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भिवानी: सफेद मक्खी से बर्बाद हुए कपास के किसानों ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन - Bhiwani Cotton Farmer White Fly Outbreak

भिवानी में कपास के किसानों ने जिला उपायुक्त से मुलाकात कर उन्हें अपना मांग का ज्ञापन सौंपा. किसानों ने बताया कि सफदे मक्खी से उनकी कपास की फसल बर्बाद हो गई है.

Cotton farmers destroyed by white fly submitted memorandum to bhiwani DC
Cotton farmers destroyed by white fly submitted memorandum to bhiwani DC
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Published : Aug 31, 2020, 4:22 PM IST

भिवानी: सफेद मक्खी से खराब हुई फसल के मुआवजे की मांग को लेकर तालू, धनाना मुंढाल, पुर, सिवाड़ा बवानीखेड़ा के किसान जिला उपायुक्त से मिले और उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा. किसानों का नेतृत्व किसान नेता जोगेंद्र तालू ने किया था.

इस मौके पर सुरेश नम्बरदार तालू, बनी सिंह नम्बरदार पुर, भूप सिंह मास्टर पुर, धर्मपाल जताई, राज सिंह धनाना, राज कुमार जताई, कर्मबीर सिंगल मुंढाल नाम के किसानों ने कहा कि सफेद मक्खी से कपास की पूरी फसल खराब हो चुकी है. किसानों ने कहा कि आज किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है. किसानों की आय का साधन केवल उसके खेत ही होते हैं.

सफेद मक्खी से बर्बाद हुए कपास के किसानों ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन, देखें वीडियो

वो अपने खेतों की रखवाली के लिए दिनरात एक कर देता है तब जाकर उसको अपनी फसल दिखाई देती है, लेकिन अगर उसे कुछ रोग लग जाता है तो उसकी सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है. किसानों ने बताया कि आज सफेद मक्खी से उसकी कपास की फसल बर्बाद हो गई है. किसानों ने उपायुक्त से मांग करते हुए कहा कि उनकी फसलों की गिरदावरी करवाकर उन्हें खराब हुई कपास की फसल का मुआवजा दिलाया जाए.

ये भी पढ़ें- भिवानी: सालों बाद शुरू हुआ लठिया वाला जोहड़ की खुदाई और सौंदर्यकरण का काम

बता दें कि, 100 से 125 अंडे देने वाली सफेद मक्खी फसलों की तबाही की वजह बन रही है. इस मौसम में ये मक्खी फलती-फूलती है और इसका जीवन चक्र 30 से 35 दिन का होता है. सफेद मक्खी कपास के पौधे के पत्तों पर बैठकर लार छोड़ती है, जिससे पत्ते काले पड़ जाते हैं और इस वजह से पौधे का विकास नहीं हो पाता. भिवानी में किसानों की मानें तो कपास की खेती में एक एकड़ में कुल मिलाकर 30 से 35 हजार रुपये का खर्च आ जाता है, लेकिन उनकी मेहनत पर सफेत मक्खी ने पानी फेर दिया है.

भिवानी: सफेद मक्खी से खराब हुई फसल के मुआवजे की मांग को लेकर तालू, धनाना मुंढाल, पुर, सिवाड़ा बवानीखेड़ा के किसान जिला उपायुक्त से मिले और उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा. किसानों का नेतृत्व किसान नेता जोगेंद्र तालू ने किया था.

इस मौके पर सुरेश नम्बरदार तालू, बनी सिंह नम्बरदार पुर, भूप सिंह मास्टर पुर, धर्मपाल जताई, राज सिंह धनाना, राज कुमार जताई, कर्मबीर सिंगल मुंढाल नाम के किसानों ने कहा कि सफेद मक्खी से कपास की पूरी फसल खराब हो चुकी है. किसानों ने कहा कि आज किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है. किसानों की आय का साधन केवल उसके खेत ही होते हैं.

सफेद मक्खी से बर्बाद हुए कपास के किसानों ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन, देखें वीडियो

वो अपने खेतों की रखवाली के लिए दिनरात एक कर देता है तब जाकर उसको अपनी फसल दिखाई देती है, लेकिन अगर उसे कुछ रोग लग जाता है तो उसकी सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है. किसानों ने बताया कि आज सफेद मक्खी से उसकी कपास की फसल बर्बाद हो गई है. किसानों ने उपायुक्त से मांग करते हुए कहा कि उनकी फसलों की गिरदावरी करवाकर उन्हें खराब हुई कपास की फसल का मुआवजा दिलाया जाए.

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बता दें कि, 100 से 125 अंडे देने वाली सफेद मक्खी फसलों की तबाही की वजह बन रही है. इस मौसम में ये मक्खी फलती-फूलती है और इसका जीवन चक्र 30 से 35 दिन का होता है. सफेद मक्खी कपास के पौधे के पत्तों पर बैठकर लार छोड़ती है, जिससे पत्ते काले पड़ जाते हैं और इस वजह से पौधे का विकास नहीं हो पाता. भिवानी में किसानों की मानें तो कपास की खेती में एक एकड़ में कुल मिलाकर 30 से 35 हजार रुपये का खर्च आ जाता है, लेकिन उनकी मेहनत पर सफेत मक्खी ने पानी फेर दिया है.

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