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National Backward Class Front Protest: महिला आरक्षण कानून में ओबीसी कोटे को लेकर पिछड़ा वर्ग का प्रदर्शन, बोले- जिसकी जितनी संख्या भारी, उसको उतनी हिस्सेदारी

National Backward Class Front Protest: भिवानी में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा ने महिला आरक्षण कानून में ओबीसी को अलग कोटा दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. संगठन के कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी जमकर नारेबाजी करते हुए बड़े आंदोलन की चेतावनी दी.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 17, 2023, 4:01 PM IST

National Backward Class Front Protest
National Backward Class Front Protest
महिला आरक्षण कानून में ओबीसी कोटे को लेकर पिछड़ा वर्ग का प्रदर्शन

भिवानी: केंद्र सरकार ने भले ही संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून बना दिया हो, लेकिन इस कानून में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं की भागीदारी पर कोई चर्चा नहीं की गई, जिसके बाद अब पिछड़ा वर्ग प्रदर्शन की राह पकड़ रहा है. पिछड़ा वर्ग के लोगों में सरकार के प्रति खासी नाराजगी देखने को मिल रही है और वो विभिन्न तरीकों से रोष जताकर अपनी आवाज केंद्र सरकार तक पहुंचाने की कोशिश में जुट गए हैं.

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय संरक्षक वामन मेश्राम और राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी विकास पटेल के आह्वान पर मंगलवार को देश भर के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर मांगपत्र सौंपा गया. इसी के तहत भिवानी में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा व पिछड़ा वर्ग कल्यासण महासभा हरियाणा के बैनर तले विभिन्न संगठनों एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों ने चरणबद्ध आंदोलनों की कड़ी में प्रदर्शन किया और तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति को मांगपत्र सौंपा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि जिसकी जितनी संख्या भारी, उसको उतनी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- Women Reservation Bill: जानिए महिला आरक्षण विधेयक पर क्या बोले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल?

National Backward Class Front Protest
प्रदर्शन करते राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कार्यकर्ता.

इस मौके पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति ने कहा कि एक तरफ तो भाजपा सरकार पिछड़ा वर्ग के उत्थान की बात करती है, वहीं अब पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण से वंचित कर पिछड़ा वर्ग से उनके राजनीतिक उत्थान का अवसर छीन लिया. उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग और महिला हितैषी होने का ढोंग रचने वाली भाजपा सरकार ने महिला आरक्षण बिल में पिछड़ा वर्ग की भागीदारी ना करके ओबीसी वर्ग विरोधी होने का स्पष्ट प्रमाण दिया है.

प्रजापति ने कहा कि आज कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के हितों की बात कर रहा है, लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों में ही ओबीसी की गिनती नहीं करवाई जा रही और ना ही उनकी संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी की बात कही जा रही है, जिससे कि कांग्रेस की भी दोगली नीति सामने आ रही है. इस मौके पर अशोक जोगी ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के लोग हमेशा से राजनीतिक भेदभाव का शिकार हुए हैं, उसके बावजूद भी ओबीसी वर्ग की महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के कोटे से बाहर रखना उनके साथ सरासर अन्याय है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- womens reservation bill passed in Rajya Sabha: महिला आरक्षण बिल राज्यसभा से भी पास, पक्ष में 214 वोट पड़े, विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा

महिला आरक्षण कानून में ओबीसी कोटे को लेकर पिछड़ा वर्ग का प्रदर्शन

भिवानी: केंद्र सरकार ने भले ही संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून बना दिया हो, लेकिन इस कानून में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं की भागीदारी पर कोई चर्चा नहीं की गई, जिसके बाद अब पिछड़ा वर्ग प्रदर्शन की राह पकड़ रहा है. पिछड़ा वर्ग के लोगों में सरकार के प्रति खासी नाराजगी देखने को मिल रही है और वो विभिन्न तरीकों से रोष जताकर अपनी आवाज केंद्र सरकार तक पहुंचाने की कोशिश में जुट गए हैं.

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय संरक्षक वामन मेश्राम और राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी विकास पटेल के आह्वान पर मंगलवार को देश भर के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर मांगपत्र सौंपा गया. इसी के तहत भिवानी में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा व पिछड़ा वर्ग कल्यासण महासभा हरियाणा के बैनर तले विभिन्न संगठनों एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों ने चरणबद्ध आंदोलनों की कड़ी में प्रदर्शन किया और तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति को मांगपत्र सौंपा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि जिसकी जितनी संख्या भारी, उसको उतनी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.

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National Backward Class Front Protest
प्रदर्शन करते राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कार्यकर्ता.

इस मौके पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति ने कहा कि एक तरफ तो भाजपा सरकार पिछड़ा वर्ग के उत्थान की बात करती है, वहीं अब पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण से वंचित कर पिछड़ा वर्ग से उनके राजनीतिक उत्थान का अवसर छीन लिया. उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग और महिला हितैषी होने का ढोंग रचने वाली भाजपा सरकार ने महिला आरक्षण बिल में पिछड़ा वर्ग की भागीदारी ना करके ओबीसी वर्ग विरोधी होने का स्पष्ट प्रमाण दिया है.

प्रजापति ने कहा कि आज कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के हितों की बात कर रहा है, लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों में ही ओबीसी की गिनती नहीं करवाई जा रही और ना ही उनकी संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी की बात कही जा रही है, जिससे कि कांग्रेस की भी दोगली नीति सामने आ रही है. इस मौके पर अशोक जोगी ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के लोग हमेशा से राजनीतिक भेदभाव का शिकार हुए हैं, उसके बावजूद भी ओबीसी वर्ग की महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के कोटे से बाहर रखना उनके साथ सरासर अन्याय है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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