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मछली पालक इस योजना के जरिए उठा सकते हैं सरकारी लाभ - भिवानी हिंदी न्यूज

भिवानी जिले में मछली पालकों के लिए ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया. इस कैंप में युवाओं और महिला दोनों ने भाग लिया. ये कैंप सरकारी योजनाओं के तहत आयोजित किया गया.

fisheries camp in bhiwani
मछली पालन भिवानी
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Published : Aug 7, 2020, 4:12 PM IST

भिवानी: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत स्थानीय लघु सचिवालय स्थित जिला मत्स्य अधिकारी कार्यालय में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. इस दौरान महिलाओं और पुरुषों को मछ्ली पालन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. विभाग के अधिकारियों ने युवा और महिलाओं से प्रशिक्षण लेकर मछली पालन का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन आज एक रोजगार का अच्छा साधन बन गया है और सरकार भी इसको खूब बढ़ावा दे रही है.

मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए दिया जा रहा अनुदान

जिला मत्स्य अधिकारी जय गोपाल वर्मा ने बताया कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कृषि मंत्री जेपी दलाल ने भिवानी जिले के मछली पालकों के लिए रेतीली जमीन में पॉलिथिन लगाने के लिए आठ लाख रुपये प्रति हैक्टेयर के बजट का प्रावधान किया है. जिस पर 25 प्रतिशत ग्रांट दी जाती है. उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग द्वारा इस योजना के तहत एक एकड़ में पुनर्संरचित जल कृषि प्रणाली पर आधारित प्लांट की लगाने पर करीब 50 लाख रुपये की लागत आती है. जिस पर 40 से 60 प्रतिशत अनुदान विभाग की ओर से दी जाती है.

fisheries camp in bhiwani
मछली पालन के लिए बनाया गया प्लांट

उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति या महिला को 30 लाख रुपये का अनुदान दिया जाता है. एक हैक्टेयर में तालाब और उसमें एरियेटर लगाकर, खाद, खुराक और कमरे पर 11 लाख खर्च आता है. जिस पर सामान्य जाति को 40 प्रतिशत अनुदान, अनुसूचित जाति के महिला और पुरूष को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. इसी प्रकार से नमकीन जल वाली भूमि में मछली/झींगा पर 14 लाख खर्च आता है.

ये भी पढे़ं:-घाटे में भिवानी बिजली निगम, अलग-अलग विभागों पर साढ़े 4 अरब का बिल बकाया

जिला मत्स्य अधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा ट्यूबवेल की 50 हजार रुपये की लागत पर 20 हजार रुपये सामान्य जाति के पुरूष मत्स्य पालकों को और 30 हजार रुपये की सब्सिडी अनुसूचित जाति और महिला मत्स्य पालकों को अनुदान दिया जाता है. इसी प्रकार से डीप ट्यूबवेल पर दो लाख रुपये की कीमत पर सामान्य वर्ग को 80 हजार रुपये और अनुसूचित जाति को एक लाख 20 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है. इसी तरह 40 हजार रुपये की लागत के ऐरियेटर तालाब में लगवाने पर सामान्य जाति के मत्स्य पालकों को 16 हजार रुपये और अनुसूचित जाति के मत्स्य पालकों को 24 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है.

भिवानी: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत स्थानीय लघु सचिवालय स्थित जिला मत्स्य अधिकारी कार्यालय में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. इस दौरान महिलाओं और पुरुषों को मछ्ली पालन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. विभाग के अधिकारियों ने युवा और महिलाओं से प्रशिक्षण लेकर मछली पालन का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन आज एक रोजगार का अच्छा साधन बन गया है और सरकार भी इसको खूब बढ़ावा दे रही है.

मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए दिया जा रहा अनुदान

जिला मत्स्य अधिकारी जय गोपाल वर्मा ने बताया कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कृषि मंत्री जेपी दलाल ने भिवानी जिले के मछली पालकों के लिए रेतीली जमीन में पॉलिथिन लगाने के लिए आठ लाख रुपये प्रति हैक्टेयर के बजट का प्रावधान किया है. जिस पर 25 प्रतिशत ग्रांट दी जाती है. उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग द्वारा इस योजना के तहत एक एकड़ में पुनर्संरचित जल कृषि प्रणाली पर आधारित प्लांट की लगाने पर करीब 50 लाख रुपये की लागत आती है. जिस पर 40 से 60 प्रतिशत अनुदान विभाग की ओर से दी जाती है.

fisheries camp in bhiwani
मछली पालन के लिए बनाया गया प्लांट

उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति या महिला को 30 लाख रुपये का अनुदान दिया जाता है. एक हैक्टेयर में तालाब और उसमें एरियेटर लगाकर, खाद, खुराक और कमरे पर 11 लाख खर्च आता है. जिस पर सामान्य जाति को 40 प्रतिशत अनुदान, अनुसूचित जाति के महिला और पुरूष को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. इसी प्रकार से नमकीन जल वाली भूमि में मछली/झींगा पर 14 लाख खर्च आता है.

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जिला मत्स्य अधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा ट्यूबवेल की 50 हजार रुपये की लागत पर 20 हजार रुपये सामान्य जाति के पुरूष मत्स्य पालकों को और 30 हजार रुपये की सब्सिडी अनुसूचित जाति और महिला मत्स्य पालकों को अनुदान दिया जाता है. इसी प्रकार से डीप ट्यूबवेल पर दो लाख रुपये की कीमत पर सामान्य वर्ग को 80 हजार रुपये और अनुसूचित जाति को एक लाख 20 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है. इसी तरह 40 हजार रुपये की लागत के ऐरियेटर तालाब में लगवाने पर सामान्य जाति के मत्स्य पालकों को 16 हजार रुपये और अनुसूचित जाति के मत्स्य पालकों को 24 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है.

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