भिवानी: ई टेंडरिंग को लेकर सरकार का विरोध कर रहे सरपंचों ने लंबी लड़ाई का आगाज कर दिया है. सरपंच ई टेंडरिंग मामले पर सरकार व भाजपा के हर कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में भिवानी में सरपंचों ने काली पट्टी बांधकर व काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किया. सरपंच भिवानी में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक का विरोध कर रहे हैं. इस दौरान सरपंचों ने कहा कि 11 फरवरी को मुख्यमंत्री के भिवानी पहुंचने पर वे शांतिपूर्ण तरीके से सीएम के समक्ष विरोध जताएंगे और उनसे ई टेंडरिंग प्रणाली खत्म करने की मांग करेंगे.
हरियाणा सरकार द्वारा हर गांव में दो लाख रुपए से अधिक के काम ई टेंडरिंग से करवाने को लेकर गांवों की छोटी सरकारें प्रदेश सरकार के खिलाफ मुखर हैं. प्रदेश भर में सरपंच करीब महीने भर से अपना कामकाज छोड़ अपने-अपने ब्लॉक विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालयों के बाहर धरना दे रहे हैं. भिवानी में हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के बैनर तले सरपंचों ने काले कपड़े पहनकर व काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.
सरपंचों ने भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक पर भी विरोध जताया. इस अवसर पर प्रदर्शनकारी सरपंच आशीष, अंकित व मोनू देवसर ने बताया कि सरकार सरपंचों के हक में नहीं है. हरियाणा सरकार सरपंचों के साथ अन्याय कर रही है. जिसके विरोध में मजबूरन सरपंचों को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि ई टेंडरिंग के माध्यम से सरकार अपने एजेंटों को ग्रांट बांटेंगी, जिससे विकास कार्य नहीं होंगे.
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उन्होंने हरियाणा सरकार पर ई टेंडरिंग के बहाने पंचायती राज खत्म करने का आरोप लगाया. सरपंचों ने कहा कि जब तक ई टेंडरिंग पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाती, उनका प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा. वे 11 फरवरी को भिवानी पहुंचने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष भी विरोध जताएंगे. गौरतलब है कि हरियाणा में सरपंच सरकार के ई टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल सिस्टम का विरोध कर रहे हैं. सरपंचों का आरोप है कि सरकार इनके जरिए पंचायती राज को कमजोर करना चाहती है.