भिवानी: हरियाणा में इन दिनों डीएपी खाद की कमी (Dap Fertilizer Shortage In Haryana) से किसान परेशान हैं. घंटों लाइन में लगने के बाद भी किसानों को डीएपी खाद नहीं मिल रहा है. वहीं कृषि वैज्ञानिक किसानों को डीएपी की जगह सिंगल सुपर फास्फेट यानी एसएसपी (Single Super Phosphate) खाद के इस्तेमाल करने की सलाह दे रहा हैं. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक एसएसपी खाद डीएपी के मुकाबले ज्यादा सस्ता है. इससे प्रति एकड़ लागत भी कम होगी और किसानों को डीएपी खाद के लिए लंबी-लंबी लाइनें भी नहीं लगानी पड़ेगी.
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि डीएपी के स्थान पर एसएसपी का प्रयोग करने से ना केवल सरसों की पैदावार बढ़ेगी, बल्कि भूमि की उर्वरता शक्ति में भी बढ़ोत्तरी होगी बल्कि प्रति एकड़ 600 से 800 रुपये की प्रति एकड़ की बचत भी होगी. भिवानी के खंड कृषि विकास अधिकारी विरेंद्र भाकर ने बताया कि एसएसपी बाजार में आसानी से प्रति कट्टा 350 रुपये में उपलब्ध हो रहा है, जबकि डीएपी 1200 रुपये प्रति कट्टा उपलब्ध हो रहा है. डीएपी की जरूरत वर्तमान में सरसों की बिजाई के दौरान नहीं है.
ऐसे में बहुत से किसान सरसों के साथ भविष्य में गेहूं की बिजाई के लिए भी डीएपी की खरीद कर स्टॉक कर लेना चाह रहे हैं, जो कि उचित नहीं है. उन्होंने बताया कि एसएसपी में 16 प्रतिशत फास्फेट और 11 प्रतिशत सल्फर होती है. इसके साथ 15 से 20 किलोग्राम प्रति एकड़ यूरिया मिला दी जाए तो ये डीएपी से भी बेहतर खाद बन जाती है. जिसका प्रयोग सरसों की खेती में किया जा सकता है.
भिवानी के प्रगतिशील किसान सुनील, श्याम सुंदर, नरेश ने बताया कि वो पिछले तीन सालों से सरसों में डीएपी की बजाए एसएसपी का प्रयोग कर रहे हैं. इससे उनकी सरसों की फसल में बढ़ोत्तरी हुई है. सरसों के दाने में तैलीय मात्रा भी बढ़ी है. इसके साथ ही प्रति एकड़ खाद की लागत भी कम आई है, क्योंकि डीएपी का कट्टा 1200 में मिलता है, जबकि उसके स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट का कट्टा मात्र 350 रुपये में मिलता है.