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स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों को खोजेंगे हरियाणा के इतिहासकार, जानें किसे मिली जिम्मेदारी

स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों का रिकॉर्ड (anonymous freedom fighters in haryana) सूचिबद्ध करने का जिम्मा अब देश के वरिष्ठ इतिहासकारों को मिला है. इनमें से एक हरियाणा के वरिष्ठ इतिहासकार का नाम भी शामिल है.

chaudhary bansilal university bhiwani
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Published : May 11, 2022, 4:19 PM IST

भिवानी: स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों का रिकॉर्ड (record of anonymous freedom fighter) सूचिबद्ध करने का जिम्मा अब देश के वरिष्ठ इतिहासकारों को मिला है. भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने देश के कुछ इतिहाकारों को ये जिम्मेदारी सौंपी है. सभी इतिहासकारों को तीन महीने में पूरी जानकारी सरकार को सौंपनी है. भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के विशेष कार्य अधिकारी डॉक्टर संजय गर्ग ने इसके लिए पत्र जारी किया है. इसमें चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी (chaudhary bansilal university bhiwani) के इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर रवि प्रकाश का नाम भी शामिल है.

डॉक्टर रवि प्रकाश को हरियाणा प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम गुमनाम नायकों का रिकॉर्ड एकत्र करने का दायित्व दिया गया है. साथ ही पत्र में विश्वविद्यालय से उन्हें 3 महीने के कार्यकाल के लिए सहयोग करने का निवेदन भी किया गया है. चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के विभाग अध्यक्ष और देश के वरिष्ठ इतिहासकार डॉक्टर रवि प्रकाश (doctor ravi prakash historian haryana) ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश भर के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल रहे गुमनाम नायकों का रिकॉर्ड एकत्र कर एक जगह संस्कृति मंत्रालय के माध्यम से प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया है.

इसके लिए देश भर में से कुछ वरिष्ठ इतिहासकारों को चुना गया. भारत सरकार ने इसके लिए संस्कृति मंत्रालय से प्रस्ताव मांगे थे. उन्होंने बताया कि आमतौर पर इस तरह से प्रमाणित रिकॉर्ड सूचिबद्ध नहीं किया गया. संगठित सरकारी तौर पर ऐसा पहली बार किया जा रहा है. इसके लिए वो विश्वविद्यालय मुख्यालय पर ही रहकर 2 रिचर्स असिस्टेंट के साथ इस काम को पूरा करेंगे. इससे आजादी के नायकों की एक अलग पहचान बनेगी. कोई भी उनके परिवारों या देश का नागरिक इस रिकॉर्ड को संस्कृति मंत्रालय में पूरे विवरण के साथ देख सकेगा.

डॉक्टर रवि प्रकाश ने बताया कि उन्होंने इस जिम्मेदारी मिलने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, प्रदेश के मुख्य सचिव, सभी जिला उपायुक्तों से पत्र के माध्यम से अपील की है कि वो गांव और शहर स्तर तक गुमनाम नायकों का रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने में सहायता करे. इसके बाद जब रिकॉर्ड गुमनाम नायकों के परिवार व प्रशासन के माध्यम से उपलब्ध हो जाएगा, तो स्वतंत्रता सेनानियों के उस समय की गतिविधियों व तात्कालीन अखबारों की न्यूज रिपोर्ट, जेल और तात्कालीन पुलिस का रिकॉर्ड, सरकार द्वारा दिए गए स्वतंत्रता सेनानियों को दिए गए ताम्र पत्र, फोटो को रिकॉर्ड तस्दीक का आधार बनाया जाएगा. उदाहरण के तौर पर आजाद हिंद फौज से जुड़े जो गुमनाम नायक रहे हैं. उनके परिवारों के पास जो भी दस्तावेज होंगे, उन्हें लिया जाएगा. इसके लिए 3 महीने का समय निश्चित किया गया है.

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भिवानी: स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों का रिकॉर्ड (record of anonymous freedom fighter) सूचिबद्ध करने का जिम्मा अब देश के वरिष्ठ इतिहासकारों को मिला है. भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने देश के कुछ इतिहाकारों को ये जिम्मेदारी सौंपी है. सभी इतिहासकारों को तीन महीने में पूरी जानकारी सरकार को सौंपनी है. भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के विशेष कार्य अधिकारी डॉक्टर संजय गर्ग ने इसके लिए पत्र जारी किया है. इसमें चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी (chaudhary bansilal university bhiwani) के इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर रवि प्रकाश का नाम भी शामिल है.

डॉक्टर रवि प्रकाश को हरियाणा प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम गुमनाम नायकों का रिकॉर्ड एकत्र करने का दायित्व दिया गया है. साथ ही पत्र में विश्वविद्यालय से उन्हें 3 महीने के कार्यकाल के लिए सहयोग करने का निवेदन भी किया गया है. चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के विभाग अध्यक्ष और देश के वरिष्ठ इतिहासकार डॉक्टर रवि प्रकाश (doctor ravi prakash historian haryana) ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश भर के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल रहे गुमनाम नायकों का रिकॉर्ड एकत्र कर एक जगह संस्कृति मंत्रालय के माध्यम से प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया है.

इसके लिए देश भर में से कुछ वरिष्ठ इतिहासकारों को चुना गया. भारत सरकार ने इसके लिए संस्कृति मंत्रालय से प्रस्ताव मांगे थे. उन्होंने बताया कि आमतौर पर इस तरह से प्रमाणित रिकॉर्ड सूचिबद्ध नहीं किया गया. संगठित सरकारी तौर पर ऐसा पहली बार किया जा रहा है. इसके लिए वो विश्वविद्यालय मुख्यालय पर ही रहकर 2 रिचर्स असिस्टेंट के साथ इस काम को पूरा करेंगे. इससे आजादी के नायकों की एक अलग पहचान बनेगी. कोई भी उनके परिवारों या देश का नागरिक इस रिकॉर्ड को संस्कृति मंत्रालय में पूरे विवरण के साथ देख सकेगा.

डॉक्टर रवि प्रकाश ने बताया कि उन्होंने इस जिम्मेदारी मिलने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, प्रदेश के मुख्य सचिव, सभी जिला उपायुक्तों से पत्र के माध्यम से अपील की है कि वो गांव और शहर स्तर तक गुमनाम नायकों का रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने में सहायता करे. इसके बाद जब रिकॉर्ड गुमनाम नायकों के परिवार व प्रशासन के माध्यम से उपलब्ध हो जाएगा, तो स्वतंत्रता सेनानियों के उस समय की गतिविधियों व तात्कालीन अखबारों की न्यूज रिपोर्ट, जेल और तात्कालीन पुलिस का रिकॉर्ड, सरकार द्वारा दिए गए स्वतंत्रता सेनानियों को दिए गए ताम्र पत्र, फोटो को रिकॉर्ड तस्दीक का आधार बनाया जाएगा. उदाहरण के तौर पर आजाद हिंद फौज से जुड़े जो गुमनाम नायक रहे हैं. उनके परिवारों के पास जो भी दस्तावेज होंगे, उन्हें लिया जाएगा. इसके लिए 3 महीने का समय निश्चित किया गया है.

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