अंबाला: जिले में आवारा कुत्तों की नसबंदी का काम कछुए की चाल चल रहा है. इस धीमी गति की वजह से स्टाफ और एनिस्थिसिया की कमी बताया जा रहा है. अंबाला में स्ट्रीट डॉग की संख्या 15 हजार के करीब है जबकि 7 माह में अब तक सिर्फ 2186 की कुत्तों की ही नसबंदी हो पाई.
सात महीने में सिर्फ 2186 कुत्तों की हुई नसबंदी
अंबाला में आवारा कुत्ते जनता के लिए बहुत बड़ी समस्या रही है. जिसका समाधान करने के लिए नगर निगम ने स्ट्रीट डॉग की नसबंदी के लिए मेसर्ज जयंत वैट हाउस को पिछले साल जुलाई में टेंडर अलॉट किया था. एजेंसी को एक साल में कुतों की नसबंदी और टीकाकरण का काम पूरा करना था, लेकिन सात महीने में अब तक सिर्फ 2186 की कुत्तों की ही नसबंदी हो पाई.
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हर रोज 15-20 कुत्तों की ही होती है नसबंदी
अंबाला में स्ट्रीट डॉग की संख्या 15 हजार के करीब है. एजेंसी ने अंबाला में स्ट्रे डॉग की नसबंदी के लिए पशु पालन विभाग के पुराने ऑफिस को ऑपेरशन थियेटर बनाया है. एजेंसी की गाड़ी में कर्मी सुबह डॉग्स को पकड़ने निकलते है और हर रोज 15 से 20 कुत्ते पकड़ लिए जाते है, फिर एक दिन बाद उनको बिना खाना दिए आराम में रखने के बाद उनकी नसबंदी की जाती है.
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'एनिस्थिसिया और स्टाफ की कमी की वजह से प्रभावी है काम'
नसबंदी का काम देख रहे डॉ. राकेश बिरजनिया का कहना है कि 7 महीने में अभी तक 2186 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है. कोरोना काल मे एनिस्थिसिया और बाकी दवाइयों की कमी के साथ स्टाफ के छुटी पर चलते के कारण पिछले दिनों काम काफी प्रभावित रहा. हर रोज 15 से 20 कुत्तो की नसबंदी की जा रही है. उम्मीद है आगे इस संख्या मे निरतंर बढ़ोत्तरी होती रहेगी.
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