भिवानी: कृषि तथा किसान कल्याण विभाग भिवानी ने खाद और बीज की गुणवत्ता को लेकर भिवानी में पंजीकृत खाद, बीज व दवाइयों के प्राइवेट विक्रेताओं की दुकानों पर सैंपलिंग भरने का अभियान चलाया. इस दौरान लिए गए खाद, बीज और पेस्टिसाइड के नमूनों को संबंधित प्रयोगशाला में भेजा गया. अगर जांच में गुणवत्ता अमानक पाई जाती है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
कृषि विभाग भिवानी के उप निदेशक डॉक्टर विनोद कुमार फौगाट ने बताया कि विभाग द्वारा भिवानी जिले में चलाए गए सैंपल अभियान के दौरान अभी तक बीज के 130, खाद के 50 और पेस्टीसाइड के 35 नमूने लिए जा चुके हैं, जिन्हें संबंधित लैब में भेजा गया है. उन्होंने कहा कि जांच की रिपोर्ट सही नहीं आती है तो कार्रवाई भी की जाएगी.
उन्होंने बताया कि भिवानी जिले में अभी तक 4 लाख 88 हजार बैग यूरिया एवं 4 लाख 84 हजार बैग डीएपी खाद के सप्लाई किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए कृषि विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. बाजार मे 20 हजार डीएपी खाद के बैग और 2 लाख यूरिया के बैग स्टॉक में हैं.
किसान पुरुषोत्तम ने कृषि विभाग के इस अभियान को सराहनीय बताते हुए कहा कि इससे किसानों के साथ धोखाधड़ी नहीं होगी, क्योंकि नकली खाद बीज से फसल की औसत से कम पैदावार होती है. किसान धोखाधड़ी का शिकार नहीं होंगे और किसानों का आर्थिक नुकसान भी नहीं होगा. जो विक्रेता जबरदस्ती खाद के साथ बीज और अन्य दवाइयां टैगिंग करके बेचते थे उनमें अब भय का माहौल है.
गौरतलब है कि कृषि विभाग का सैम्पलिंग अभियान उन किसानों के लिए रामबाण से कम नहीं जो मजबूरी में, विक्रेता द्वारा की गई ,डीएपी खाद के साथ बीज की टैगिंग उच्च दामों में लेते थे.
ये भी पढ़ें- हरियाणा के इस जिले में नकली डीएपी खाद की बिक्री, भड़के किसानों ने किया प्रदर्शन, कार्रवाई की मांग
ये भी पढ़ें- रोहतक: नकली खाद, बीज व खरपतवार की दवाई से किसान की फसल हुई बर्बाद