भिवानी: आज पूरे देश में बकरीद का त्योहार बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है. सख्त दिशा-निर्देशों पर अमल करते हुए मुस्लिम समाज के लोगों ने इस बार बकरीद का त्योहार बड़े ही साधारण तरीके से मनाया, लेकिन भिवानी में अनोखे तरीके से लोगों ने बकरीद के त्योहार को मनाया.
बता दें कि इस दिन लोग किसी जानवर की कुर्बानी देकर ईद का त्योहार मनाते हैं, लेकिन भिवानी में इस त्योहार के मौके पर मुस्लिम सुमदाय ने मानवता की नई मिसाल पेश की है. यहां पहली बार बकरे की कुर्बानी न देकर बकरे की कीमत का दूध, ब्रेड और फल खरीदकर जरूरतमंदों को बांटे. यहां के मुस्लिम समुदाय ने बकरीद की बजाय मीठी ईद मनाते हुए मीठे पकवान भी बनाए.
मुस्लिम समुदाय में बकरीद का त्योहार बहुत महत्व रखता है. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करते हैं और बकरे की कुर्बानी देकर अल्लाह से दुआ मांगते हैं, लेकिन यहां के लोगों ने नमाज पड़ी और अल्लाह से दुआ भी मांग मगर बकरे की कुर्बानी नहीं दी. इतना ही नहीं कोरोना के चलते ज्यादातर लोगों ने इस बार घर में ही नमाज अदा की.
मुस्लिम समुदाय कमेटी के जिला प्रधान जोरावर अली ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते सभी नमाजियों को अपने घरों में ही नमाज अदा करने के लिए कहा गया है. उन्होंने बताया कि इस बार बकरों की कुर्बानी नहीं दी गई, बल्कि बकरे की कीमत के बराबर कीमत का दूध, ब्रेड और फल लाकर जरूरतमंदों में बांटे गए.
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उन्होंने कहा कि इस बार लोगों ने अपने घरों में मीठे पकवान बनाए और बांटे. शबाना ने बताया कि इस बार कोई कुर्बानी ना देकर खीर, पकौड़े और अन्य पकवान बनाए हैं और आपस में एक-दूसरे को मिठाईयां बांटी हैं. शबाना ने बताया कि इस बार बकरीद को भाईचारे, प्यार और मोहब्बत के तौर पर मनाया गया है.