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नकली फिंगर प्रिंट के जरिए बैंक से रुपये निकालने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मुख्य आरोपी समेत दो गुर्गे गिरफ्तार - भिवानी क्राइम न्यूज

भिवानी पुलिस ने नकली फिंगर प्रिंट के जरिए लोगों के बैंक अकाउंट से रुपये निकालने के गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस गैंग के मुख्य आरोपी और उसके दो गुर्गों को गिरफ्तार किया है.

fraud gang busted in bhiwani
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Published : Apr 28, 2023, 9:39 PM IST

भिवानी: सूरजमल नाम के शख्स से धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. भिवानी पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि नाथुवास गांव निवासी सूरजमल ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें उसने बताया था कि 17 दिसंबर 2022 से लेकर 21 दिसंबर 2022 तक उसके हरियाणा ग्रामीण बैंक पालुवास के खाते से कुल 69 हजार 995 रुपये धोखाधड़ी कर निकाले गए हैं. किसी अज्ञात व्यक्ति ने आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के माध्यम से उसका नकली अंगूठा बनाकर ये राशि निकलवाई है.

शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दो आरोपियों को बिहार से गिरफ्तार किया था. आरोपियों की पहचान बिहार निवासी डोमर कुमार विश्वास और मेराज आलम उर्फ गुड्डू के रूप में हुई. पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 8 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया. जिसके बाद मुख्य आरोपी बिहार निवासी अमानुल भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पूछताछ में मुख्य आरोपी अमानुल ने बताया कि साल 2021 में वो दिल्ली में एक छोटी फैक्ट्री चलाता था.

लॉकडाउन के बाद उसका काम बंद हो गया. इस दौरान उसे पता चला कि डोमर कुमार विश्वास नकली अंगूठे से लोगों के पैसे फर्जी तरीके से निकालता है. इसके बाद उसने लोगों से धोखाधड़ी कर फर्जी तरीके से उनकी गाढ़ी कमाई लूटने की योजना बनाई. इसके बाद आलम उर्फ गुड्डू और डोमर कुमार विश्वास के साथ मिलकर वो जमाबंदी डॉट कॉम से रजिस्ट्री निकालते थे, क्योंकि रजिस्ट्री पर फिंगरप्रिंट, आधार कार्ड आसानी से उपलब्ध हो जाता था. इसके बाद रजिस्टर पर छपे फिंगरप्रिंट के हुबहू फर्जी रबड़ फिंगरप्रिंट बनाए जाते थे.

इसके बाद लोगों को बहला-फुसलाकर प्रधानमंत्री किसान योजना या अन्य प्रलोभन देकर एईपीएस आईडी खुलवाई जाती थी. एइपीएस आईडी से नकली फिंगरप्रिंट व रजिस्ट्री पर लिखे हुए आधार कार्ड नंबर डालकर बैंक सर्च किया जाता था और बैंक सर्च ठीक होने के बाद रुपयों की निकासी बैंक अकाउंट से कर ली जाती थी. आरोपी ने बताया कि धोखाधड़ी से प्राप्त हुए राशि को तीनों आरोपी आपस में बराबर-बराबर बांट लिया करते थे.

ये भी पढ़ें- हरियाणा पुलिस की बड़ी कार्रवाई, रेड कर 160 अपराधियों को पकड़ा, भारी मात्रा में असलहा और गोमांस बरामद

पुलिस ने आरोपियों से 3 फिनो कांबो खाते की किट, करीबन 80 फिंगर प्रिंट छपे हुए दो गुलाबी रंग की रबड़ की ट्रे, 63 नकली रबड़ फिंगरप्रिंट, आधार कार्ड व आधार कार्ड की लिस्ट, दो फिंगरप्रिंट स्कैनर, तीन मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड, एक मेमोरी कार्ड, चेक बुक, कुल 20 हजार 400 रुपये, नकली रबड़ के फिंगरप्रिंट बनाने के लिए एक नैनो स्टैंप व रबड़ स्टैंप बनाने की मशीन को बरामद किया है. भिवानी के सहायक पुलिस अधीक्षक लोगेश कुमार ने जिला वासियों से अपील की है कि ऑनलाइन व फोन पर धोखाधड़ी करने वाले ऐसे आरोपियों की बातों व प्रलोभन में ना आए. किसी को भी फोन पर या ऑनलाइन अपने बैंक संबंधी या नीचे जानकारी ना दें. वही किसी प्रकार की भी ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं.

भिवानी: सूरजमल नाम के शख्स से धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. भिवानी पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि नाथुवास गांव निवासी सूरजमल ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें उसने बताया था कि 17 दिसंबर 2022 से लेकर 21 दिसंबर 2022 तक उसके हरियाणा ग्रामीण बैंक पालुवास के खाते से कुल 69 हजार 995 रुपये धोखाधड़ी कर निकाले गए हैं. किसी अज्ञात व्यक्ति ने आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के माध्यम से उसका नकली अंगूठा बनाकर ये राशि निकलवाई है.

शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दो आरोपियों को बिहार से गिरफ्तार किया था. आरोपियों की पहचान बिहार निवासी डोमर कुमार विश्वास और मेराज आलम उर्फ गुड्डू के रूप में हुई. पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 8 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया. जिसके बाद मुख्य आरोपी बिहार निवासी अमानुल भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पूछताछ में मुख्य आरोपी अमानुल ने बताया कि साल 2021 में वो दिल्ली में एक छोटी फैक्ट्री चलाता था.

लॉकडाउन के बाद उसका काम बंद हो गया. इस दौरान उसे पता चला कि डोमर कुमार विश्वास नकली अंगूठे से लोगों के पैसे फर्जी तरीके से निकालता है. इसके बाद उसने लोगों से धोखाधड़ी कर फर्जी तरीके से उनकी गाढ़ी कमाई लूटने की योजना बनाई. इसके बाद आलम उर्फ गुड्डू और डोमर कुमार विश्वास के साथ मिलकर वो जमाबंदी डॉट कॉम से रजिस्ट्री निकालते थे, क्योंकि रजिस्ट्री पर फिंगरप्रिंट, आधार कार्ड आसानी से उपलब्ध हो जाता था. इसके बाद रजिस्टर पर छपे फिंगरप्रिंट के हुबहू फर्जी रबड़ फिंगरप्रिंट बनाए जाते थे.

इसके बाद लोगों को बहला-फुसलाकर प्रधानमंत्री किसान योजना या अन्य प्रलोभन देकर एईपीएस आईडी खुलवाई जाती थी. एइपीएस आईडी से नकली फिंगरप्रिंट व रजिस्ट्री पर लिखे हुए आधार कार्ड नंबर डालकर बैंक सर्च किया जाता था और बैंक सर्च ठीक होने के बाद रुपयों की निकासी बैंक अकाउंट से कर ली जाती थी. आरोपी ने बताया कि धोखाधड़ी से प्राप्त हुए राशि को तीनों आरोपी आपस में बराबर-बराबर बांट लिया करते थे.

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पुलिस ने आरोपियों से 3 फिनो कांबो खाते की किट, करीबन 80 फिंगर प्रिंट छपे हुए दो गुलाबी रंग की रबड़ की ट्रे, 63 नकली रबड़ फिंगरप्रिंट, आधार कार्ड व आधार कार्ड की लिस्ट, दो फिंगरप्रिंट स्कैनर, तीन मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड, एक मेमोरी कार्ड, चेक बुक, कुल 20 हजार 400 रुपये, नकली रबड़ के फिंगरप्रिंट बनाने के लिए एक नैनो स्टैंप व रबड़ स्टैंप बनाने की मशीन को बरामद किया है. भिवानी के सहायक पुलिस अधीक्षक लोगेश कुमार ने जिला वासियों से अपील की है कि ऑनलाइन व फोन पर धोखाधड़ी करने वाले ऐसे आरोपियों की बातों व प्रलोभन में ना आए. किसी को भी फोन पर या ऑनलाइन अपने बैंक संबंधी या नीचे जानकारी ना दें. वही किसी प्रकार की भी ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं.

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