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प्रति किलोमीटर स्किम के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों का प्रदर्शन, वादाखिलाफी का आरोप

रोडवेज कर्मचारियों ने अंबाला छावनी के बस स्टैंड पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

रोडवेज कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
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Published : Jul 6, 2019, 11:34 AM IST

अंबाला: रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार रोडवेज का निजीकरण कर रही है. कर्मचारियों की सरकार से मांग है कि किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसें ठेके पर ना ली जाए.

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कर्मचारियों के मुताबिक किलोमीटर स्कीम की जांच विजिलेंस की बजाए माननीय हाई कोर्ट के सिटिंग जज से करवाया जाए. रोडवेज में नई बसों की संख्या बढ़ाना भी कर्मचारियों की मांग है.

रोडवेज कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन


मामले में रोडवेज कर्मचारी यूनियन प्रदेश महासचिव एवं रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य पहल सिंह ने कहा कि प्रदेश में जब पहली बार खट्टर सरकार आई थी उस समय रोडवेज के बेड़े के अंदर 4200 बसें थी, अब सिर्फ 3000 ही बसें रह चुकी हैं. उस समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि वो रोडवेज के बेड़े में बसों की संख्या 4200 से बढ़ाकर 4500 करेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं. उल्टा सरकार ने रोडवेज का निजीकरण करने का मन बना लिया है.

अंबाला: रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार रोडवेज का निजीकरण कर रही है. कर्मचारियों की सरकार से मांग है कि किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसें ठेके पर ना ली जाए.

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कर्मचारियों के मुताबिक किलोमीटर स्कीम की जांच विजिलेंस की बजाए माननीय हाई कोर्ट के सिटिंग जज से करवाया जाए. रोडवेज में नई बसों की संख्या बढ़ाना भी कर्मचारियों की मांग है.

रोडवेज कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन


मामले में रोडवेज कर्मचारी यूनियन प्रदेश महासचिव एवं रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य पहल सिंह ने कहा कि प्रदेश में जब पहली बार खट्टर सरकार आई थी उस समय रोडवेज के बेड़े के अंदर 4200 बसें थी, अब सिर्फ 3000 ही बसें रह चुकी हैं. उस समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि वो रोडवेज के बेड़े में बसों की संख्या 4200 से बढ़ाकर 4500 करेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं. उल्टा सरकार ने रोडवेज का निजीकरण करने का मन बना लिया है.

Intro:आज अंबाला छावनी के बस स्टैंड पर रोडवेज कर्मचारियों ने नागरिक सम्मेलन का आयोजन कर सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में आमजन को अवगत करवाया और साथ ही सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करी।


Body:रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार द्वारा किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसें ठेके पर लेने का निर्णय रद्द करने और किलोमीटर स्कीम की जांच विजिलेंस की बजाए माननीय हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाने व रोडवेज में नई बसों की संख्या बढ़ाने के लिए नागरिक सम्मेलन का आयोजन किया।

रोडवेज कर्मचारी यूनियन प्रदेश महासचिव एवं रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य पहल सिंह ने कहा कि प्रदेश में जब पहली बार खट्टर सरकार आई थी उस समय रोडवेज के बेड़े के अंदर 4200 बसे थी लेकिन अब सिर्फ 3000 ही बसे रह चुकी हैं उस समय प्रदेश के मुखिया ने कहा था कि वह रोडवेज के बेड़े में बसों की संख्या 4200 से बढ़ाकर 4500 करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्टा सरकार ने रोडवेज का निजीकरण करने का मन बना लिया उन्होंने 700 किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसें ठेके पर लेने का निर्णय निर्णय लिया जिसके हम सख्त खिलाफ हैं।

साथ ही उन्होंने बताया कि आज रोडवेज कर्मचारियों द्वारा नागरिक सम्मेलन अंबाला के इलावा सोनीपत फरीदाबाद एवं भिवानी रोडवेज डिपो पर भी किया जा रहा है।

बाइट, पहल सिंह, रोडवेज कर्मचारी यूनियन प्रदेश महासचिव और रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य


Conclusion:
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