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दक्षिण हरियाणा के किसानों ने धान की जगह इस फसल की खेती पर दिया जोर, बढ़ी कमाई

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Published : Jun 26, 2021, 5:24 PM IST

Updated : Jun 26, 2021, 5:45 PM IST

हरियाणा सरकार की 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना का असर दक्षिण हरियाणा में भी दिखने लगा है. यहां के किसानों ने धान व बाजरे की जगह दूसरी फसलों की खेती की ओर रुख किया है. जिससे भिवानी के कई किसानों ने भारी मुनाफा कमाने के साथ-साथ पानी की भी बचत की है.

pulse crops cultivation bhiwani
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भिवानी: एक तरफ जहां खेती को घाटे का सौदा माना जा रहा है. वहीं इसी बीच हरियाणा के किसान दलहन की फसलें उगाकर ना केवल अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं बल्कि पानी की बचत भी हो रही है. उत्तरी हरियाणा में तो काफी पहले से किसान दलहन की ओर रुख कर चुके थे वहीं अब दक्षिण हरियाणा की भी ये मुख्य फसल बनती जा रही है. 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना के तहत कृषि विभाग की पहल पर अबकी बार दक्षिणी हरियाणा में दलहन फसलों की बिजाई तीन गुणा तक की गई है.

भिवानी जिले की बात करें तो यहां कुल 78 हजार हेक्टेयर में फसलों की बिजाई की गई है जिसमें मूंग जैसी दलहन फसलों की बिजाई 10 हजार से बढ़कर 30 हजार हेक्टेयर हो गई है. जिला कृषि अधिकारी डॉ. आत्माराम गोदारा ने बताया कि इस बार किसानों ने जागरुकता दिखाते हुए दलहन की फसलें उगाई हैं. इससे पानी की बचत के साथ किसानों की अच्छी कमाई भी हुई है.

दक्षिण हरियाणा के किसानों ने धान की जगह दलहन की खेती पर दिया जोर

क्या है 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना?

बता दें कि, मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत जो किसान अपने खेतों में धान नहीं बोएंगे उनके खातों में प्रति एकड़ सात हजार रुपये और बाजरा न बोने वाले किसानों के खातों में चार हजार रुपये राज्य सरकार द्वारा डाले जाएंगे. इसके अलावा अगर कोई किसान खेत को खाली भी रखेगा तो उसे भी सात हजार रुपये प्रति एकड़ दिए जाएंगे.

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क्या है मेरा पानी मेरी विरासत योजना?

एक एकड़ में 10-15 हजार का मुनाफा

दलहन फसलों में अगर मूंग की बात करें तो इसकी खेती में ज्यादा लागत नहीं आती और एक एकड़ में लगभग 10 से 15 हजार रुपये का मुनाफा हो जाता है व घर के लिए भी दाल हो जाती है. वहीं जो किसान बड़े पैमाने पर मूंग उगा रहे हैं उनको लाखों का फायदा हो जाता है.

moong cultivation bhiwani
मूंग की खेती के फायदे.

भिवानी जिले के किसान भी हैं खुश

दलहन की खेती करने वाले किसान भी खुश नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि दलहन की फसलें उगाने से जहां पानी बचा है वहीं भूमि की उपजाऊ शक्ति के साथ आमदन में भी इजाफा हुआ है. साथ ही मूंग जैसी फसलों से अच्छा प्रोटीन मिलता है, इससे दक्षिण हरियाणा के युवाओं के स्वास्थ्य में ओर सुधार होगा. किसानों ने सरकार की 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना का भी स्वागत किया है.

ये भी पढ़ें- दक्षिणी हरियाणा के किसानों के लिए मनोहर सरकार ला रही ये योजना

बहरहाल दक्षिण हरियाणा के भिवानी जिले के ये किसान जिस उन्नतशील ढंग से खेती करके कमाई कर रहे हैं उससे दूसरे किसान भी प्रेरित होकर मुनाफा ले सकते हैं. इससे ना केवल पानी बचेगा बल्कि भूमि की उपजाऊ शक्ति के साथ किसान की आमदन में भी इजाफा होगा.

ये भी पढ़ें- पलवल की ये खास मूंग 60 दिन में बना देती है लखपति, दिल्ली एनसीआर की पहली पसंद

भिवानी: एक तरफ जहां खेती को घाटे का सौदा माना जा रहा है. वहीं इसी बीच हरियाणा के किसान दलहन की फसलें उगाकर ना केवल अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं बल्कि पानी की बचत भी हो रही है. उत्तरी हरियाणा में तो काफी पहले से किसान दलहन की ओर रुख कर चुके थे वहीं अब दक्षिण हरियाणा की भी ये मुख्य फसल बनती जा रही है. 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना के तहत कृषि विभाग की पहल पर अबकी बार दक्षिणी हरियाणा में दलहन फसलों की बिजाई तीन गुणा तक की गई है.

भिवानी जिले की बात करें तो यहां कुल 78 हजार हेक्टेयर में फसलों की बिजाई की गई है जिसमें मूंग जैसी दलहन फसलों की बिजाई 10 हजार से बढ़कर 30 हजार हेक्टेयर हो गई है. जिला कृषि अधिकारी डॉ. आत्माराम गोदारा ने बताया कि इस बार किसानों ने जागरुकता दिखाते हुए दलहन की फसलें उगाई हैं. इससे पानी की बचत के साथ किसानों की अच्छी कमाई भी हुई है.

दक्षिण हरियाणा के किसानों ने धान की जगह दलहन की खेती पर दिया जोर

क्या है 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना?

बता दें कि, मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत जो किसान अपने खेतों में धान नहीं बोएंगे उनके खातों में प्रति एकड़ सात हजार रुपये और बाजरा न बोने वाले किसानों के खातों में चार हजार रुपये राज्य सरकार द्वारा डाले जाएंगे. इसके अलावा अगर कोई किसान खेत को खाली भी रखेगा तो उसे भी सात हजार रुपये प्रति एकड़ दिए जाएंगे.

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क्या है मेरा पानी मेरी विरासत योजना?

एक एकड़ में 10-15 हजार का मुनाफा

दलहन फसलों में अगर मूंग की बात करें तो इसकी खेती में ज्यादा लागत नहीं आती और एक एकड़ में लगभग 10 से 15 हजार रुपये का मुनाफा हो जाता है व घर के लिए भी दाल हो जाती है. वहीं जो किसान बड़े पैमाने पर मूंग उगा रहे हैं उनको लाखों का फायदा हो जाता है.

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मूंग की खेती के फायदे.

भिवानी जिले के किसान भी हैं खुश

दलहन की खेती करने वाले किसान भी खुश नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि दलहन की फसलें उगाने से जहां पानी बचा है वहीं भूमि की उपजाऊ शक्ति के साथ आमदन में भी इजाफा हुआ है. साथ ही मूंग जैसी फसलों से अच्छा प्रोटीन मिलता है, इससे दक्षिण हरियाणा के युवाओं के स्वास्थ्य में ओर सुधार होगा. किसानों ने सरकार की 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना का भी स्वागत किया है.

ये भी पढ़ें- दक्षिणी हरियाणा के किसानों के लिए मनोहर सरकार ला रही ये योजना

बहरहाल दक्षिण हरियाणा के भिवानी जिले के ये किसान जिस उन्नतशील ढंग से खेती करके कमाई कर रहे हैं उससे दूसरे किसान भी प्रेरित होकर मुनाफा ले सकते हैं. इससे ना केवल पानी बचेगा बल्कि भूमि की उपजाऊ शक्ति के साथ किसान की आमदन में भी इजाफा होगा.

ये भी पढ़ें- पलवल की ये खास मूंग 60 दिन में बना देती है लखपति, दिल्ली एनसीआर की पहली पसंद

Last Updated : Jun 26, 2021, 5:45 PM IST
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