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हरियाणा में प्राकृतिक खेती से किसान मालामाल, इजरायली तकनीक से कम लागत में मोटी कमाई - Haryana Agriculture Minister JP Dalal

हरियाणा के किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर प्राकृतिक और आधुनिक खेती अपना कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. आखिर किसान किस तरह से प्राकृतिक खेती कर आमदनी बढ़ा रहे हैं और इसमें इजरायली तकनीक कितनी कारगर है जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर. (Natural farming in Haryana)

Natural farming in Haryana
हरियाणा के किसान अब पारंपरिक खेती कर रहे अच्छी कमाई.
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 28, 2023, 2:07 PM IST

हरियाणा के किसान अब पारंपरिक खेती कर रहे अच्छी कमाई.

भिवानी: हरियाणा खेल जगत के साथ-साथ खेती किसानी के लिए भी देश भर में काफी प्रसिद्ध है. यहां के किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ आधुनिक खेती में भी किस्मत आजमा रहे हैं. आधुनिक और प्राकृतिक खेती से प्रदेश के किसान कम लागत के साथ अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. आखिर यह सब कैसे संभव हो पाया है और किसान किस तरह से आधुनिक खेती कर रहे हैं आइए जानते हैं.

क्या हैं कहते हैं प्रगतिशील किसान प्रदीप: प्रगतिशील किसान का पुरस्कार पाने वाले तालु गांव के किसान प्रदीप इन दिनों काफी खुश है. वजह यह है कि प्रदीप आधुनिक खेती में हाथ आजमा कर काफी सफल हुए हैं. प्रदीप कहते हैं 'मैं कई सालों मधुमक्खी पालन के कार्य से जुड़ा हूं. पहले मैं सिर्फ किसान ही था, लेकिन अब शहद का कारोबार करके एक व्यापारी भी बन गया हूं. मैं सभी किसान भाइयों से यही प्रार्थना करना चाहता हूं कि जो कार्य या फसल हम लगाते हैं उसे बेचना सीखें तभी हम प्रगति कर सकते हैं. वरना व्यापारी लोग हमारी फसलों को वैसे ही लूटते रहेंगे.'

मधुमक्खी पालन से फसल उत्पादन में बढ़ोतरी: प्रगतिशील किसान प्रदीप के अनुसार मधुमक्खी पालन से फसलों के उत्पादन में 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी होती है. इसके अलावा हम मधुमक्खी से ना केवल शहद प्राप्त करते हैं बल्कि मधुमक्खी से वैक्स और पोलन भी प्राप्त करते हैं. मधुमक्खी से हम बहुत सी ऐसी चीजें प्राप्त करते हैं जो हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए बहुत ही लाभदायक हैं.

मशरूम उत्पादन भी बेहतर विकल्प: चैहड़ कलां गांव के किसान शशिकांत शर्मा ने बताया कि उन्होंने मशरूम के उत्पादन के साथ ही ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से ऑर्गेनिक तरीके से बागवानी की है. जिसके चलते उन्हे प्राकृतिक खेती प्रगतिशील किसान का पुरस्कार मिला है. शशिकांत शर्मा के अनुसार नए प्रयोग के साथ उनकी जिंदगी में काफी बदलाव आया है, क्योंकि अब खेती में कम लागत के साथ आमदनी भी अच्छी हो रही है.

ऑर्गेनिक खाद और ड्रिप इरीगेशन के सहारे खेती: वहीं, सिरसी गांव के किसान अनिल ने बताया कि उन्होंने मौसमी के बाद, ऑर्गेनिक खाद के प्रयोग और ड्रिप इरीगेशन, वाटर टैंक बनाने का कार्य अपने खेत में किया. इसके चलते उन्हें प्रगतिशील प्राकृतिक खेती उत्पादक खेती का पुरस्कार मिला है. पुरस्कार पाने वाले सभी किसानों ने कहा कि राज्य स्तरीय बागवानी मेले में पुरस्कार पाकर उन्हें बड़ी खुशी हुई है. अनिल ने किसान भाइयों से अपील करते हुए कहा कि वे ना केवल आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करें, बल्कि अपने कृषि उत्पाद के लिए बाजार भी जरूर देखें तभी वे लाभ प्राप्त कर पाएंगे.

Natural farming in Haryana
हरियाणा में प्राकृतिक खेती से किसान मालामाल

कृषि मंत्री की किसानों से अपील: हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार प्रदेश के किसानों को पॉलीहाउस, नेट हाउस, अत्याधुनिक बीज, ड्रोन के प्रयोग और नैनो यूरिया के प्रयोग के बारे में जागरूक कर रही है. इससे किसानों की आय बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में 10 हजार युवा किसानों को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वयं का रोजगार स्थापित करने लायक बनाया जाएगा. उन्होंने किसानों से अपील कि वे परंपरागत खेती को छोड़कर बाजार की मांग के अनुसार खेती करें. इससे किसानों को बड़ा लाभ होगा तथा उनकी आय में वृद्धि होगी. इसके लिए राज्य सरकार ना केवल नि:शुल्क ट्रेनिंग देती है, बल्कि किसानों को अत्याधुनिक खेती अपनाने के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र, पॉली हाउस, नेट हाउस व अन्य तकनीकों की सहायता भी दे रही है. कृषि मंत्री ने कहा कि विदेशी तकनीक पर आधारित हिसार में गाय की नस्ल सुधार बनाने की योजना गई है.

ये भी पढ़ें: नूंह की देसी गेहूं का दिल्ली-एनसीआर में जलवा, ये है खासियत

ये भी पढ़ें: हरियाणा में सिंघाड़े की खेती कर महज दो महीने में लाखों रुपये कमा रहे किसान, जानें क्या है इसके फायदे और खेती का तरीका

हरियाणा के किसान अब पारंपरिक खेती कर रहे अच्छी कमाई.

भिवानी: हरियाणा खेल जगत के साथ-साथ खेती किसानी के लिए भी देश भर में काफी प्रसिद्ध है. यहां के किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ आधुनिक खेती में भी किस्मत आजमा रहे हैं. आधुनिक और प्राकृतिक खेती से प्रदेश के किसान कम लागत के साथ अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. आखिर यह सब कैसे संभव हो पाया है और किसान किस तरह से आधुनिक खेती कर रहे हैं आइए जानते हैं.

क्या हैं कहते हैं प्रगतिशील किसान प्रदीप: प्रगतिशील किसान का पुरस्कार पाने वाले तालु गांव के किसान प्रदीप इन दिनों काफी खुश है. वजह यह है कि प्रदीप आधुनिक खेती में हाथ आजमा कर काफी सफल हुए हैं. प्रदीप कहते हैं 'मैं कई सालों मधुमक्खी पालन के कार्य से जुड़ा हूं. पहले मैं सिर्फ किसान ही था, लेकिन अब शहद का कारोबार करके एक व्यापारी भी बन गया हूं. मैं सभी किसान भाइयों से यही प्रार्थना करना चाहता हूं कि जो कार्य या फसल हम लगाते हैं उसे बेचना सीखें तभी हम प्रगति कर सकते हैं. वरना व्यापारी लोग हमारी फसलों को वैसे ही लूटते रहेंगे.'

मधुमक्खी पालन से फसल उत्पादन में बढ़ोतरी: प्रगतिशील किसान प्रदीप के अनुसार मधुमक्खी पालन से फसलों के उत्पादन में 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी होती है. इसके अलावा हम मधुमक्खी से ना केवल शहद प्राप्त करते हैं बल्कि मधुमक्खी से वैक्स और पोलन भी प्राप्त करते हैं. मधुमक्खी से हम बहुत सी ऐसी चीजें प्राप्त करते हैं जो हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए बहुत ही लाभदायक हैं.

मशरूम उत्पादन भी बेहतर विकल्प: चैहड़ कलां गांव के किसान शशिकांत शर्मा ने बताया कि उन्होंने मशरूम के उत्पादन के साथ ही ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से ऑर्गेनिक तरीके से बागवानी की है. जिसके चलते उन्हे प्राकृतिक खेती प्रगतिशील किसान का पुरस्कार मिला है. शशिकांत शर्मा के अनुसार नए प्रयोग के साथ उनकी जिंदगी में काफी बदलाव आया है, क्योंकि अब खेती में कम लागत के साथ आमदनी भी अच्छी हो रही है.

ऑर्गेनिक खाद और ड्रिप इरीगेशन के सहारे खेती: वहीं, सिरसी गांव के किसान अनिल ने बताया कि उन्होंने मौसमी के बाद, ऑर्गेनिक खाद के प्रयोग और ड्रिप इरीगेशन, वाटर टैंक बनाने का कार्य अपने खेत में किया. इसके चलते उन्हें प्रगतिशील प्राकृतिक खेती उत्पादक खेती का पुरस्कार मिला है. पुरस्कार पाने वाले सभी किसानों ने कहा कि राज्य स्तरीय बागवानी मेले में पुरस्कार पाकर उन्हें बड़ी खुशी हुई है. अनिल ने किसान भाइयों से अपील करते हुए कहा कि वे ना केवल आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करें, बल्कि अपने कृषि उत्पाद के लिए बाजार भी जरूर देखें तभी वे लाभ प्राप्त कर पाएंगे.

Natural farming in Haryana
हरियाणा में प्राकृतिक खेती से किसान मालामाल

कृषि मंत्री की किसानों से अपील: हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार प्रदेश के किसानों को पॉलीहाउस, नेट हाउस, अत्याधुनिक बीज, ड्रोन के प्रयोग और नैनो यूरिया के प्रयोग के बारे में जागरूक कर रही है. इससे किसानों की आय बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में 10 हजार युवा किसानों को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वयं का रोजगार स्थापित करने लायक बनाया जाएगा. उन्होंने किसानों से अपील कि वे परंपरागत खेती को छोड़कर बाजार की मांग के अनुसार खेती करें. इससे किसानों को बड़ा लाभ होगा तथा उनकी आय में वृद्धि होगी. इसके लिए राज्य सरकार ना केवल नि:शुल्क ट्रेनिंग देती है, बल्कि किसानों को अत्याधुनिक खेती अपनाने के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र, पॉली हाउस, नेट हाउस व अन्य तकनीकों की सहायता भी दे रही है. कृषि मंत्री ने कहा कि विदेशी तकनीक पर आधारित हिसार में गाय की नस्ल सुधार बनाने की योजना गई है.

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