भिवानी: मंडियों में वास्तविक फसल की ही खरीद किए जाने को लेकर उपायुक्त ने शुक्रवार को विभिन्न जगहों पर जाकर पटवारियों द्वारा की गई गिरदावरी की पड़ताल की. जिसमें एक जगह पर भारी गड़बड़ी पाई गई.
उपायुक्त श्री आर्य ने कहा कि गिरदावरी में हेराफेरी करने और फसल पंजीकरण में किसी भी स्तर पर दोषी के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि सरकार के निर्देश पर मंडियों में फसल खरीद का कार्य शुरू हो गया है. सरकार की सख्त हिदायत है कि किसान की फसल का एक-एक दाना एमएसपी रेट पर खरीदा जाएगा. लेकिन उसके लिए फसल का 'मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल' पर पंजीकरण होना जरूरी है.
बता दें कि इससे पहले सरकार के निर्देश पर पटवारियों, कृषि विभाग और हरसेक द्वारा फसल की गिरदावरी करवाई गई. बाद में किसानों द्वारा मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण किया गया. जिससे कि उनकी फसल की बिक्री हो सके.
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उपायुक्त श्री आर्य के सामने गिरदावरी कार्य में आंकड़ों का मेल नहीं खाने का मामला संज्ञान में आया. इस पर उपायुक्त श्री आर्य ने बवानीखेड़ा, बलियाली, खानक, झांवरी, दांगकला और बापोड़ा में गिरदावरी के कार्य की जांच की. गांव खानक में पड़ताल के दौरान सामने आया कि एक व्यक्ति द्वारा मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर करीब 43 एकड़ पर चने की फसल दिखाई गई है.जबकि हकीकत में खेत में चने की फसल मिली ही नहीं है.
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