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भिवानी में किसान परिवार ने सिर्फ एक रुपये लेकर की शादी की पक्की, बेटी ही दहेज है का दिया संदेश - Haryana Latest News

वर्तमान में दहेज प्रथा को त्यागने के लिए आम लोग अब समाज के सामने मिशाल (marriage without dowry in bhiwani) पेश कर रहे हैं. भिवानी के एक किसान परिवार द्वारा एक रुपया और नारियल लेकर की गई शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.

marriage without dowry in bhiwani
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Published : Mar 13, 2022, 10:23 PM IST

भिवानी: वर्तमान में दहेज प्रथा को त्यागने के लिए आम लोग अब समाज के सामने मिशाल (marriage without dowry in bhiwani) पेश कर रहे हैं. ऐसी ही मिशाल भिवानी से सामने आयी है. भिवानी के एक किसान परिवार ने एक रुपया और नारियल लेकर की शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. आज के समय में एक तरफ जहां दहेज के लिए रिश्ते टूट जाते हैं. दहेज के लिए घर में लड़की और परिजनों को परेशान किया जाता है. वहीं एक तरफ भिवानी के किसान परिवार ने दहेज न लेने की मिशाल पेश की है.

लोगों का कहना है कि ऐसे परिवारों के कारण समाज सुधरेगा और बेटियां किसी पर बोझ नहीं बनेंगी. लड़के के पिता दलबीर ने कहा कि उनके पड़ोस के गांव धनाना में सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह की मौजूदगी में जाटू खाप-84 की बैठक में समाज में फैली दहेज की कुप्रथा रोकने का फैसला लिया था. जिससे प्रेरित होकर उन्होंने अपने बेटे का रिश्ता भिवानी के टिटोली गांव निवासी अनु से रिश्ता एक रुपये में तय किया है. दलबीर ने कहा कि जब समाज में दहेज की कुप्रथा खत्म होगी तभी बेटा-बेटी एक समान होंगे और बेटियां किसी पर बोझ नहीं बनेगी.

ये भी पढ़ें- अंबाला में अनोखी शादी: घोड़ी पर सवार होकर चली दुल्हन, भेदभाव ना करने का दिया संदेश

उन्होंने ने कहा कि लड़की पक्ष वाले दहेज देने का दबाव बना रहे थे, लेकिन उन्होंने नहीं लिया. वहीं दुल्हन के चाचा योगेंद्र सिंह ने कहा कि ऐसे परिवार ही समाज में सुधार लाते हैं. आज के समय में हर कोई माता पिता अपनी बेटी को शिक्षित करता है पर दहेज का दानव बेटियों को समाज में बोझ बना देता है. बात दें कि दलबीर के पुत्र बीकॉम पास है और दुल्हन मास्टर डिग्री कर रही है.

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भिवानी: वर्तमान में दहेज प्रथा को त्यागने के लिए आम लोग अब समाज के सामने मिशाल (marriage without dowry in bhiwani) पेश कर रहे हैं. ऐसी ही मिशाल भिवानी से सामने आयी है. भिवानी के एक किसान परिवार ने एक रुपया और नारियल लेकर की शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. आज के समय में एक तरफ जहां दहेज के लिए रिश्ते टूट जाते हैं. दहेज के लिए घर में लड़की और परिजनों को परेशान किया जाता है. वहीं एक तरफ भिवानी के किसान परिवार ने दहेज न लेने की मिशाल पेश की है.

लोगों का कहना है कि ऐसे परिवारों के कारण समाज सुधरेगा और बेटियां किसी पर बोझ नहीं बनेंगी. लड़के के पिता दलबीर ने कहा कि उनके पड़ोस के गांव धनाना में सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह की मौजूदगी में जाटू खाप-84 की बैठक में समाज में फैली दहेज की कुप्रथा रोकने का फैसला लिया था. जिससे प्रेरित होकर उन्होंने अपने बेटे का रिश्ता भिवानी के टिटोली गांव निवासी अनु से रिश्ता एक रुपये में तय किया है. दलबीर ने कहा कि जब समाज में दहेज की कुप्रथा खत्म होगी तभी बेटा-बेटी एक समान होंगे और बेटियां किसी पर बोझ नहीं बनेगी.

ये भी पढ़ें- अंबाला में अनोखी शादी: घोड़ी पर सवार होकर चली दुल्हन, भेदभाव ना करने का दिया संदेश

उन्होंने ने कहा कि लड़की पक्ष वाले दहेज देने का दबाव बना रहे थे, लेकिन उन्होंने नहीं लिया. वहीं दुल्हन के चाचा योगेंद्र सिंह ने कहा कि ऐसे परिवार ही समाज में सुधार लाते हैं. आज के समय में हर कोई माता पिता अपनी बेटी को शिक्षित करता है पर दहेज का दानव बेटियों को समाज में बोझ बना देता है. बात दें कि दलबीर के पुत्र बीकॉम पास है और दुल्हन मास्टर डिग्री कर रही है.

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