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पानी के टैंकरों पर आपस में भिड़े सांसद और प्रशासन, दुष्यंत ने दी FIR की चेतावनी

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Published : Mar 19, 2019, 3:21 PM IST

सांसद दुष्यंत चौटाला और जिला प्रशासन में पानी के टैंकरों को लेकर आपसी टकराव हो गया है. दुष्यंत द्वारा पंचायतों को दिए गए पानी के टैंकरों पर नाम मिटाने से सांसद नाराज हैं.

टैंकरों से मिटा दुष्यंत चौटाला का नाम

भिवानीः सांसददुष्यंत चौटाला और जिला प्रशासन में पानी के टैंकरों को लेकर आपसी टकराव हो गया है. दुष्यंत द्वारा पंचायतों को दिए गए पानी के टैंकरों पर नाम मिटाने से सांसद नाराज हैं. इसके लिए दुष्यंत ने सरकार पर सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग करने और डीसी पर दबाव में आने का आरोप लगाते हुए एफआईआर करवाने तक की चेतावनी दी है.

'अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई'

सफेद पेंट से मिटाया नाम
मामला हिसार लोकसभा क्षेत्र में बवानीखेड़ा हल्के के गांव दुर्जनपुर का है. जहां सांसद दुष्यंत चौटाला द्वारा अपनी सांसद निधि से दिए पानी के टैंकर पर से पंचायत ने सफेद पेंट से उनके नाम को मिटा दिया.

सांसद ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
जिससे नाराज होकर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उन्होंने इस पूरे मामले पर चुनाव आयोग को पत्र लिखा है और डीसी से बात भी की है. उन्होंने बताया कि डीसी ने दबाव में आकर ही नियमों के मुताबिक टैंकरों पर नाम ढकने की बजाय पेंट कर मिटाने का काम किया है.

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पानी के टैंकर पर सियासत!

'अधिकारियों के खिलाफ FIR होगी दर्ज'
सांसद ने स्पष्ट किया कि जिन अधिकारियों व कर्मचारियों ने मिलकर ये काम किया है, उनके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करवाई जाएगी.

किया जा रहा था आचार संहिता का उल्लंघन- सरपंच
मामले में दुर्जनपुर के सरपंच प्रतिनिधि महेश कुमार ने कहा कि ये सब लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता के चलते किया गया है. साथ ही उन्होंने लिखित में अनुमति ना लेने के सवाल पर कहा कि बीडीपीओ ने जरूरत पड़ने तक लिखित में आदेश देने की बात कही थी.

भिवानीः सांसददुष्यंत चौटाला और जिला प्रशासन में पानी के टैंकरों को लेकर आपसी टकराव हो गया है. दुष्यंत द्वारा पंचायतों को दिए गए पानी के टैंकरों पर नाम मिटाने से सांसद नाराज हैं. इसके लिए दुष्यंत ने सरकार पर सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग करने और डीसी पर दबाव में आने का आरोप लगाते हुए एफआईआर करवाने तक की चेतावनी दी है.

'अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई'

सफेद पेंट से मिटाया नाम
मामला हिसार लोकसभा क्षेत्र में बवानीखेड़ा हल्के के गांव दुर्जनपुर का है. जहां सांसद दुष्यंत चौटाला द्वारा अपनी सांसद निधि से दिए पानी के टैंकर पर से पंचायत ने सफेद पेंट से उनके नाम को मिटा दिया.

सांसद ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
जिससे नाराज होकर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उन्होंने इस पूरे मामले पर चुनाव आयोग को पत्र लिखा है और डीसी से बात भी की है. उन्होंने बताया कि डीसी ने दबाव में आकर ही नियमों के मुताबिक टैंकरों पर नाम ढकने की बजाय पेंट कर मिटाने का काम किया है.

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पानी के टैंकर पर सियासत!

'अधिकारियों के खिलाफ FIR होगी दर्ज'
सांसद ने स्पष्ट किया कि जिन अधिकारियों व कर्मचारियों ने मिलकर ये काम किया है, उनके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करवाई जाएगी.

किया जा रहा था आचार संहिता का उल्लंघन- सरपंच
मामले में दुर्जनपुर के सरपंच प्रतिनिधि महेश कुमार ने कहा कि ये सब लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता के चलते किया गया है. साथ ही उन्होंने लिखित में अनुमति ना लेने के सवाल पर कहा कि बीडीपीओ ने जरूरत पड़ने तक लिखित में आदेश देने की बात कही थी.

सर, इस खबर से संबंधित वीडियो भेजी जा चुकी है।
FILE NAME : HAR_BHIWANI_INDERVES_ 19MAR_MP TANKAR
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रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 19 मार्च।
सांसद कोटे के दिए पानी के टैंकरों को लेकर दुष्यंत चौटाला और प्रशासन आमने-सामने
पानी के टैंकरों पर सांसद का नाम मिटाने पर बढ़ी तकरार
पंचायत प्रतिनिधि बता रहे हैं प्रशासन के मौखिक आदेश
खुद विकास कार्य ना करा मेरे काम पर डाल रहे पर्दा : दुष्यंत
भिवानी जिला के गांव दुर्जनपुर का है पूरा मामला
    भिवानी में सांसद दुष्यंत चौटाला व जिला प्रशासन में पानी के टैंकरों को लेकर टकराव हो गया है। सांसद द्वारा अपनी सांसद निधि से पंचायतों को दिए गए पानी के टैंकरों पर नाम मिटाने से सांसद आगबबुला हैं। सांसद ने सरकार पर सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग करने और डीसी पर दबाव में आने का आरोप लगाते हुए एफआईआर करवाने तक की चेतावनी दी है। 
    पूरा मामला हिसार लोकसभा क्षेत्र में बवानीखेड़ा हलके के गांव दुर्जनपुर का है। यहां सांसद दुष्यंत चौटाला द्वारा अपनी सांसद निधि से दिए पानी के टैंकर पर पंचायत द्वारा उनके नाम को मिटा दिया। पंचायत ने टैंक पर सांसद के नाम पर सफेद पेंट कर मिटा दिया गया है। 
    जब इस बारे में दुर्जनपुर के सरपंच प्रतिनिधि महेश कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि इस बारे में खंड विकास एंव पंचायत अधिकारी के मौखिक आदेश पर सांसद के नाम को पोता (मिटाया) गया हैं। उन्होंने कहा कि ये सब लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता के चलते किया गया है। साथ ही उन्होंने लिखित में अनुमति ना लेने के सवाल पर कहा कि बीडीपीओ ने जरूरत पडऩे तक लिखित में आदेश देने की बात कही थी। 
    वहीं सांसद दुष्यंत चौटाला ने इस पूरे मामले पर आरोप लगाया है कि सरकार ने चुनाव आयोग की आड़ में सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि जो खुद विकास नहीं करवा पाए वो हमारे कामों को रोकने में लगे हैं। सांसद ने कहा कि इस पूरे मामले पर चुनाव आयोग को पत्र लिखा है और डीसी से बात भी की है। डीसी ने दबाव में आकर ही नियमों के मुताबिक टैंकरों पर नाम ढक़ने की बजाय पेंट कर मिटाने का काम किया है। सांसद ने स्पष्ट किया कि जिन अधिकारियों व कर्मचारियों वे मिलकर ये किया उनके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करवाई जाएगी। दुष्यंत ने कहा कि डीसी इसे चुनाव आयोग के निर्देश मानते हैं तो अब तक सीएम मनोहरलाल, किसी भी मंत्री, सांसद व विधायक के कार्यों के शिलान्यास तथा उद्घाटनों के पत्थरों को भी हटाएं, अन्यथा डीसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 
    अब देखना होगा की पानी के टैंकरों को लेकर शुरू हुई ये तकरार क्या रंग लाती है। या फिर आचार संहिता के नाम पर हुई इस कार्रवाई की आंच, समय के साथ जांच के नाम पर पानी डाल कर ठंडी कर दी जाएगी। 

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