ETV Bharat / state

भिवानी: स्कूली बस्ते के वजन की जांच में फंसे जिले के 32 निजी स्कूल, मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भिवानी के 32 स्कूलों को अपने रडॉर पर ले लिया है. इन स्कूलों पर निर्धारित बस्ते के वजन से डेढ़ गुणा तक पाठयक्रम की पुस्तकों के वजन और निजी प्रकाशन की पुस्तकों को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं.

स्कूली बस्ते के वजन की जांच में फंसे जिले के 32 निजी स्कूल, मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश
author img

By

Published : Sep 8, 2019, 6:08 PM IST

भिवानी: मानव संसाधन विकास मंत्रालय के रडॉर पर अब भिवानी जिले के 32 ऐसे स्कूल आ गए हैं, जहां पढ़ाई करने वाले बच्चों की पीठ पर निर्धारित वजन से डेढ़ गुणा बोझ लादा गया. मामले में कार्रवाई के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हरियाणा स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को आदेश जारी किए हैं.

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार द्वारा शिक्षा विभाग को इस मामले में शिकायत दी थी. जिसके बाद उप जिला शिक्षा अधिकारी की अगुवाई में टीम ने 32 स्कूलों के अंदर पहुंचकर पाठयक्रम संबंधी मामले की जांच की थी. इस जांच रिपोर्ट में सभी स्कूलों के अंदर कक्षावार बच्चे के बस्ते के निर्धारित वजन से डेढ़ गुणा तक किताबें पाई गई थीं.

जबकि अधिकांश निजी स्कूलों में प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें भी पढ़ाई जा रही थी. हरियाणा में चल रहे सीबीएसई और हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता रखने वाले निजी विद्यालयों के अंदर एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पाठयक्रम की पुस्तकें ही पढ़ाना अनिवार्य है. इसके अलावा निजी प्रकाशकों की किताबें निजी स्कूलों में किसी भी सूरत में नहीं लगाए जाने की सख्त हिदायतें हैं.

स्कूली बस्ते के वजन की जांच में फंसे जिले के 32 निजी स्कूल, मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने आठ अप्रैल 2019 को मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर निजी स्कूलों द्वारा निजी प्रकाशकों की पाठय पुस्तकें लगाए जाने और निर्धारित वजन से अधिक बस्ते का बोझ बच्चों की पीठ पर लादे जाने पर कार्रवाई की मांग की गई थी.

इस शिकायत पर शिक्षा विभाग ने अधिकारियों एक कमेटी उप जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में गठित की. जिसने संबंधित निजी स्कूलों के अंदर जाकर पाठयक्रम से सम्बंधित मामले की जांच पड़ताल की. कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट 15 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप दी थी. इस जांच रिपोर्ट में उप जिला शिक्षा अधिकारी की कमेटी द्वारा सभी निजी स्कूलों के निरीक्षण में बच्चों के बस्ते का वजन निर्धारित वजन से डेढ़ गुणा दर्शाया है, जबकि इन स्कूलों में बच्चों को निजी प्रकाशकों की पुस्तकें भी पढ़ाई जा रही थी.

ये भी पढ़ें: रविशंकर प्रसाद की लॉ स्टूडेंट्स को सलाह, कहा- वकालत से गरीबों की करें मदद

इस जांच रिपोर्ट को जिला शिक्षा अधिकारी ने सीबीएसई बोर्ड और हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय को भेजा है. वहीं अब इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी कड़ा संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव को संबंधित विद्यालयों के खिलाफ शिक्षा निमावली के अंतर्गत कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

बता दें कि कक्षा पहली से दूसरी के बच्चों के बस्ते का वजन डेढ़ किलोग्राम, कक्षा तीसरी से पांचवीं के बच्चों के लिए दो से तीन किलोग्राम, कक्षा छठी से आठवीं चार किलोग्राम, आठवीं से नौंवी चार से पांच किलोग्राम, दसवीं से बारहवीं पांच किलोग्राम से अधिक किताबों का वजन नहीं होना चाहिए.

भिवानी: मानव संसाधन विकास मंत्रालय के रडॉर पर अब भिवानी जिले के 32 ऐसे स्कूल आ गए हैं, जहां पढ़ाई करने वाले बच्चों की पीठ पर निर्धारित वजन से डेढ़ गुणा बोझ लादा गया. मामले में कार्रवाई के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हरियाणा स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को आदेश जारी किए हैं.

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार द्वारा शिक्षा विभाग को इस मामले में शिकायत दी थी. जिसके बाद उप जिला शिक्षा अधिकारी की अगुवाई में टीम ने 32 स्कूलों के अंदर पहुंचकर पाठयक्रम संबंधी मामले की जांच की थी. इस जांच रिपोर्ट में सभी स्कूलों के अंदर कक्षावार बच्चे के बस्ते के निर्धारित वजन से डेढ़ गुणा तक किताबें पाई गई थीं.

जबकि अधिकांश निजी स्कूलों में प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें भी पढ़ाई जा रही थी. हरियाणा में चल रहे सीबीएसई और हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता रखने वाले निजी विद्यालयों के अंदर एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पाठयक्रम की पुस्तकें ही पढ़ाना अनिवार्य है. इसके अलावा निजी प्रकाशकों की किताबें निजी स्कूलों में किसी भी सूरत में नहीं लगाए जाने की सख्त हिदायतें हैं.

स्कूली बस्ते के वजन की जांच में फंसे जिले के 32 निजी स्कूल, मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने आठ अप्रैल 2019 को मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर निजी स्कूलों द्वारा निजी प्रकाशकों की पाठय पुस्तकें लगाए जाने और निर्धारित वजन से अधिक बस्ते का बोझ बच्चों की पीठ पर लादे जाने पर कार्रवाई की मांग की गई थी.

इस शिकायत पर शिक्षा विभाग ने अधिकारियों एक कमेटी उप जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में गठित की. जिसने संबंधित निजी स्कूलों के अंदर जाकर पाठयक्रम से सम्बंधित मामले की जांच पड़ताल की. कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट 15 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप दी थी. इस जांच रिपोर्ट में उप जिला शिक्षा अधिकारी की कमेटी द्वारा सभी निजी स्कूलों के निरीक्षण में बच्चों के बस्ते का वजन निर्धारित वजन से डेढ़ गुणा दर्शाया है, जबकि इन स्कूलों में बच्चों को निजी प्रकाशकों की पुस्तकें भी पढ़ाई जा रही थी.

ये भी पढ़ें: रविशंकर प्रसाद की लॉ स्टूडेंट्स को सलाह, कहा- वकालत से गरीबों की करें मदद

इस जांच रिपोर्ट को जिला शिक्षा अधिकारी ने सीबीएसई बोर्ड और हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय को भेजा है. वहीं अब इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी कड़ा संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव को संबंधित विद्यालयों के खिलाफ शिक्षा निमावली के अंतर्गत कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

बता दें कि कक्षा पहली से दूसरी के बच्चों के बस्ते का वजन डेढ़ किलोग्राम, कक्षा तीसरी से पांचवीं के बच्चों के लिए दो से तीन किलोग्राम, कक्षा छठी से आठवीं चार किलोग्राम, आठवीं से नौंवी चार से पांच किलोग्राम, दसवीं से बारहवीं पांच किलोग्राम से अधिक किताबों का वजन नहीं होना चाहिए.

Intro:स्कूली बस्ते के वजन की जांच में फंसे जिले के 32 निजी स्कूल
मानव संसाधन मंत्रालय के रेडॉर पर आए
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने की थी कार्रवाई
कक्षावार निर्धारित किया हुआ है स्कूली बच्चों के बस्ते का वजन
जांच में डेढ़ गुणा तक पाई थी बच्चों के पास किताबें 
भिवानी, 8 सितंबर। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के रेडॉर पर अब भिवानी जिले के 32 ऐसे स्कूल आ गए हैं, जिनके अंदर पढ़ाई करने वाले बच्चों की पीठ पर निर्धारित वजन से डेढ़ गुणा बोझ लादा गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जिले के 32 निजी स्कूलों में निर्धारित बस्ते के वजन से डेढ़ गुणा तक पाठयक्रम की पुस्तकों के वजन मामले में कार्रवाई के लिए हरियाणा स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को आदेश जारी किए हैं।
Body:     स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार द्वारा शिक्षा विभाग को इस मामले में शिकायत दी थी। जिसके बाद उप जिला शिक्षा अधिकारी की अगुवाई में टीम ने 32 स्कूलों के अंदर पहुंचकर पाठयक्रम संबंधी मामले की जांच की थी। इस जांच रिपोर्ट में सभी स्कूलों के अंदर कक्षावार बच्चे के बस्ते के निर्धारित वजन से डेढ़ गुणा तक किताबें पाई गई थी। जबकि अधिकांश निजी स्कूलों में प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें भी पढ़ाई जा रही थी। हरियाणा में चल रहे सीबीएसई व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता रखने वाले निजी विद्यालयों के अंदर एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पाठयक्रम की पुस्तकें ही पढ़ाना अनिवार्य किया हुआ है। इसके अलावा निजी प्रकाशकों की किताबें निजी स्कूलों में किसी भी सुरत में नहीं लगाए जाने की सख्त हिदायतें हैं।     स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने आठ अप्रैल 2019 को मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर निजी स्कूलों द्वारा निजी प्रकाशकों की पाठय पुस्तकें लगाए जाने व निर्धारित वजन से अधिक बस्ते का बोझ बच्चों की पीठ पर लादे जाने पर कार्रवाई की मांग की गई थी। इस शिकायत पर शिक्षा विभाग ने अधिकारियों एक कमेटी उप जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में गठित की गई। जिसने संबंधित निजी स्कूलों के अंदर जाकर पाठयक्रम से सम्बंधित मामले की जांच पड़ताल की। कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट 15 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप दी। इस जांच रिपोर्ट में उप जिला शिक्षा अधिकारी की कमेटी द्वारा सभी निजी स्कूलों के निरीक्षण में बच्चों के बस्ते का वजन निर्धारित वजन से डेढ़ गुणा दर्शाया है, जबकि इन स्कूलों में बच्चों को निजी प्रकाशकों की पुस्तकें भी पढ़ाई जा रही थी। जिसका हवाला भी जांच रिपोर्ट में दिया गया है। इस जांच रिपोर्ट को जिला शिक्षा अधिकारी ने सीबीएसई बोर्ड व हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय को भेजा है। वहीं अब इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी कड़ा संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव को संबंधित विद्यालयों के खिलाफ शिक्षा निमावली के अंतर्गत कार्रवाई के आदेश दिए हैं।Conclusion:     बता दे की कक्षा पहली से दूसरी के बच्चे के बास्ते का वजन डेढ़ किलोग्राम, कक्षा तीसरी से पांचवीं दो से तीन किलोग्राम, कक्षा छठी से आठवीं चार किलोग्राम, आठवीं से नौंवी चार से पांच किलोग्राम, दसवीं से बारहवीं पांच किलोग्राम से अधिक किताबों का वजन नहीं होना चाहिए। 
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.