भिवानी: हरियाणा सरकार प्रदेश में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त किए जाने की बात जरूर कहती है. लेकिन प्रदेश में बिजली मीटर रीड करने वाले कर्मचारी अभी भी 2200 मीटर रीड ठेका प्रथा का दंश झेल रहे हैं. मीटर रीडर की पिछले लंबे समय से मांग है कि उनको हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत शामिल किया जाए. लेकिन सरकार इन कर्मचारियों की मांगों को अनसुना किए जा रही है.
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हरियाणा कौशल रोजगार निगम में शामिल किए जाने की मांग को लेकर उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम व दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के तहत कार्यरत मीटर रीडर रविवार को भिवानी में एकत्रित हुए. जहां विधायक घनश्याम सर्राफ व भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम मांगपत्र सौंपकर मीटर रीडर को हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत लिए जाने की मांग की है.
इस मौके पर मीटर रीडर ने कहा कि आज तक कच्चे कर्मचारियों को हरियाणआ कौशल रोजगार निगम (HKRM) में शामिल नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अंत्योदय की भावना से कार्य करते हुए ठेकेदारी खत्म किए जाने की बात कहते हैं. लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति जस की तस बनी हुई है. मीटर रीडर कर्मचारियों को उनके अधिकारों से वंचित रख कर उनका शोषण किया जा रहा है.
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मीटर रीड करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि पिछले लंबे समय से उनके अधिकारों की अनदेखी की जा रही है. जिसके चलते मीटर रीडर में काफी रोष है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो संघर्ष को तेज करने पर मजबूर होंगे.