भिवानीः भारतीय मुक्केबाज नीतू घणघस ने बुधवार को महिलाओं के 48 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंचकर राष्ट्रमंडल खेलों (commonwealth games 2022) में एक और पदक पक्का कर दिया. दो बार की युवा स्वर्ण पदक विजेता नीतू को क्वॉर्टर फाइनल के तीसरे और अंतिम राउंड में उत्तरी आयरलैंड की प्रतिंद्वद्वी निकोल क्लाइड के स्वेच्छा से रिटायर होने (एबीडी) के बाद विजेता घोषित किया गया.
नीतू घणघस भारत के मिनी क्यूबा कहे जाने वाले जिले भिवानी के धनाना गांव की रहने वाली हैं. 6 अगस्त को उनका सेमीफाइनल होगा. अगर नीतू सेमीफाइनल जीत लेती हैं तो रजत पदक पक्का को जाएगा. नीतू का अभी तक राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन रहा है. इसलिए प्रदेशवासियों को नीतू से स्वर्ण पदक की उम्मीद है. क्वार्टर फाइनल जीतने के बाद नीतू के हौसले बुलंद हैं और उनकी जीत पर घरवाले बेहद खुश हैं.
फरवरी 2022 में नीतू ने ऑलंपियन मुक्केबाज मैरीकाॅम को हराकर राष्ट्रमंडल खेलों में स्थान (Boxer Neetu Ghanghas Bhiwani) पक्का किया था. तभी से खेल प्रेमियों को उनसे पदक की उम्मीदें थी. नीतू उन उम्मीदों पर खरा उतरी हैं और कांस्य पदक पक्का कर दिया है. जाने से पहले नीतू स्वर्ण पदक जीत कर लाने का वादा कर राष्ट्रमंडल खेलों के लिए रवाना हुई थी. मुक्केबाज ने 2017 में आईबा यूथ महिला मुक्कबाजी प्रतियोगिता और 2018 में हुई एशियन यूथ बॉक्सिंग में स्वर्ण पदक जीता है. साल 2022 में बुल्गारिया में आयोजित 73वें स्ट्रेडजा कप बॉक्सिंग टूर्नामेंट में भी स्वर्ण पदक जीता था.
साल 2016 में नीतू घणघस को कंधे में चोट लगी थी. पैल्विक इंजरी से रिकवर (indian boxing federation) होने के बाद आईबा यूथ बॉक्सिंग में पदक जीता था. 2019 में फिर कंधे में चोट के कारण उसे दो साल तक मुक्केबाजी से दूर रहना पड़ा था. 2012 में नीतू ने बाॅक्सिंग करनी शुरू की और आज वो देश की जानी मानी मुक्केबाज हैं. नीतू का जन्म 19 अक्तूबर 2000 में हुआ था. 22 साल की उम्र में उन्होंने देश का मान बढ़ाया है. उसके पिता जयभगवान चंडीगढ़ स्थित हरियाणा विधानसभा में नौकरी करते हैं.