भिवानी: PACL सहित अन्य चिटफंड कंपनी के फ्रॉड के शिकार हुए पीड़ित दर-दर भटकने को मजबूर हो गये हैं. निवेशक अपने खून-पसीने की कमाई को वापस लेने के लिए पिछले 8 सालों से संघर्ष कर रहे हैं. इस दौरान वे सरकार के प्रत्येक मंत्री व विधायक तक को मांगपत्र सौंपकर अवगत भी करवा चुके हैं. लेकिन सरकार उनकी मांग को सुनने की बजाए गंभीरता से भी नहीं ले रही. जिसके चलते पीड़ित निवेशकों में गुस्सा है और वो सरकार को बताना चाहते हैं कि पीड़ित निवेशक सिर्फ निवेशक ही नहीं, मतदाता भी है. इसलिए जल्द ही उन्हे उनका रुपया वापस नहीं मिला, तो वो अपने वोट की ताकत भाजपा को दिखा देंगे.
ये भी पढ़ें: सोनीपत चिटफंड फ्रॉड मामले में आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर पीड़ितों ने दिया धरना
बता दें कि रविवार को ऑल इंडिया इन्वेस्टर आर्गेनाइजेशन के बैनर तले स्थानी हुड्डा पार्क में बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में पीएसीएल सहित अन्य चिटफंड कंपनियों के पीड़ित निवेशकों की बैठक को संबोधित करते हुए आईएसओ के जिला प्रधान रामजस ने कहा, कि सरकार को आने वाले चुनाव में अपने वोटों की ताकत भी दिखा देंगे. उन्होंने कहा कि इतने समय से हमारी मांगों को सरकार अनदेखा कर रही है.
बैठक के बाद पीड़ित निवेशकों ने पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक किरण चौधरी को मांगपत्र सौंपा. तथा विधानसभा में आवाज उठाकर पीड़ित निवेशकों को न्याय दिलाने की गुहार लगाई. किरण चौधरी की तरफ से उनके पीए गुणपाल ने मांग पत्र लिया. इस मौके पर जिला प्रधान रामजस ने कहा कि देश भर के 42 करोड़ निवेशकों को पीएसीएल सहित अन्य चिटफंड कंपनियों ने हजारों करोड़ रुपये की चपत लगाने का काम किया. जिसमें अकेले पीएसीएल के देश भर में 6 करोड़ ग्राहकों को करीबन 49 हजार 100 करोड़ रुपये की चपत लगी है. जिसके बाद से वर्ष 2016 पीड़ित निवेशक दर-दर की धूल फांकने को मजबूर हो रहे है.
ये भी पढ़ें: हरियाणा में 10 महीने में 110 एटीएम फ्रॉड केस का निपटारा, 81 ठग गिरफ्तार, 17 लाख से ज्यादा कैश बरामद
उन्होंने बताया कि इस मामले में न्यायालय ने 2 फरवरी 2016 को पीएसीएल की प्रॉपर्टी को नीलाम कर निवेशकों को उनका रुपये लौटाए जाने के आदेश दिए थे. जिसके बावजूद भी करीब 8 वर्ष बीत जाने के बाद भी पीड़ित निवेशकों को उनका रुपया नहीं मिला है. तथा उनकी स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. उन्होंने कहा कि पीड़ित निवेशकों ने अपनी मांगों को लेकर देश भर के प्रत्येक जिला मुख्यालय से प्रधानमंत्री व गृह मंत्री के नाम पोस्टकार्ड लिखकर अपनी पीड़ा से अवगत करवाया जाएगा. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं निकला तो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा.