भिवानी: बरसात के मौसम में जगह-जगह पानी भरे होने से डेंगू, मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है. दरअसल जुलाई से सितंबर तक पड़ने वाली बारिश डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों का कारण बनती हैं. ऐसे में समय रहते इलाज के लिए इन बीमारियों के लक्षणों पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो जाता है. वहीं, डेंगू के डंक से लोगों को बचाने के लिए भिवानी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. डेंगू को लेकर भिवानी के चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल में एहतियात के तौर पर सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जा चुकी हैं.
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भिवानी सामान्य हॉस्पिटल की फिजिशियन डॉक्टर ऋतु फोगाट ने बताया कि, चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल में डेंगू से निपटने के लिए सभी इलाज और जांच नि:शुल्क किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं, डेंगू के मच्छर से बचाव के लिए अस्पताल में विशेष तौर पर मच्छर दानी लगाई गई है, ताकि लार्वा ना फैले. उन्होंने कहा कि, डेंगू से मरीजों की प्लेटलेट कम होती है, जिसके चलते बुखार की शिकायत बनी रहती है. उन्होंने कहा कि बंसीलाल नागरिक अस्पताल की ओपीडी में रोजाना डेंगू आशंकित मरीज फिजिशियन वार्ड में जांच करवाने के लिए पहुंचते हैं. इसमें से जिन मरीजों को डेंगू के लक्षण मिलते हैं, उनके सैंपल लिए जाते हैं.
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डेंगू के लक्षण: भिवानी सामान्य हॉस्पिटल की फिजिशियन डॉ. ऋतु फोगाट के अनुसार, तेज बुखार आना, पेट दर्द, बार-बार उल्टी होना, खांसी, मुंह, होठ और जीभ का सूखना, सांस लेने में तकलीफ, आंखें लाल होना ये डेंगू के लक्षण हैं. उन्होंने बताया कि, हाथ-पैर का ठंडा होना, कई बार त्वचा का रंग बदलना, कमजोरी, चिड़चिड़ापन और चकत्ते होना भी डेंगू के लक्षण हैं. उन्होंने कहा कि ये लक्षण दिखाई देने पर मरीज को जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से दिखाने का प्रयास करना चाहिए.
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डेंगू से बचने के उपाय: डॉ. ऋतु फोगाट ने कहा कि, डेंगू से बचने के लिए घर के अंदर और बाहर जहां भी पानी जमा होने की संभावना है. जैसे, पुराने टायर, डिब्बे, कूलर और नालियों को हमेशा साफ करते रहें. इसके अलावा बरसात के मौसम में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल जरूर करें. उन्होंने कहा कि, बरसात के मौसम में हमेशा फुल बाजू का कपड़ा पहनें, ताकि मच्छर न काटे.