भिवानी: इन दिनों उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि पशु भी इससे परेशान हैं. पशुओं को ठंड से बचाने के लिए भिवानी पशुपालन विभाग ने पशुपालकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसके अलावा विभाग ने पशु चिकित्सकों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. इस बारे में पशु चिकित्सक डॉक्टर विजय सनसनवाल ने बताया कि ठंड की वजह से पशुओं का तापमान नीचे चला जाता है. जिससे उन्हें सांस लेने में समस्या होती है.
तापमान नीचे आने से खांसी भी शुरू हो जाती है, निमोनिया जैसी समस्या भी उत्पन्न हो जाती है. उन्होंने बताया कि ये समस्या छोटे पशुओं में ज्यादा घातक हो जाती है. ऐसे में पशुओं को खुले में नहीं रखना चाहिए. पशु को बांधने का स्थान गर्म रखना चाहिए. धूप निकलने पर ही पशुओं को बाहर निकालना चाहिए. पशु के ऊपर कंबल डालकर रखना चाहिए. इसके अलावा उनके स्थान को सूखा रखना चाहिए.
डॉक्टर ने बताया कि सर्दियों में पशुओं को ठंडा पानी ना पिलाए, गुड और खनिज मिश्रण नियमित तौर पर देते रहें. उन्होंने कहा कि यदि पशु में ठंड के लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें. पशु चिकित्सक डॉक्टर विजय सनसनवाल ने बताया कि पशु अस्पतालों में ठंड व निमोनिया के केस आ रहे हैं, जो उपचार के बाद ठीक हो जाते हैं. निमोनिया ठंड के केस में सफेदे के पत्ते की भांप बहुत कारगर सिद्ध होती है.
उन्होंने कहा कि पशुओं को निवाए पानी में थोड़ा-थोड़ा नमक डालकर पिलाते रहें. पशुपालक बलविंदर ने बताया कि पशु चिकित्सकों ने उन्हें ठंड से पशुओं को बचाने के तरीके बताए हैं. उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सक ने बताया कि पशुओं को बांधने के स्थान पर सूखा तूड़ा इत्यादि डालकर रखे, ताकि पशु को नीचे से ठंड ना लगे. जब भी पशुपालन विभाग मुंह खुर व गलघोंटू इत्यादि का टीकाकरण करें, उसे आवश्यक करवाएं. उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सक द्वारा दी गई जानकारी उनके लिए कारगर साबित होगी.
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