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तीन कृषि कानून लागू हो गए तो किसान की रोटी पर पूंजीपतियों का कब्जा होगा: राकेश टिकैत - राकेश टिकैत तीन कृषि कानून

भिवानी पहुंचे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि अगर तीनों कृषि कानून सरकार लागू कर देगी तो किसानों की रोटी भी पूंजीपतियों के हाथ में चली जाएगी. वहीं राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा पर भी अपने बेटे के केस को प्रभावित करने का आरोप लगाया है.

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तीन कृषि कानून लागू हो गए तो किसान की रोटी पर पूंजीपतियों का कब्जा होगा
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Published : Oct 28, 2021, 5:43 PM IST

भिवानी: गुरुवार को भिवानी (Bhiwani) के गांव मुंढ़ाल में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत किसान धरने को संबोधित करने पहुंचे. इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के लागू होने के बाद गरीबों की रोटी पर भी पूंजीपतियों का कब्जा हो जाएगा. देश में महंगाई इतनी बढ़ जाएगी कि गरीब व्यक्ति ना अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और चिकित्सा का प्रबंध तक नहीं कर पाएगा. इसीलिए देश भर के अन्नदाता लगभग एक साल से धरने पर बैठकर देश के हर व्यक्ति की लड़ाई लड़ रहा है

धरने को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने भडक़ाऊ बयान देकर अपने बेटे आशीष मिश्रा से किसानों को गाड़ी से कुचलवाया और अब इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होने दे रहें. उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में हुए किसान हत्याकांड मामले में सभी दोषियों को गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए. टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है, लेकिन आज हालात यह है कि डीएपी खाद तक पुलिस थानों में मिलती है.

उन्होंने कहा कि देश का अन्नदाता लगभग एक साल से लगातार सड़कों पर बैठकर अपने हक मांग रहा है, लेकिन केंद्र सरकार हठधर्मिता अपनाते हुए तानाशाही कर रही है और देश के अन्नदाताओं पर जुल्म पर जुल्म कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर तीन कृषि कानून लागू हो जाते हैं तो गरीबों की रोटी पर भी पूंजीपतियों का कब्जा हो जाएगा, जिसके बाद गरीब व्यक्ति अच्छी शिक्षा व चिकित्सा को तरस जाएगा.

ये पढ़ें- ऐलनाबाद उपचुनाव : इशारों ही इशारों में राकेश टिकैत ने इस नेता का किया समर्थन

इस मौके पर धरने को संबोधित करते हुए किसान नेता जोगेंद्र तालु ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में लगभग एक वर्ष से धरने पर बैठे किसान लगातार तीन कृषि कानूनों को खत्म किए जाने की मांग कर है, लेकिन किसानों का इतना लंबा संघर्ष चलने के बाद भी सरकार किसानों की मांगें मानने पर हामी नहीं भर रहे, जिसके चलते देश भर के अन्नदाताओं में रोष है. उन्होंने कहा कि जब तक तीन कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते, किसानों का संघर्ष जारी रहेगा तथा भाजपा-जजपा नेताओं का बहिष्कार भी जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि बेमौसमी बारिश से उनके खेतों में खड़े पानी से कपास और धान की फसल खराब हो गई, जिसकी गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए.

ये पढ़ें- ऐलनाबाद में अभय चौटाला के समर्थन में किसान? सुनिए क्या बोले राकेश टिकैत

भिवानी: गुरुवार को भिवानी (Bhiwani) के गांव मुंढ़ाल में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत किसान धरने को संबोधित करने पहुंचे. इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के लागू होने के बाद गरीबों की रोटी पर भी पूंजीपतियों का कब्जा हो जाएगा. देश में महंगाई इतनी बढ़ जाएगी कि गरीब व्यक्ति ना अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और चिकित्सा का प्रबंध तक नहीं कर पाएगा. इसीलिए देश भर के अन्नदाता लगभग एक साल से धरने पर बैठकर देश के हर व्यक्ति की लड़ाई लड़ रहा है

धरने को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने भडक़ाऊ बयान देकर अपने बेटे आशीष मिश्रा से किसानों को गाड़ी से कुचलवाया और अब इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होने दे रहें. उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में हुए किसान हत्याकांड मामले में सभी दोषियों को गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए. टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है, लेकिन आज हालात यह है कि डीएपी खाद तक पुलिस थानों में मिलती है.

उन्होंने कहा कि देश का अन्नदाता लगभग एक साल से लगातार सड़कों पर बैठकर अपने हक मांग रहा है, लेकिन केंद्र सरकार हठधर्मिता अपनाते हुए तानाशाही कर रही है और देश के अन्नदाताओं पर जुल्म पर जुल्म कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर तीन कृषि कानून लागू हो जाते हैं तो गरीबों की रोटी पर भी पूंजीपतियों का कब्जा हो जाएगा, जिसके बाद गरीब व्यक्ति अच्छी शिक्षा व चिकित्सा को तरस जाएगा.

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इस मौके पर धरने को संबोधित करते हुए किसान नेता जोगेंद्र तालु ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में लगभग एक वर्ष से धरने पर बैठे किसान लगातार तीन कृषि कानूनों को खत्म किए जाने की मांग कर है, लेकिन किसानों का इतना लंबा संघर्ष चलने के बाद भी सरकार किसानों की मांगें मानने पर हामी नहीं भर रहे, जिसके चलते देश भर के अन्नदाताओं में रोष है. उन्होंने कहा कि जब तक तीन कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते, किसानों का संघर्ष जारी रहेगा तथा भाजपा-जजपा नेताओं का बहिष्कार भी जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि बेमौसमी बारिश से उनके खेतों में खड़े पानी से कपास और धान की फसल खराब हो गई, जिसकी गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए.

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