भिवानी: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए आदेश दिए थे, कि पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के बच्चों की छुट्टियां 30 अप्रैल तक कर दी गई हैं, लेकिन भिवानी के निजी स्कूलों में ना ही कोरोना का डर है और ना ही मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन किया जा रहा है. उनका कहना है कि जो प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन फैसला लेगा उसे ही मानेंगे.
'ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे गलत रास्ते पर जा रहे हैं'
वहीं इस बारे में निजी स्कूलों के मुख्य अध्यापक से बात की तो उन्होंने बताया कि एक साल स्कूल बंद रहे, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई और बच्चों का भविष्य अंधकार की तरफ जा रहा है, रही बात ऑनलाइन पढ़ाई की तो बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई इंटरनेट एंड्रॉयड फोन पढ़ाई के बहाने गेम और यूट्यूब पर कई तरह की वीडियो देखकर बच्चे गलत रास्ते पर चल पढ़ते हैं. इसी को देखते हुए स्कूल संचालक ने बताया कि जो भी प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के निर्देश रहेंगे उनका प्राइवेट स्कूल पालन करेंगे और अपने स्कूल खुले रखेंगे.
ये पढ़ें- जींद में निजी स्कूल संचालकों ने खोले स्कूल, सरकार से की राहत की मांग
'सीएम को फैसले से पहले राय लेनी चाहिए थी'
राम अवतार शर्मा प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के सभी स्कूल पहली से आठवीं तक की कक्षाएं लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को घोषणा करने से पहले प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधियों से मिलना चाहिए था, उनकी समस्याओं को सुनना चाहिए था और उसके बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए था. एसोसिएशन ने फैसला लिया है कि वे अपने स्कूल लगाएंगे. उन्होंने बताया कि एसोसिएशन ने बातचीत के रास्ते खुले रखे हैं.
ये पढ़ें- सीएम के आदेश को ताक पर रख इस जिले में निजी स्कूल लगा रहे कक्षाएं, प्रशासन ने की छापेमारी