भिवानी: कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर बुधवार को किसानों ने काला दिवस मनाकर अपनी एकता दिखाई. भिवानी के कितलाना टोल पर आंदोलनकारी किसानों ने भी सरकार के खिलाफ हुंकार भरी और कहा कि जो किसान गर्मी-सर्दी से नहीं डरता, वो सरकार क्या डरेगा.
विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों ने काली पट्टी, काली पगड़ी बांधी तो महिला किसानों ने काली चुनरी ओढकर विरोध जताया. जगह-जगह केंद्र सरकार और पीएम मोदी के पुतले फूंक कर अपनी एकता का परिचय देते हुए सरकार विरोधी नारेबाजी की गई.
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किसान नेता कमल प्रधान और धर्मेंद्र ने कहा कि आज आंदोलन के 6 महीने पूरे हो चुके हैं, इसलिए ये काला दिवस मनाकर विरोध जताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज सरकार को एहसास हो गया होगा कि किसान हार मानने वाला नहीं और ना डरने वाला है. किसानों ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि वो अपनी मांगे पूरी होने के बाद ही घर वापस जाएंगे.
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किसानों नेताओं ने कहा कि कोरोना के नाम पर सरकार गलत प्रचार कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को किसानों की इतनी ही चिंता है तो सरकार हमारी मांग क्यों नहीं मानती. किसानों ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में अन्नदाता सडकों पर है, आंदोलन का अंत बातचीत से संभव है, पर महीनों से बातचीत का दौर भी बंद है. अब ऐसे में इस आंदोलन की दिशा और दशा क्या होगी, कोई नहीं कह सकता.