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Clerks Strike In Bhiwani: क्लर्कों ने फूंका मुख्यमंत्री का पुतला, मांगें नहीं मानने पर 30 जुलाई को बड़े आंदोलन की चेतावनी

हरियाणा में 5 जुलाई से वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे क्लर्कों की हड़ताल जारी है. हालांकि सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए 'नो वर्क नो पे' का ऑर्डर जारी कर दिया है. इसके बावजूद प्रदेशभर के क्लर्क अपनी मांगों पर अड़े हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को भिवानी में क्लर्कों ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंका और सरकार को चेतावनी दी.

clerks  strike in bhiwani CM Manohar Lal effigy burnt
क्लर्कों ने दी 30 जुलाई को बड़े आंदोलन की चेतावनी
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Published : Jul 28, 2023, 8:53 PM IST

Updated : Jul 28, 2023, 9:51 PM IST

भिवानी: हरियाणा में 24 दिनों से क्लर्कों की हड़ताल जारी है. जिसके चलते शुक्रवार को भिवानी जिले के महम रोड स्थित संघ कार्यालय में क्लर्कों ने आंदोलन को और तेज कर दिया. इस दौरान हड़ताली कर्मियों ने बड़ चौक से प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रतिकात्मक शव यात्रा निकाली. लिपिकों ने महम गेट पर पुतला फूंक कर सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

ये भी पढ़ें: क्लर्कों की हड़ताल पर सरकार सख्त, नो वर्क नो पे का ऑर्डर जारी, 23 दिनों से नहीं कर रहे हैं काम

इस मौके पर लिपिक संदीप सांगवान व मनीष घणघस ने कहा कि सरकार क्लर्कों के खिलाफ झूठी बयानबाजी कर गुमराह कर रही है. लेकिन प्रदेश के क्लर्क भाजपा-जजपा की नीतियों से वाकिफ है. उन्होंने कहा कि वो सरकार के खिलाफ इस आंदोलन को उग्र करेंगे. इस दौरान क्लर्कों की हड़ताल का किसान सभा, जनवादी महिला समिति, सीटू व सकसं ने भी समर्थन किया है.

उन्होंने कहा कि सरकार को लोकतंत्र में विरोध की आवाज को सुनना चाहिए. भाजपा सरकार गुपचुप तरीके से कर्मियों की एकता को तोड़कर सौदेबाजी करना चाहती है. लेकिन कर्मचारी मंत्रिमंडल के फैसले लागू करवाने के बाद ही चैन की सांस लेंगे. सरउ कर्मचारी संघ के लिपिक कर्मचारियों ने कहा कि पूरे प्रदेश के कर्मचारियों में गुस्सा है. उन्होंने कहा कि वो सीधे तौर पर कह सकते हैं कि ये मांग बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल है. हरियाणा प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में 25 अगस्त 2014 का मंत्रिमंडल का फैसला है, जिसमें लिखा गया है कि 1 नवंबर 2014 से वेतन बढ़ाया जाएगा. 9 साल से ज्यादा का समय हो गया और सरकार हमको धमकी देकर डरा रही है. सरउ कर्मचारी संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने जल्द मांगों को नहीं माना तो सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले 30 जुलाई को बड़े आंदोलन की घोषणा करेंगे.

उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में गंभीर है, तो लोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन कर हड़ताल में शामिल सभी संगठनों से वार्ता कर मंत्रिमंडल के फैसले व चुनावी घोषणा पत्र के मुताबिक सातवें वेतन आयोग में जनवरी 2016 से लिपिक/स्टेनोटाईपिस्ट का वेतन 35400, उपमंडल लिपिक 39900 ख् सहायक/आंकड़ा सहायक/स्टेनोग्राफर 44900, उपाधीक्षक 47600 तथा अधीक्षक 56100 के वेतन का नोटिफिकेशन शीघ्र जारी करें. अन्यथा सभी विभागों के कच्चे-पक्के लगभग साढ़े चार लाख कर्मचारी राज्यव्यापी हड़ताल में ताल ठोकेंगे.

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ में सरकार के साथ क्लर्क एसोसिएशन की तीसरी बैठक भी बेनतीजा, जारी रहेगी हड़ताल

गौरतलब है कि हरियाणा सरकार के साथ क्लर्कों की तीन दौर की बातचीत बेनतीजा रही है. क्लर्कों ने फैसला किया है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी. क्लर्कों की हड़ताल के चलते कामकाज प्रभावित हो रहा है. जिसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदर्शनकारी क्लर्कों के लिए नो वर्क नो पे के ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं. इस ऑर्डर के सख्ती से पालन करने के भी निर्देश दिए गए हैं. मतलब ये कि जो क्लर्क काम पर नहीं लौटेगा उसे सैलरी नहीं मिलेगी.

भिवानी: हरियाणा में 24 दिनों से क्लर्कों की हड़ताल जारी है. जिसके चलते शुक्रवार को भिवानी जिले के महम रोड स्थित संघ कार्यालय में क्लर्कों ने आंदोलन को और तेज कर दिया. इस दौरान हड़ताली कर्मियों ने बड़ चौक से प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रतिकात्मक शव यात्रा निकाली. लिपिकों ने महम गेट पर पुतला फूंक कर सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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इस मौके पर लिपिक संदीप सांगवान व मनीष घणघस ने कहा कि सरकार क्लर्कों के खिलाफ झूठी बयानबाजी कर गुमराह कर रही है. लेकिन प्रदेश के क्लर्क भाजपा-जजपा की नीतियों से वाकिफ है. उन्होंने कहा कि वो सरकार के खिलाफ इस आंदोलन को उग्र करेंगे. इस दौरान क्लर्कों की हड़ताल का किसान सभा, जनवादी महिला समिति, सीटू व सकसं ने भी समर्थन किया है.

उन्होंने कहा कि सरकार को लोकतंत्र में विरोध की आवाज को सुनना चाहिए. भाजपा सरकार गुपचुप तरीके से कर्मियों की एकता को तोड़कर सौदेबाजी करना चाहती है. लेकिन कर्मचारी मंत्रिमंडल के फैसले लागू करवाने के बाद ही चैन की सांस लेंगे. सरउ कर्मचारी संघ के लिपिक कर्मचारियों ने कहा कि पूरे प्रदेश के कर्मचारियों में गुस्सा है. उन्होंने कहा कि वो सीधे तौर पर कह सकते हैं कि ये मांग बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल है. हरियाणा प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में 25 अगस्त 2014 का मंत्रिमंडल का फैसला है, जिसमें लिखा गया है कि 1 नवंबर 2014 से वेतन बढ़ाया जाएगा. 9 साल से ज्यादा का समय हो गया और सरकार हमको धमकी देकर डरा रही है. सरउ कर्मचारी संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने जल्द मांगों को नहीं माना तो सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले 30 जुलाई को बड़े आंदोलन की घोषणा करेंगे.

उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में गंभीर है, तो लोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन कर हड़ताल में शामिल सभी संगठनों से वार्ता कर मंत्रिमंडल के फैसले व चुनावी घोषणा पत्र के मुताबिक सातवें वेतन आयोग में जनवरी 2016 से लिपिक/स्टेनोटाईपिस्ट का वेतन 35400, उपमंडल लिपिक 39900 ख् सहायक/आंकड़ा सहायक/स्टेनोग्राफर 44900, उपाधीक्षक 47600 तथा अधीक्षक 56100 के वेतन का नोटिफिकेशन शीघ्र जारी करें. अन्यथा सभी विभागों के कच्चे-पक्के लगभग साढ़े चार लाख कर्मचारी राज्यव्यापी हड़ताल में ताल ठोकेंगे.

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ में सरकार के साथ क्लर्क एसोसिएशन की तीसरी बैठक भी बेनतीजा, जारी रहेगी हड़ताल

गौरतलब है कि हरियाणा सरकार के साथ क्लर्कों की तीन दौर की बातचीत बेनतीजा रही है. क्लर्कों ने फैसला किया है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी. क्लर्कों की हड़ताल के चलते कामकाज प्रभावित हो रहा है. जिसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदर्शनकारी क्लर्कों के लिए नो वर्क नो पे के ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं. इस ऑर्डर के सख्ती से पालन करने के भी निर्देश दिए गए हैं. मतलब ये कि जो क्लर्क काम पर नहीं लौटेगा उसे सैलरी नहीं मिलेगी.

Last Updated : Jul 28, 2023, 9:51 PM IST
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