भिवानी: डेंगू का डंक फिर से जानलेवा साबित ना हो, इसके लिए भिवानी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार होने का दावा कर रहा है. भिवानी स्वास्थ्य विभाग ने एक अप्रैल से अक्टूबर तक लिए माइक्रो प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत एंटी लार्वा के लिए 154 टीमें गठित की गई हैं, जो घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं. इतना ही नहीं जिले के 235 तालाबों को चिह्नित कर उनमें गंबूजिया मछलियों के बीज डाले गए हैं, ताकि मच्छरों का लार्वा उत्पन्न ना हो सके.
जिन घरों में मच्छरों का लारवा पाया जाता है, उनको एमसी या सरपंच के माध्यम से नोटिस जारी किया जाता है. फिलहाल अभी तक भिवानी जिला में मलेरिया और डेंगू के मरीज नहीं मिले हैं. भिवानी के सिविल सर्जन ने बताया कि बारिश के मौसम में मच्छरों से फैलने वाली डेंगू या मलेरिया की बीमारी को रोकने के लिए पहले ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. मच्छरों का लार्वा चिह्नित कर क्षेत्र में फॉगिंग की जा रही है. इसके लिए 154 टीमें गठित की गई हैं, जो घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं.
2 लाख 87 हजार 492 घरों का सर्वे भिवानी में अभी तक किया गया है. उन्होंने बताया कि सर्वे के दौरान 6 हजार 612 सिमटोमेटिक मरीज मिले थे, जिनके सैंपल लिए गए हैं. जांच के बाद अभी तक भिवानी जिला में कोई भी डेंगू या मलेरिया से ग्रसित मरीज नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 1100 घरों में मच्छरों के लारवा मिलने पर नोटिस दिया गया था, लेकिन इस वर्ष एक अप्रैल से अभी तक 51 घरों को लारवा मिलने पर नोटिस दिया गया है.
उन्होंने कहा कि अब फॉगिंग अभियान भी चलाया जाएगा ताकि बीमारी से बचाव हो सके. सीएमओ ने बताया कि सुबह या शाम के समय मच्छर ज्यादा पाया जाता है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वॉकिंग पर जाते समय आमजन हाफ स्लीव वाले कपड़े ना पहनें. फुल ड्रेस वाले कपड़ों से शरीर को ढक कर वॉकिंग के लिए जाएं, ताकि मच्छर ना काटे.