भिवानी: पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में सर्दी बढ़ गई है. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो यह मौसम अगले 48 घंटों तक इसी प्रकार से बना रहेगा. क्षेत्र में सर्दी के साथ कोहरा भी छाया रहेगा. पश्चिम विक्षोभ के कारण 7 जनवरी के बाद तापमान में और गिरावट आने की संभावना है. कृषि विशेषज्ञों (agriculture expert advice) ने बदलते मौसम के कारण फसलों में होने वाली बीमारियों से बचाव के सुझाव दिए हैं. गिरते पारे के कारण सरसों की फसल (save mustard crop from disease) में सफेद रतवा नामक बीमारी होने की संभावना है.
जिले में अभी दिन का तापमान 14 डिग्री वहीं रात का तापमान 6 डिग्री बना हुआ है. अगले दो दिन बाद तापमान में 2 से 3 डिग्री गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है. कृषि विशेषज्ञ डॉ. मीनू ने किसानों को फसल बचाव के सुझाव देते हुए कहा कि गिरते पारे के कारण सरसों की फसल में सफेद रतवा की समस्या आ सकती है. किसानों को निगरानी करनी चाहिए, वे पत्तों को पलटकर देखेंगे तो सफेद रंग के धब्बे मिलेंगे.
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उन्होंने कहा कि सफेद रतवा को इसी स्टेज पर कंट्रोल नहीं किया गया, तो फलियां बनने की स्टेज तक फसल खराब हो जाती है. इसके बाद इस बीमारी का कोई उपचार नहीं होता है. ऐसे में किसानों को चाहिए कि वे सरसों की फसल में सफेद रतवा के अटैक को पहचानकर समय पर उसका इलाज करें. इसके लिए किसान 600 से 800 ग्राम मैंगोजर दवाई का छिड़काव 200 लीटर पानी में मिलाकर दो से तीन बार फसल पर करें, जिससे बीमारी भी नहीं होगी और पैदावार भी अच्छी होगी.
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उन्होंने कहा कि यदि तने में बीमारी हो तो प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम कॉर्बेंडाजिन दवाई का इस्तेमाल करें, ताकि सरसों की फसल पर दुष्प्रभाव ना हो. इसके साथ ही पाले से बचाने के लिए फसल की हल्की सिंचाई भी करें. उन्होंने बताया कि कुछ किसानों ने खरपतवार नाशी का छिड़काव किया है. जिससे गेहूं की फसल में पीलापन आ रहा है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है. खरपतवार नाशी का उपयोग करने पर कुछ समय के लिए पीलापन दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि किसान जिंक और यूरिया का हल्का स्प्रे कर सकते हैं. (Weather update bhiwani)
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इससे दस दिन बाद पौधा फिर से रिवाइज होना शुरू होगा. कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को समय पर बुवाई व जोत करने की सलाह दी है. जिससे फसल की वैरायटी अच्छी बनी रहे. उन्होंने कहा कि किसानों को अलग-अलग फसल की वैरायटी के साथ पूरा हिसाब भी रखना चाहिए. इससे किसानों को बाद में यह पता चल सके कि कौनसी फसल में और कौनसी वैरायटी से कितना मुनाफा हुआ है. उन्होंने पशुपालकों को भी अपने पशुओं को ठंड से बचाकर रखने की सलाह दी है. (Weather update haryana)