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भिवानी: किसानों ने प्रदर्शन कर सरकार पर लगाए किसान विरोधी होने के आरोप - भिवानी किसान प्रदर्शन

भिवानी में अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों ने धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों ने कहा कि सरकार किसानों की भलाई का नारा देकर आई थी, लेकिन सत्ता में आते ही बदल गई.

farmers protest against govt in bhiwani
farmers protest against govt in bhiwani
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Published : Jul 10, 2020, 7:24 PM IST

भिवानी: शुक्रवार को जिले में परेशान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के नेतृत्व में किसानों ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया.

धरने पर बैठे किसानों ने बिजली बिल को तत्काल रद्द करने, खाद, बीज, बिजली और डीजल फ्री करने की मांग की है. इसके अलावा गरीब किसानों के कर्ज माफ करने की मांग भा की गई है. धरने को सम्बोधित करते हुए कॉमरेड जिले सिंह ने कहा कि ये सरकार किसान हितेषी होने का नारा देकर आई थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद किसान विरोधी कार्य कर रही है.

उन्होंने कहा कि यदि सरकार वाकई किसानों का भला चाहती है तो वो स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए और किसानों से लाभकारी दामों पर सीधी खरीद सुनिश्चित करें. अधिकांश खेत मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं हैं और इसके कारण वे सरकारी लाभ से भी वंचित रह जाते हैं.

ये भी पढ़ें- चरखी दादरी में अवैध कॉलोनियों पर चला प्रशासन का पीला पंजा

उन्होंने बताया कि ऐसे किसानों को किसी भी सरकारी योजना के माध्यम से राहत नहीं मिलती. उसके लिए सरकार को एक कृषि मजदूर कल्याण बोर्ड बनाना चाहिए और उनके गुजारे के लिए आवश्यक सहायता का प्रावधान करना चाहिए. धरने पर बैठे किसानों ने अगले 6 महीने तक प्रत्येक गरीब परिवारों को हर महीने न्यूनतम दस हजार रुपये आवंटित करने की मांग की.

भिवानी: शुक्रवार को जिले में परेशान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के नेतृत्व में किसानों ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया.

धरने पर बैठे किसानों ने बिजली बिल को तत्काल रद्द करने, खाद, बीज, बिजली और डीजल फ्री करने की मांग की है. इसके अलावा गरीब किसानों के कर्ज माफ करने की मांग भा की गई है. धरने को सम्बोधित करते हुए कॉमरेड जिले सिंह ने कहा कि ये सरकार किसान हितेषी होने का नारा देकर आई थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद किसान विरोधी कार्य कर रही है.

उन्होंने कहा कि यदि सरकार वाकई किसानों का भला चाहती है तो वो स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए और किसानों से लाभकारी दामों पर सीधी खरीद सुनिश्चित करें. अधिकांश खेत मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं हैं और इसके कारण वे सरकारी लाभ से भी वंचित रह जाते हैं.

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उन्होंने बताया कि ऐसे किसानों को किसी भी सरकारी योजना के माध्यम से राहत नहीं मिलती. उसके लिए सरकार को एक कृषि मजदूर कल्याण बोर्ड बनाना चाहिए और उनके गुजारे के लिए आवश्यक सहायता का प्रावधान करना चाहिए. धरने पर बैठे किसानों ने अगले 6 महीने तक प्रत्येक गरीब परिवारों को हर महीने न्यूनतम दस हजार रुपये आवंटित करने की मांग की.

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