ETV Bharat / state

2000 Rupee Note: 2 हजार के नोट बंद होने का लोगों ने किया स्वागत, बोले: नोटबंदी के वास्तविक उद्देश्य की होगी पूर्ति - 2000 रुपये के नोट बंद होने पर लोगों की प्रतिक्रिया

दो हजार रुपये के नोट चलन से बाहर करने के फैसले का भिवानी जिले के लोगों ने स्वागत किया है. लोगों का कहना है कि आम लोगों पर इस फैसले का कोई फर्क नहीं पड़ेगा. पढ़ें पूरी खबर...

bhiwani latest news, भिवानी लेटेस्ट न्यूज़
भिवानी निवासी प्रतिक्रिया देते हुए.
author img

By

Published : May 21, 2023, 8:21 AM IST

भिवानी निवासी प्रतिक्रिया देते हुए.

भिवानी: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दो हजार रुपये का नोट वापस लिए जाने का आम नागरिकों ने स्वागत करते हुए इसे अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर कदम बताया है. आमजन का कहना है कि दो हजार रुपये का नोट उद्योगपतियों व अधिक आर्थिक क्षमता वाले लोगों के लिए प्रयोग की चीज थी. आमजन इसका प्रयोग ना के बराबर कर रहे थे. ऐसे में दो हजार रुपये के नोट को बंद किए जाने का उन पर कोई व्यापक प्रभाव नहीं पड़ेगा. बता दें कि भिवानी जिले के विभिन्न बैंकों में दो हजार रुपये के नोट को बदलवाने को लेकर भी कोई गहमागहमी भी नजर नहीं आई.

साल 2016 में दो हजार रुपये के नोट को RBI के कानून की 1934 की धारा 24 (1) के तहत इसीलिए जारी किया गया था कि उस समय बाजार में 500 व एक हजार रुपये के नोट को नोटबंदी के तहत वापस लिया गया था और उस पर पड़ने वाले असर को कम किया जा सके. 90 प्रतिशत के लगभग दो हजार रुपये के नोट साल 2017 से पहले के जारी किए हुए हैं. दो हजार रुपये का नोट मार्केट में लाए जाने का उद्देश्य पूर्ण होने के बाद अब RBI ने इसे वापस लेते हुए 30 सितंबर तक इसे बैंकों में वापस जमा करवाने का सर्कुलर जारी किया है.

'नोटबंदी का वास्तविक उद्देश्य होगा पूरा': भिवानी के चार्टेड अकाऊंटेंट पुनीत मेहता ने बताया कि दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्था वाले जितने भी देश हैं, उनमें बड़े नोट प्रचलन में नहीं है. यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बेहतर कदम भी है. दो हजार के नोट को वापस लेने से 2016 में ली गई नोटबंदी का वास्तविक उद्देश्य पूरा हो पाएगा. उन्होंने कहा कि दो हजार के नोट को वापस लेने के लिए वे देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर मानते हैं और इस फैसले का स्वागत करते हैं.

'2 हजार का नोट बंद होने से लोगों पर कोई असर नहीं': वहीं, भिवानी निवासी सुरेंद्र, पुरूषोत्तम, जितेंद्र, मुकेश व रवि ने बताया कि आमजन दो हजार रुपये के नोट का प्रयोग ना के बराबर करते हैं. ऐसे में इसके बंद किए जाने का उनके जनजीवन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है. उन्हें नहीं लगता कि 2016 की जगह नोटबंदी के समय जो भीड़ बैंकों में हुई थी, वैसी ही भीड़ अब बैंकों में होगी, क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दो हजार के नोट को वापस लेने के लिए चार महीने से अधिक का समय दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि बहुत कम संख्या में नागरिक दो हजार के नोट को अपने पास रखते हैं. उन्होंने कहा कि आज का दौर ऑनलाइन माध्यम से लेन-देन का हो गया है. ऐेसे में दो हजार के नोट का औचित्य कम ही नजर आता है.

Read Also- 2000 के नोट बंद होने पर हरियाणा में सियासी संग्राम, कांग्रेस ने उठाए सवाल तो BJP ने बताया 'मास्टर स्ट्रोक'

भिवानी निवासी प्रतिक्रिया देते हुए.

भिवानी: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दो हजार रुपये का नोट वापस लिए जाने का आम नागरिकों ने स्वागत करते हुए इसे अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर कदम बताया है. आमजन का कहना है कि दो हजार रुपये का नोट उद्योगपतियों व अधिक आर्थिक क्षमता वाले लोगों के लिए प्रयोग की चीज थी. आमजन इसका प्रयोग ना के बराबर कर रहे थे. ऐसे में दो हजार रुपये के नोट को बंद किए जाने का उन पर कोई व्यापक प्रभाव नहीं पड़ेगा. बता दें कि भिवानी जिले के विभिन्न बैंकों में दो हजार रुपये के नोट को बदलवाने को लेकर भी कोई गहमागहमी भी नजर नहीं आई.

साल 2016 में दो हजार रुपये के नोट को RBI के कानून की 1934 की धारा 24 (1) के तहत इसीलिए जारी किया गया था कि उस समय बाजार में 500 व एक हजार रुपये के नोट को नोटबंदी के तहत वापस लिया गया था और उस पर पड़ने वाले असर को कम किया जा सके. 90 प्रतिशत के लगभग दो हजार रुपये के नोट साल 2017 से पहले के जारी किए हुए हैं. दो हजार रुपये का नोट मार्केट में लाए जाने का उद्देश्य पूर्ण होने के बाद अब RBI ने इसे वापस लेते हुए 30 सितंबर तक इसे बैंकों में वापस जमा करवाने का सर्कुलर जारी किया है.

'नोटबंदी का वास्तविक उद्देश्य होगा पूरा': भिवानी के चार्टेड अकाऊंटेंट पुनीत मेहता ने बताया कि दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्था वाले जितने भी देश हैं, उनमें बड़े नोट प्रचलन में नहीं है. यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बेहतर कदम भी है. दो हजार के नोट को वापस लेने से 2016 में ली गई नोटबंदी का वास्तविक उद्देश्य पूरा हो पाएगा. उन्होंने कहा कि दो हजार के नोट को वापस लेने के लिए वे देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर मानते हैं और इस फैसले का स्वागत करते हैं.

'2 हजार का नोट बंद होने से लोगों पर कोई असर नहीं': वहीं, भिवानी निवासी सुरेंद्र, पुरूषोत्तम, जितेंद्र, मुकेश व रवि ने बताया कि आमजन दो हजार रुपये के नोट का प्रयोग ना के बराबर करते हैं. ऐसे में इसके बंद किए जाने का उनके जनजीवन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है. उन्हें नहीं लगता कि 2016 की जगह नोटबंदी के समय जो भीड़ बैंकों में हुई थी, वैसी ही भीड़ अब बैंकों में होगी, क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दो हजार के नोट को वापस लेने के लिए चार महीने से अधिक का समय दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि बहुत कम संख्या में नागरिक दो हजार के नोट को अपने पास रखते हैं. उन्होंने कहा कि आज का दौर ऑनलाइन माध्यम से लेन-देन का हो गया है. ऐेसे में दो हजार के नोट का औचित्य कम ही नजर आता है.

Read Also- 2000 के नोट बंद होने पर हरियाणा में सियासी संग्राम, कांग्रेस ने उठाए सवाल तो BJP ने बताया 'मास्टर स्ट्रोक'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.