यमुनानगर: शहर में जहां इस साल करीब 6 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई तो वहीं इस बार पराली को लेकर किसान काफी सजग दिखाई दिए. प्रशासन और कृषि विभाग के प्रयासों से इस बार पराली जलाने के पिछले साल के मुकाबले 57 फीसदी कम मामले सामने आए. इस बार 20 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर संबंधित कार्रवाई की गई.
हरियाणा में पराली जलाने को लेकर इस बार सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सरकार ने अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे. वहीं, किसानों ने भी जागरूकता दिखाई. यमुनानगर में पिछले साल के मुकाबले 57 फीसदी कम मामले सामने आए. पिछले 11 दिन से यमुनानगर जिले में कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है. बता दें कि इस सीजन पराली जलाने से संबंधित कृषि विभाग के पास 35 सूचनाएं पहुंची, जिनमें से 20 को सत्यापित किया गया और उन किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.
कृषि अधिकारी सतीश ने बताया कि पराली जलाने वालों से जुर्माना तो वसूला ही गया है, साथ ही साथ पर्यावरण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया और 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल पर उनकी रेड एंट्री कर दी गई है. उन्होंने बताया कि इस बार प्रशासन की सख्ती और उनकी टीमों की सजगता के कारण पराली जलाने के मामले बहुत कम सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि भी दे रही है. यह राशि लेने के लिए उन्हें पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.
6 करोड़ की प्रोत्साहन राशि डाली गई : कृषि विभाग के मुताबिक पिछले साल 10,240 किसानों को करीब 6 करोड़ 51 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि उनके खातों में डाली गई है. वहीं इस साल अब तक 7993 किसानों ने पोर्टल पर करीब 40,000 एकड़ का रजिस्ट्रेशन करवाया है. पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को सरकार की तरफ से ₹1000 प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
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