भिवानी: हमारे घर, खेत और पशुपालन के काम में जुटकर अप्रत्यक्ष सहयोग करने वाली बेटियों और महिलाओं के कार्य का मूल्यांकन सामान्य तौर पर नहीं किया जाता. लेकिन अब हरियाणा के चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग ने 'सेल्फी विद आत्मनिर्भर बेटियां' कार्यक्रम चला रहा है.
इस अभियान के तहत खेत-खलिहान, पशुपालक, फल-सब्जियां उगाने वाली महिलाओं और बेटियों के साथ विश्वविद्यालय ने सेल्फी खींचकर उन्हें पहचान देने का काम शुरू किया है, ताकि अप्रत्यक्ष रूप से अपने श्रम के द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था में सहयोग करने वाली वास्तविक नायिकाओं को पहचान मिल सकें.
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इस अभियान के तहत चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय विभिन्न गांवों में खेत, घर व पशुपालन के कार्यो में जुटी महिलाओं के साथ सेल्फी लेकर पत्रकारिता विभाग के प्रांगण में लगाकर उन्हे पहचान दे रहा हैं, ताकि आत्मनिर्भर अभियान का संदेश जन-जन तक दिया जा सकें.
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इस बारे में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. जितेंद्र भारद्वाज और जनसंचार विभाग की प्रो. डॉ. उमा कुमारी शाह ने बताया कि भारत जल्द ही पांच ट्रिलियन से बड़ी इकोनॉमी बनने जा रहा हैं और ये सब आत्मनिर्भर अभियान से ही संभव हो पाएगा. इसीलिए हमें दिनचर्या के जरूरी कामों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली महिलाओं एवं बेटियों के रोजमर्रा के कार्यो का मूल्यांकन कर इसे प्रोत्साहित करना होगा.