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भिवानी फास्ट ट्रैक कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सुनाया फैसला, दोषी को सुनाई 20 साल की सजा

फास्ट ट्रैक कोर्ट पोस्को भिवानी ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में (Bhiwani fast track court verdict) फैसला सुनाया है. कोर्ट ने साल 2020 में दर्ज हुए दुष्कर्म के मामले में दोषी को 20 साल की सजा और 40 हजार रूपए जुर्माना सुनाया है.

Bhiwani fast track court verdict
भिवानी फास्ट ट्रैक कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को सुनाई 20 साल की सजा
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Published : Jul 23, 2022, 2:34 PM IST

भिवानीः फास्ट ट्रैक कोर्ट पोस्को ने साल 2020 के मुकदमे में (Fast track pocso court bhiwani) एतिहासिक फैसला सुनाया है. अदालत ने दुष्कर्म के दोषी (punishment of misdemeanor in Bhiwani) को 20 साल की सजा और 40 हजार रूपए जुर्माना किया है. दोषी शाह आलम नाबालिग को बहला फूसला कर ले गया था और जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म किया था. पीड़िता के मां ने दुष्कर्म के मामले की शिकायत औद्योगिक क्षेत्र थाने में दर्ज करवाई थी. लगभग दो साल मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट पोस्को में चली जिसके बाद फैसला आया है.

अदालत के फैसल के बाद पीड़ित परिवार संतुष्ट है और उन्होंने कहा की दोषी को सजा (verdict in minor rape case bhiwani) मिलने से न्याय मिला है. मुकदमा लड़ रहे वकील ने भी कोर्ट के फैसले पर संतोष जताया है. वकील ने बताया की मुकदमा जीतने के लिए पुलिस विभाग के अधिकारियों ने भी अपना जांच में पूरा सहयोग दिया और तथ्यों को अदालत में पेश किया. सभी साक्ष्यों और बयानों के आधार पर अदालत ने दोषी का कड़ी सजा सुनाई है.

पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों को गंभीरता से लेता है. सभी थाना प्रबंधक, चौकी इंचार्ज व अनुसंधानकर्ताओं को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि महिला विरुद्ध अपराध व पोस्को एक्ट की शिकायतों पर बिना देरी के अभियोग दर्ज करें.

भिवानीः फास्ट ट्रैक कोर्ट पोस्को ने साल 2020 के मुकदमे में (Fast track pocso court bhiwani) एतिहासिक फैसला सुनाया है. अदालत ने दुष्कर्म के दोषी (punishment of misdemeanor in Bhiwani) को 20 साल की सजा और 40 हजार रूपए जुर्माना किया है. दोषी शाह आलम नाबालिग को बहला फूसला कर ले गया था और जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म किया था. पीड़िता के मां ने दुष्कर्म के मामले की शिकायत औद्योगिक क्षेत्र थाने में दर्ज करवाई थी. लगभग दो साल मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट पोस्को में चली जिसके बाद फैसला आया है.

अदालत के फैसल के बाद पीड़ित परिवार संतुष्ट है और उन्होंने कहा की दोषी को सजा (verdict in minor rape case bhiwani) मिलने से न्याय मिला है. मुकदमा लड़ रहे वकील ने भी कोर्ट के फैसले पर संतोष जताया है. वकील ने बताया की मुकदमा जीतने के लिए पुलिस विभाग के अधिकारियों ने भी अपना जांच में पूरा सहयोग दिया और तथ्यों को अदालत में पेश किया. सभी साक्ष्यों और बयानों के आधार पर अदालत ने दोषी का कड़ी सजा सुनाई है.

पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों को गंभीरता से लेता है. सभी थाना प्रबंधक, चौकी इंचार्ज व अनुसंधानकर्ताओं को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि महिला विरुद्ध अपराध व पोस्को एक्ट की शिकायतों पर बिना देरी के अभियोग दर्ज करें.

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