भिवानी: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिछले दो दिनों से भिवानी के दौरे पर हैं. इस दौरान वे जहां विभिन्न हलकों के गांवों का दौरा कर रहे हैं. वहीं आम जन साधारण से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान भी कर रहे हैं. सोमवार को सीएम मनोहर लाल ने अपने सुबह के सत्र में स्थानीय विश्राम गृह में हरियाणवी में अनुवादित 'म्हारी गीता म्हारा ज्ञान' पुस्तक का विमोचन किया. इसके लेखक डॉ. वीएम बेचैन हैं. हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा इन्हें पंडित लख्मीचंद सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है.
मुख्यमंत्री ने किताब के विमोचन के दौरान लेखक डॉ. वीएम बेचैन को अपनी शुभकामनाएं देते हुए इस हरियाणवी प्रयास की न केवल प्रशंसा की बल्कि उन्होंने वहां मौजूद तमाम पदाधिकारियों के सामने पुस्तक में से पहले संस्कृत का चर्चित श्लोक 'कर्मण्यवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन नम:' पढ़ा फिर उस श्लोक को हरियाणवी भाषा में पढ़कर सुनाया. मुख्यमंत्री ने एकदम ठेठ हरियाणवी अंदाज में 'म्हारी गीता म्हारा ज्ञान' का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश में हरियाणवी आम जनमानस की भाषा है.
उन्होंने कहा कि लेखक डॉ. वीएम बेचैन ने एक सराहनीय प्रयास किया है. श्रीमद भगवतगीता का ठेठ हरियाणवी में अनुवाद इसे आमजन मानस तक पहुंचाने में सहयोगी होगा और लोग इसे सहेजकर रखेंगे. इस अवसर पर जिलाध्यक्ष शंकर धूपड़ ने मुख्यमंत्री से डॉ. वीएम बेचैन का परिचय करवाते हुए बताया कि वे शहर के चौधरी बंसीलाल विश्वविधालय में बतौर कल्चरल सुपरवाइजर के रूप में कार्यरत हैं.
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इनकी पहले भी एक दर्जन के लगभग पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. धूपड़ ने याद दिलाया कि पिछले वर्ष इन्होंने द लीजेंड ऑफ कालापानी वीर सावरकर नाम से नाटकों की पुस्कत लिखी थी और जिसका विमोचन भी आपके ही कर कमलों द्वारा हुआ था. इस दौरान वहां मौजूद सभी ने डॉ.बेचैन के इस साहित्यिक प्रयास की सराहना की और उन्हें बधाई दी.