Bishnoi Gang : रामपुर में लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ग्राम प्रधान से मांगी 2 करोड़ रुपये की फिरौती
2014 में शुरू हुआ गैंगवार- बहल और सिवानी क्षेत्र में बदमाशों की गैंगवार का सिलसिला फरवरी 2014 में बहल निवासी कपिल शर्मा और उसके साथी खैरू की हत्या के बाद शुरू हुआ था. इन हत्याओं का आरोप ढाणी केहरा निवासी अनिल केहरा और उसकी गैंग पर लगा. उसी साल जून में पुलिस ने अनिल केहरा का एनकाउंटर कर दिया. उसके बाद उसके गिरोह को अनिल का भाई और सोनू मीठी ने ऑपरेट करना शुरू कर दिया. जिसके बाद कपिल के साथी राजस्थान के बनगोठड़ी निवासी रिसाल पूनिया की उसके गांव के मंदिर में गोली मारकर हत्या कर दी.
सोनू मीठी ने लॉरेंस गैंग से मिलाया हाथ- इसके बाद सोनू मीठी ने अपने साथियों के साथ मिलकर राजस्थान में कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया. जनवरी 2016 में उसे सिरसा से गिरफ्तार कर लिया गया. समय के साथ गिरोह के कमजोर पड़ने पर अनिल के भाइयों ने लॉरेंस गैंग के शूटर संपत नेहरा से हाथ मिला लिया. संपत नेहरा और मिंटू मोडासिया के साथ मिलकर अजय जैतपुरिया की उस समय अदालत में गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वो किसी मामले में पेशी पर आया था.
जेल में है सोनू मीठी- इस समय अनिल का भाई, मिंटू मोडासिया, संपत नेहरा और सोनू मीठी अलग-अलग जेलों में बंद हैं. ये बदमाश जेल में भले हैं लेकिन उनकी गैंग पूरे भिवानी जिले में मौजूद है. खासकर सिवानी और बहल थाना क्षेत्र के लगभग हर गांव में उनके शूटरों का अड्डा बताया जाता है. राजस्थान में हुई गैंगवार में तब से लेकर अब तक कई अपराधियों की हत्या हो चुकी है. कुछ साल पहले सिवानी की अदालत में भी इसी गिरोह के बदमाशों ने एक हवलदार की हत्या कर दी थी. माना जा रहा है कि इसी गिरोह के सदस्यों ने भादर की हत्या की है.
भादर हत्याकांड पर पुलिस खुलकर कुछ नहीं कह रही है. पुलिस ने इसमें लारेंस गैंग का नाम नहीं लिया है. सूत्र बताते हैं कि इस वारदात को अंजाम देने में हो सकता है कि बिधवान निवासी सुमित और ईशरवाल निवासी मोहित ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया हो. बताया जाता है कि इन दोनों की भादर के साथ रंजिश चल रही थी. सिवानी के डीएसपी जयभगवान ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. जो भी आरोपी होंगे उन्हे बख्शा नहीं जाएगा.
ये भी पढ़ें- पंजाब की जेल में बंद मोनू डागर ने कराई थी गैंगस्टर दीपक मान की हत्या, गोल्डी बराड़ ने दी थी 50 लाख की सुपारी