भिवानी: सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने RPWD एक्ट-2016 के तहत दिव्यांग छात्र-छात्राओं को विशेष सुविधाएं देने का निर्णय (facilities to disabled students in Haryana) लिया है. इसके तहत बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्र-छात्राओं के परीक्षा केंद्र ग्राऊंड फलोर पर बनाए जाएंगे. बोर्ड के सचिव कृष्ण कुमार ने बताया कि हरियाणा में दिव्यांगों के लिए तीन स्पेशल स्कूल हिसार, गुरुग्राम व करनाल के दिव्यांग स्कूलों के सेंटर उसी स्कूल में बनाए जाने और दिव्यांग छात्र-छात्राओं का परीक्षा शुल्क माफ करने का निर्णय लिया गया है.
आरपीडडब्ल्यूडी एक्ट-2016 की (RPWD Act 2016 in Haryana) पालना सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा बोर्ड ने दिव्यांग बच्चों को प्रायोगिक परीक्षा से पूर्णतया छूट देने तथा उसके अनुपात में थ्योरी में अंक जोड़ने का फैसला लिया है. इसके अलावा गणित में ज्योमैट्री से छूट देकर उसके स्थान पर अलजैबरा के प्रश्र दिए जाएंगे. इसके साथ ही दिव्यांग छात्र-छात्राओं को ड्राईंग विषय से पूर्णतया छूट दी गई हैं. कृष्ण कुमार ने बताया कि दिव्यांग छात्र-छात्राओं को परीक्षाओं में लेखक भी उपलब्ध करवाया जाएगा. यदि छात्र अपना खुद का लेखक चाहता है, तो ऐसे छात्रों को तीन लेखकों का विवरण निर्धारित मापदंडों के अनुसार बोर्ड को उपलब्ध करवाना होगा.
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हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (Board of School Education Haryana) के सचिव ने प्रदेश के सभी 10वीं व 12वीं के दिव्यांग छात्र-छात्राओं को उनके हकों के प्रति जागरूक करने के लिए स्कूल अध्यापक-अध्यापिकाओं को भी बच्चों को जानकारी दिए जाने की बात कही है. बोर्ड सचिव कृष्ण कुमार ने बताया कि दिव्यांग परीक्षार्थियों की विशेष आवश्यकताओं के प्रति शिक्षा बोर्ड सजग व संवेदनशील है. इसी को ध्यान में रखते हुए बोर्ड परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में परिवर्तन व परीक्षा प्रणाली को सुविधाजनक बनाया गया हैं.
साथ ही परीक्षा पंजीकरण के समय आवेदन किये जाने पर दृष्टिहीन परीक्षार्थियों को ब्रेल लिपि में, बड़े प्रिंट में प्रश्र-पत्र व कम्प्यूटर आदि प्रदान किए जाने के प्रावधान है. इसके अतिरिक्त परीक्षार्थियों को सहायक उपकरण आदि परीक्षा में लाने की अनुमति है. उन्होंने बताया कि प्राप्त की जा सकने वाली इन सुविधाओं के लिए बच्चों व अभिभावकों में जागरूकता फैलाने, आगामी बोर्ड परीक्षा हेतु पात्र सीडब्ल्यूएसएन का पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए सभी स्कूलों को पत्र भेजें जा रहे हैं.
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